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एडवेंचर एक्टिविटीज करने के साथ लें मौसम का मज़ा, हिमाचल में बसे इस मनोरम जगह जाकर

बारिश के बाद पहाड़ों का नज़ारा देखने वाला होता है। चारों ओर फैली हरियाली खूबसूरत फूलों और सुहावने मौसम के बीच बितानी हैं छुट्टियां तो चलिए डॉ कायनात काजी के साथ तातापानी के सफर पर

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Fri, 09 Aug 2019 01:15 PM (IST)
एडवेंचर एक्टिविटीज करने के साथ लें मौसम का मज़ा, हिमाचल में बसे इस मनोरम जगह जाकर
शिमला से तकरीबन 54 किमी. दूर स्थित लगभग अनछुई जगह है तत्तापानी। यहां रोमांचक गतिविधियों के संग आप इन दिनों मना सकते हैं बारिश का उत्सव। रिमझिम बारिश की फुहारों के साथ बादलों की अठखेलियां मन मोह लेती हैं। ऐसे में इस अनछुई, प्यारी जगह का दीदार करना किसी शानदार सौगात से कम नहीं। 

गर्म पानी का कुदरती सोता

यहां सतलुज नदी की ठंडी धारा के बीच 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान वाला गर्म पानी का सोता निरंतर बह रहा होता है। इसे आज से 20 साल पहले यहां के स्थानीय लोगों के अलावा कोई जानता तक नहीं था। ऐसे में यहां के निवासी प्रेम कुमार रैना, जिनका घर नदी के बिलकुल पास हुआ करता था, उन्होंने एक दिन इस कीमती धरोहर को पहचाना। आज प्रेम कुमार रैना 'हॉट वाटर स्प्रिंग' नाम से एक नेचुरोपैथी वेलनेस सेंटर भी चलाते हैं, जहां दूर-दराज से लोग स्वास्थ्य लाभ लेने आते हैं। आयुर्वेद और नेचुरोपैथी के जरिए लोग अनेक रोगों से मुक्ति पाते हैं। हिमालय के ऊपरी इलाकों के निवासी जोड़ों के दर्द से राहत पाने हर साल यहां आते हैं।

महर्षि जमदग्नि की तपोभूमि

मान्यता है कि यह स्थान वास्तव में देवों का स्थान रहा है। यहां पांडवों ने वास किया, ऋषियों ने तपस्या की, इसीलिए यहां कदम-कदम पर चमत्कार देखने को मिलते हैं। तत्तापानी के स्थानीय लोग इस स्थान को महर्षि जमदग्नि की तपोभूमि मानते हैं। महर्षि अपनी पत्नी रेणुका और पुत्र परशुराम के साथ यहां तत्तापानी के आसपास रहा करते थे। इह जगह का धार्मिक अनुष्ठानों के लिए बहुत महत्व है। यहां हर साल माघ मेला लगा करता है।

यादगार एडवेंचर ड्राइव

शिमला से तत्तापानी की दूरी लगभग दो घंटे में पूरी होती है, लेकिन इन रास्तों पर ड्राइव का मजा दूरी का एहसास नहीं होने देता। रास्ते में इतने सुहाने नजारे मिलते हैं कि आप मुग्ध हो जाएंगे। चूंकि शिमला से यह पूरा रास्ता उतराई की तरफ है, इसलिए पहाड़ों का नजारा बहुत आकर्षक है। इन रास्तों में कई धार्मिक स्थल पड़ते हैं, जिन्हें देखते हुए आगे बढऩे में आनंद आता है। देश और दुनिया से बहुत सारे बाइकर ग्र्रुप इस घाट पर ड्राइव करने आते हैं। किन्नौर और काजा जाने वाले भी इसी रूट को पसंद करते हैं। 

मंडोर पीक-ट्रेकिंग

अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं तो यह जगह आपके लिए स्वर्ग के समान है। देवदार के जंगलों के बीच ट्रेकिंग करने का अलग ही मजा है। तत्तापानी से मंडोर पीक तक की ट्रेकिंग लगभग सात किलोमीटर की है, जहां के रास्ते में अनेक वाटरफॉल देखने को मिलते हैं।

आनंदायक नौकाविहार

कुछ साल पहले तत्तापानी में कोल्डेम बनने से एक झील का निर्माण हुआ है, जिसमें बोटिंग की व्यवस्था है। आज यह झील लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है। सैलानी यहां बड़े मजे से बोटिंग का आनंद लेते हैं।

रिवर राफ्टिंग का रोमांच

यहां सतलुज नदी में रिवर राफ्टिंग करने लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां रिवर राफ्टिंग लोटी से शुरू होकर चाबा नामक स्थान तक लगभग 10 किलोमीटर के ट्रैक पर होती है, जिसमें 3 बड़े रैपिड आते हैं। नीले रंग के चमचमाते पानी में राफ्टिंग करने का अलग ही रोमांच है।

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