Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

खूबसूरती से भरपूर और भीड़भाड़ से दूर 'अस्कोट' है गर्मी में घूमने की शानदार जगह

चिलचिलाती गर्मी में सुकून तो बस ठंडी जगहों पर जाकर ही मिलता है। हालांकि दिल्ली राजस्थान हरियाणा और ऐसी आसपास जगह रहने वालों की भीड़ उत्तराखंड हिमाचल ही पहुंचती है जिस वजह से यहां दो दिन की छुट्टी हो या लॉन्ग वीकेंड हमेशा ही पर्यटकों से भरी रहती है। ऐसे में अस्कोट जाकर आप ले सकते हैं रिलैक्सिंग वेकेशन का मजा।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Tue, 18 Jun 2024 11:20 AM (IST)
Hero Image
अस्कोट में घूमने वाली जगह (Pic credit- city.pithoragarh/instagram)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप घुमंतू होने के साथ ही एडवेंचर पसंद भी है, तो आज हम आपको ऐसी एक जगह के बारे में बताने वाले हैं, जहां आकर आप अपने इन दोनों शौक को कर सकते हैं पूरा। दो से तीन दिनों की छुट्टियां बिताने के लिए अगर आप किसी बजट डेस्टिनेशन की तलाश में हैं, तो उत्तराखंड के अस्कोट को कर सकते हैं अपने प्लान में शामिल। अस्कोट उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील में स्थित है। पहाड़ों, नदियों से घिरी यह जगह खूबसूरत तो है ही साथ ही बेहद शांत भी। उत्तराखंड के बाकी जगहों जैसी भीड़ यहां देखने को नहीं मिलती, जिस वजह से यहां के नजारों को आप आराम और करीब से एन्जॉय कर सकते हैं। 

अस्कोट शब्द का मतलब होता है अस्सी कोट। माना जाता है कि एक समय में अस्कोट में 80 किले हुआ करते थे। कुछ किलों के अवशेष अभी भी देखे जा सकते हैं। अस्कोट मशहूर कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुरुआती प्वॉइंट भी है, तो देर किस बात की आने वाले वीकेंड में बना लें इसे एक्सप्लोर करने का प्लान। 

अस्कोट में घूमने वाली जगह

अस्कोट कस्तूरी हिरण सैंक्चुअरी (Askot Musk Deer Sanctuary)

अस्कोट सैंक्चुअरी को कस्तूरी हिरणों के बचाव के लिए बनाया गया था। इसकी स्थापना 1986 में की गई थी। बर्फ से ढके पहाड़, खूबसूरती घाटियां और ग्लेशियर इस सैंक्चुअरी की खूबसूरती में तो चार चांद लगाते ही हैं, साथ ही सैंक्चुअरी को जीव-जंतुओं के रहने के अनुकूल भी बनाते हैं। ये सैंक्चुअरी धौली और इकली नदियों का उद्गम स्थान भी है। कुमाऊं पहाड़ों के बीच स्थित इस अभ्यारण्य से पंचचुली और नौकना पहाड़ों को भी निहारा जा सकता है। 

ये भी पढ़ेंः- नैनीताल से लेकर मसूरी तक, उत्तराखंड की इन 5 जगहों का जरूर करें दौरा, दिल हो जाएगा खुश

जौलजीबी (Jaulijibi)

जौलजीबी में आप गोरी और काली गंगा नदियों का मिलन देख सकते हैं। अस्कोट से इस जगह पहुंचने के लिए आपको 15 किमी का सफर तय करना पड़ता है। यहां आकर आपको एक अलग ही तरह की शांति महसूस होती है। जहां शांति से बैठकर नजारों को एन्जॉय कर सकते हैं। 

कब जाएं अस्कोट?

अस्कोट घूमने के लिए गर्मियों बेस्ट सीजन हैं। जब उत्तर भारत में चिलचिलाती गर्मी पड़ रही होती है, तो यहां का मौसम सुकून देने वाला होता है, लेकिन अगर आप स्नोफॉल का आनंद लेना चाहते हैं, तो सर्दियों में भी यहां आने की प्लानिंग कर सकतेे हैं। मानसून में यहां आना अवॉयड करें। 

कैसे पहुंचें अस्कोट?

अस्कोट पहुंचने के दो रास्ते हैं। ट्रेन और सड़क दोनों ऑप्शन हैं यहां पहुंचने के लिए। ट्रेन से आ रहे हैं, तो काठगोदाम नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जहां से आपको बस या टैक्सी मिल जाएगी अस्कोट के लिए। 

अगर आप रोड से आना चाहते हैं, तो दिल्ली से नेशनल हाईवे 24 और 9 लेकर अस्कोट तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

ये भी पढ़ेंः- गर्मियों में सुकून दिलाने वाले ठिकानों में पॉपुलर डेस्टिनेशन है चोपता-तुंगनाथ, Budget में लें घूमने का मजा