Move to Jagran APP

Sawan 2022: जानें भारत के प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में, जिनके मात्र दर्शन से होती है मोक्ष की प्राप्ति

Sawan 2022 भगवान शिव की महिमा ऐसी है जिससे कोई अछूता नहीं रहा। पुराणों की मानें तो जो भक्त शिव मंदिरों के दर्शन करते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। भगवान शिव सबसे लोकप्रिय देवताओं में से भी हैं। भारत में उनपर कई मंदिर समर्पित हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2022 10:50 AM (IST)
Hero Image
Sawan 2022: जानें भारत के मशहूर शिव मंदिरों के बारे में
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Sawan 2022: ब्रम्हांड के निर्माता भगवान शिव हैं और सावन का महीना उनको बहुत प्रिय है। शास्त्रों में कहा गया है कि भक्त अगर सच्चे दिल से सावन के महीने में शिवजी की पूजा करते हैं, तो उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। भगवान शिव को पूरे देश के अलग-अलग शहरों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे महादेव, भैरव, महाकाल, शंभु, नटराज। सावन सोमवार के पावन अवसर आइए जानें भारत के कुछ लोकप्रिय शिव मंदिरों के बारे में, जिनके मात्र दर्शन से होती है मोक्ष की प्राप्ति।

शिव मंदिर केदारनाथ

माना जाता है कि सबसे पहले पांडवों ने केदारनाथ मंदिर बनवाया था। जिसके बाद यह मंदिर लुप्त हो गया था। केदारनाथ मंदिर 400 सालों तक बर्फ में दबा रहा था। फिर आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य ने भगवान शिव के इस मंदिर का फिर निर्माण करवाया। इस मंदिर के पीछे आदिशंकराचार्य की समाधि भी है। 10वीं सदी में मालवा के राजा भोज और 13वीं सदी में एक बार फिर इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया।

केदारनाथ मंदिर जाने के लिए आप हरिद्वार तक ट्रेन में जा सकते हैं। यहां से आगे जाने के लिए आपको टैक्सी लेनी होगी। हरिद्वार से सोनप्रयाग 235 किलोमाटर और सोनप्रयाग से गौरीकुंड (5 किलोमाटर) आपको सड़क के माध्यम से जाना होगा। फिर इससे आगे जाने के लिए 16 किलोमीटर पैदल चलना होगा। यहां से आगे का रास्ता पालकी या घोड़े से भी तय किया जा सकता है।

शिव मंदिर अमरनाथ गुफा

अमरनाथ मंदिर 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव जी ने पार्वती जी को इसी गुफा में अमर कथा की कहानी सुनाई थी। जम्मू और कश्मीर में स्थित, अमरनाथ गुफा लोकप्रिय मंदिरों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु बर्फ से बने शिव लिंगम के दर्शन करने आते हैं। जब भी अमरनाथ गुफा खुलती है, लाखों भक्त गर्मियों के दौरान गुफा की तीर्थयात्रा करने ज़रूर आते हैं। ऐसी मान्यता है कि श्रद्धालुओं को आज भी यहां कबूतरों का एक जोड़ा दिखाई देता है, जिन्हें अमर पक्षी कहते हैं, जो अमर कथा सुनकर अमर हो गए थे।

शिव मंदिर काशी विश्वनाथ

उत्तर प्रदेश के शहर वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर पवित्र नदी गंगा के पश्चिमी तट पर बना है और बारह ज्योतिर्लिंगस में से एक है। ऐसा माना जाता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में जो व्यक्ति अंतिम सांस लेता है, वह पुर्नजन्म के चक्र से मुक्त हो जाता है।

वाराणसी पहुंचना बेहद आसान है। यहा के लिए आपको सीधी ट्रेन और फ्लाइट दोनों मिल जाएंगे।

शिव मंदिर महाकालेश्वर

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित यह मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है। साथ ही ये मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में भी आता है। यही वजह है कि उज्जैन को महाकाल की नगरी भी कहा जाता है। साल भर लाखों श्रद्धालु महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आते हैं। खासतौर पर यहां होने वाली भस्म आरती देखने की चाह कई लोगों में होती है। इस मंदिर में देवता स्वायंभु लिंगम की मूर्ती स्थापित है, जिन्हें दक्षिणामूर्ति भी कहा जाता है।

यहां पहुंचने के लिए आपको सीधे ट्रेन मिल जाएगी या आप फ्लाइट से इंदौर पहुंचकर टैक्सी से उज्जैन आ सकते हैं। इंदौर से उज्जैन 54.9 किलोमीटर दूर है।

शिव मंदिर त्र्यंबकेश्वर

श्री त्र्यंबकेश्वर भगवान का मंदिर महाराषंट्र के नासिक जिले में स्थित है। मंदिर के पास ब्रह्मगिरि नमक पर्वत से पुण्यसलिला गोदावरी नदी निकलती है। यह मंदिर भगवान शिव के उन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिन्हें भारत में सबसे अधिक पूजा जाता है। त्र्यम्बकेश्वर मंदिर को पेशवा बालाजी बाजी राव ने बनवाया था। भारत के सबसे लोकप्रिय शिव मंदिरों में से एक यह मंदिर पूरी तरह काले पत्थरों से बना हुआ है।

शिव मंदिर रामनाथस्वामी

तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित रामनाथस्वामी मंदिर दक्षिण भारत का सबसे मशहूर शिव मंदिर है। यह मंदिर भी भारत में स्थापित 12 जोतिर्लिंगो में से एक है। रामनाथस्वामी मंदिर उस स्थान पर बना है, जहां भगवान राम ने रावण को मारने के बाद पाप से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव की पूजा की थी।

शिव मंदिर लिंगराज

लिंगराज मंदिर ओडिशा के भुवनेश्वर शहर की सबसे पुराने मंदिरों में शामिल है। लिंगराज मंदिर में आप कलिंग शैली की अद्भुत वास्तुकला देख सकते हैं। लिंगराज मंदिर, शिव को समर्पित एक मंदिर है। यह कलिंग वास्तुकला की सर्वोत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करता है और भुवनेश्वर में वास्तु परंपरा के मध्ययुगीन चरणों में समापन होता है। ऐसा माना जाता है कि लिंगराज मंदिर की स्थापना राजवंश के राजाओं द्वारा की गई थी।