Railway Rules: भारतीय रेलवे के वो नियम, जिनसे लोग हैं अनजान, आप भी जरूर जान लें
Railway Rules 177 साल पहले स्थापित की गई रेलवे लाइन को आज दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक के रूप में माना जाता है। इसके कुछ नियम हैं जो खासतौर पर यात्रियों के लिए बनाए गए हैं। जानें
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Tue, 28 Feb 2023 02:47 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Railway Rules: भारतीय रेलवे देश की लाइफलाइन की तरह है। अगर एक दिन भी यह ठप पड़ जाए तो लाखों करोड़ों लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो सकता है। भारत में 177 साल पहले स्थापित की गई रेलवे लाइन को आज दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक के रूप में माना जाता है। देश भर में रेल मार्गों की लंबाई लगभग 68,000 किलोमीटर से अधिक होने का अनुमान लगाया गया था, जो यात्रियों को पूरे भारत से सुविधाजनक तरीके से जोड़ने का काम करती है।
एक अनुमान के मुताबिक, लगभग 23 मिलियन यानी 2 करोड़ 30 लाख यात्री भारत में ट्रेनों से यात्रा करते हैं, जिससे रेलवे आवागमन का एक प्रमुख साधन बन चुका है। वहीं, यात्रियों के सुगम और सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय रेलवे ने कुछ महत्वपूर्ण नियम निर्धारित किए हुए हैं, जिनके बारे में जानना महत्वपूर्ण है। यात्रियों की सुरक्षा और समग्र सुविधा सुनिश्चित करने से लेकर कन्फर्म टिकट पाने और ट्रेन में यात्रा करने के दौरान तक कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन हर यात्री को करना चाहिए। लेकिन शायद ज्यादातर लोगों को तो इनके बारे में मालूम तक नहीं है।
यात्रा के दौरान रेलवे के इन नियमों का करें पालन-
चलती ट्रेन में अलार्म की चेन ना खींचें
अगर आपने भारत में ट्रेन में यात्रा की है, तो इस बात की बहुत संभावना है कि आपने प्रत्येक कोच के दरवाजों के पास आपातकालीन अलार्म चेन देखी होगी। इसे देखकर लगभग हर किसी के मन में यही आता है कि क्यों ना एक बार इस चेन को खींचा जाए। लेकिन आपको मालूम होना चाहिए किए ऐसा करने से आपको काफी परेशानी का सामना कर सकता है। भारतीय रेलवे के नियम के मुताबिक, अलार्म चेन को केवल आपात स्थिति में खींचने की अनुमति होती है, जैसे कि चिकित्सकीय आपात स्थिति, यात्री की सुरक्षा के लिहाज से खतरा, दुर्घटना, या कोई बच्चा, बुजुर्ग या विकलांग व्यक्ति या फिर साथी छूट गया हो।जारी यात्रा के दौरान आप अपनी यात्रा को बढ़ा सकते हैं
कई बार ऐसा होता है कि यात्री को पीक सीजन के दौरान टिकट की अनुपलब्धता के कारण अपने असली डेस्टिनेशन तक के लिए आरक्षण नहीं मिल पाता। ऐसे में भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों को एक नियम के साथ कवर किया है। अगर यात्री को मूल डेस्टिनेशन के लिए टिकट नहीं मिल पाता है तो वो उससे पहले स्टॉप के लिए टिकट बुक कर सकता है। फिर, यात्रा के दौरान, वे टीटीई के पास जाकर अतिरिक्त किराया देकर अपनी यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके बदले में टीटीई आगे की यात्रा के लिए टिकट जारी कर सकता है। लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात है कि आपकी सीट अलग हो सकती है।
मिडल-बर्थ नियम
भारतीय रेलवे की ट्रेन में मिडिल बर्थ को लेकर एक बहुत ही महत्वपूर्ण नियम है। बीच वाली बर्थ वो होती हैं जो ऊपर और नीचे की बर्थ के बीच में होती हैं और इन्हें सीलिंग से नीचे मोड़ने की जरूरत होती है। नियम के मुताबिक यात्री दिन के दौरान मिडिल बर्थ को फोल्ड नहीं कर सकते क्योंकि लोअर और अपर बर्थ को सीट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। मिडिल बर्थ पर यात्री रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही सो सकते हैं। यदि कोई यात्री समय सीमा से अधिक सोता है, तो निचली बर्थ वाले यात्री को यह अधिकार है कि वह आपको ऐसा करने से रोके।ट्रेन छूटने पर दो-स्टॉप नियम
अक्सर, ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं देखने को मिल ही जाती हैं जब यात्री अपने मूल बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन में चढ़ने से चूक जाता है। ऐसे में, यात्रियों को उचित मौका देने के लिए, टू-स्टॉप नियम बनाया गया है, जिसमें टिकट कलेक्टर उस सीट को किसी अन्य यात्री को पूरी यात्रा के अगले दो स्टॉप्स पर पहुंचने तक नहीं दे सकता।