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Jai Vilas Palace: 400 कमरे वाले 45,000 करोड़ के रॉयल पैलेस में रहती थीं राजमाता माधवी राजे सिंधिया, देखिए तस्वीरें

देश में राजघरानों का जिक्र किया जाए तो सबसे पहला नाम सिंधिया राजघराने का ही आता है। हाल ही में ग्वालियर के इस राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया। राजनीति से दूर रहने वाली राजमाता मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित जय विलास पैलेस में रॉयल लाइफ जीती थीं। इस महल में 400 कमरे हैं और इसकी कीमत 45000 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जाती है।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Fri, 17 May 2024 07:17 PM (IST)
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45,000 करोड़ के इस जय विलास पैलेस में रहती थी राजमाता माधवी राजे सिंधिया
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Jai Vilas Palace: सिंधिया राजघराने की राजमाता माधवी राजे अब इस दुनिया में नहीं रही हैं। हाल ही में, उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली है। बता दें, साल 1966 में ग्वालियर राजघराने की बहू बनकर आईं माधवी राजे सिंधिया लंग्स में इन्फेक्शन से जूझ रही थीं। राजनीति की चमक दमक से दूर रहने वालीं राजमाता ग्वालियर स्थित जय विलास पैलेस में रॉयल लाइफ जीती थीं। आज इस महल की कीमत 45,000 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जाती है। आइए इस आर्टिकल में आपको तस्वीरों के साथ बताते हैं इस राजमहल से जुड़ी कुछ खास बातें।

साल 1966 में माधवी राजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया की पत्नी और ग्वालियर राजघराने की बहू बनकर आई थीं। राजनीति और चमक दमक से दूर रहने वाली राजमाता सिंधिया रॉयल लाइफ जीती थीं।

माधवी राजे ग्वालियर स्थित 400 कमरे वाले जय विलास पैलेस में रहती थीं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इस पैलेस की कीमत 45,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

1874 में ग्वालियर रियासत के महाराज जीवाजी राव सिंधिया ने जय विलास पैलेस को बनवाया था। बता दें, यह पैलेस यूरोपीय वास्तुकला पर आधारित है, जिसका डिजाइन फ्रांसीसी आर्किटेक्ट ने तैयार किया था।

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विलास पैलेस तीन मंजिला है और इसकी पहली मंजिल तस्कीन शैली पर बनाई गई है। वहीं, दूसरी मंजिल डोरिक और तीसरी मंजिल को कोरिंथियन शैली पर तैयार किया गया है।

150 साल पुराने इस जय विलास पैलेस में फारसी और इटालियन मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, दरवाजों पर सोने के गिल्ट लगे हुए हैं। बता दें, कि इसे बनवाने में 12 साल का समय लगा था।

जय विलास पैलेस की दूसरी मंजिल पर बने हॉल को सबसे सुंदर माना जाता है। बता दें, इसे हीरा, सोना और चांदी से डिजाइन किया गया है। वहीं, महल के अंदर एक शानदार झूमर लगा है, जिसका वजन 3300 किलो है।

दरबार हॉल में मेहमानों को खाना परोसने के लिए चांदी की ट्रेन का इस्तेमाल किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी, कि यहां 100 से ज्यादा लोग एक साथ बैठकर खाना खा सकते हैं।

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