Assam Tourist Places: असम घूमने के लिए बेस्ट है ये सीज़न, टी गार्डन के अलावा और भी कई जगहें हैं देखने लायक
Assam Tourist Places अगर आप अगस्त से नवंबर के बीच घूमने के लिए किसी अच्छी जगह की तलाश कर रहे हैं लेकिन डेस्टिनेशन को लेकर कनफ्यूज़ हैं तो असम एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। जहां का मौसम घूमने के अनुकूल होता है और इस सीज़न में यहां की खूबसूरती भी अपने चरम पर होती है। कौन सी जगहें आपको यहां जाकर नहीं करनी चाहिए मिस जान लें यहां।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Tue, 08 Aug 2023 08:16 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Assam Tourist Places: मानसून सीज़न में पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड और बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे वहां घूमने का प्लान रिस्की हो सकता है। बारिश के मौसम में हिमाचल और उत्तराखंड की ज्यादातर जगहों पर कई बार पर्यटकों के जाने पर पर रोक लगा दी जाती है, तो क्यों न किसी ऐसी जगह का प्लान किया जाए, जहां आप इस मौसम को एन्जॉय कर सकें। क्योंकि मौसम है बारिश और ऐसे में चाय का साथ न हो, तो बहुत कुछ मिसिंग है। भारतीयों की तो फेवरेट ड्रिंक है चाय। चाय के दीवानों के बीच इन दिनों टी टूरिज्म का क्रेज बहुत देखने को मिल रहा है। जिस वजह से दार्जिलिंग, सिक्किम, असम जैसी जगहों पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ रही है। फिर आप क्यों इंतजार कर रहे हैं, निकालिए कुछ पल अपने लिए और बनाइए अपनी चाय के लिए मशहूर असम घूमने का प्लान।
डिब्रूगढ़ की खासियत
असम की चाय भारत ही नहीं देश-विदेश में भी बहुत लोकप्रिय है, लेकिन अगर असली असम टी का मजा लेना है, तो डिब्रूगढ़ आएं। यहां पर आपको कम से कम 165 टी गार्डेंस दिखने को मिलेंगे। यहां पहुंचकर आपको फील होगा जैसे फिजाओं में चाय की ताजगी घुली हुई है। अगर आप यहां अपने ट्रिप को यादगार बनाना चाहते हैं, तो अंग्रेजों द्वारा बनवाए गए टी गार्डन बंगले में रूकें। हालांकि बुकिंग थोड़ी मुश्किल होती है।
डिब्रूगढ़ के अलावा जोरहाट में भी आपको चाय के खूब जलवे देखने को मिलेंगे। यहां पर वर्ल्ड फेमस टोक्लाई टी रिसर्च सेंटर है। जो दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा रिसर्च सेंटर है। यहां पर चाय से जुड़ी कई तरह की रिसर्च होती है। इस सेंटर में चाय की कम से कम 213 किस्मों की खोज की गई है और चाय के बीजों की 14 किस्में भी खोजी गई हैं। है ना खास।
असम में घूमने वाली जगहें
टी गार्डन देखने के अलावा यहां काजीरंगा नेशनल पार्क, कामाख्या मंदिर, सिवासागर जैसी कई जगह हैं जहां आप घूमने-फिरने का आनंद ले सकते हैं। गुवाहाटी की खूबसूरती बढ़ाने का काम करते हैं केले के पेड़। गुवाहाटी से शिलॉन्ग जाने के रास्ते में हरे, नीले, पीले और बैंगनी रंगों के फूलों से लदे पेड़ देखने को मिलते हैं।दार्जिलिंग में टी गार्डन की नेचर वॉक
दार्जिंलिंग सिर्फ टॉय ट्रेन के लिए ही मशहूर नहीं बल्कि ये शहर अपनी चाय के लिए भी दुनियाभर में मशहूर है। हजारों एकड़ में फैले यहां बहुत सारे टी एस्टेट्स हैं। जो यहां के स्थानीय लोगों के रोजगार का माध्यम है। इसके अलावा ये टी गार्डन पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं। दूर-दराज से लोग खासतौर से इन टी गार्डन्स को ही देखने आते हैं।