Shanivar Wada: मराठाओं के गौरवशाली इतिहास का गवाह है यह किला, इन वजहों से एक बार जरूर करें इसका दीदार
पूणे में स्थित शनिवार वाड़ा मराठाओं के गौरवशाली इतिहास का गवाह रहा है। इस किले को पेशवा बाजीराव-1 ने बनवाया था। इस किले की खूबसूरती को देखकर आप हैरान रह जाएंगे। इस किले के साथ सिर्फ मराठाओं की गौरवगाथा ही नहीं बल्कि छल और हत्या की कहानियां भी जुड़ी हैं। जानें क्यों एक बार जरूर घूमने जाना चाहिए शनिवार वाड़ा।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Shanivar Wada: भारत के समृद्ध इतिहास की झलक देखनी है, तो आपको यहां के किलों को देखना चाहिए, जो कई साल पहले यहां के राजा-महाराजाओं ने बनवाए हैं। इन्हीं किलों में एक बेहद मशहूर किला है शनिवार वाड़ा, जिसके साथ मराठा साम्राज्य का समृद्ध इतिहास जुड़ा हुआ है। इस किले से जुड़े कुछ ऐतिहासिक तथ्य, आपके होश भी उड़ा सकते हैं। आइए जानते हैं, क्या है शनिवार वाड़ा का इतिहास।
क्या है इस किले का इतिहास?
मराठा साम्राज्य के महान सेना नायक पेशवा बाजीराव-1 ने पूणे में इस किले को 1736 में बनवाया था, जहां वे अपने परिवार और समर्थकों के साथ रहते थे। उस जमाने में यह किला अपने क्षेत्र के सबसे मजबूत किलों में से एक माना जाता था। तब से तेरह मंजिलों का यह किला, मराठा साम्राज्य के पेशवाओं का घर रहा है। इस किले में बाजीराव पेशवा-1 के बाद कई पीढियों ने अपनी बहादुरी का परचम लहराया है।
इस किले को बनाते वक्त, सबसा बड़ा मकसद सुरक्षा था। इसलिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस किले का निर्माण किया गया। किले के मुख्य द्वार को दिल्ली दरवाजा के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा, इस किले में गणेश दरवाजा, खिड़की दरवाजा, मस्तानी दरवाजा और जंबल दरवाजा है। इस किले के अंदर कई महल बनवाए गए थे, जिन्हें आप आज भी देख सकते हैं। इन महलों में गणेश महल, अर्शा महल, हस्ती-दंत महल, दिवान खाना शामिल हैं।
इस किले में मराठा साम्राज्य के महान पेशवाओं के गौरवशाली इतिहास को दिखाने के लिए लाइट और म्यूजिक शो होता है, जिसका आनंद यहां जाकर उठा सकते हैं। वैसे तो इस किले का बेहद समृद्ध इतिहास है, लेकिन इस किले की एक घटना ऐसी है, जिसे जानकर आपकी रूह सिहर जाएगी। दरअसल, शनिवार वाड़ा के साथ एक डरावनी घटना को जोड़कर बताया जाता है, जिस कारण से यहां सूर्यास्त के बाद जाना मना है।