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भारत का एक ऐसा गांव, जहां कुत्ता या बिल्ली नहीं बल्कि घरों में कोबरा पालते हैं लोग

भारत का एक गांव (Snakes Village Of India) ऐसा है जहां के लोग सांपों के साथ एक खास रिश्ता रखते हैं। इन्हें न सिर्फ घरों में पाला जाता है बल्कि बच्चों को भी इनके साथ खेलने की इजाजत है। हैरानी की बात तो ये हैं कि सांप भी यहां के लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते लेकिन बाहरी लोगों को सांपों के नजदीक न जाने की हिदायत दी जाती है।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Mon, 02 Sep 2024 02:01 PM (IST)
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वफादार कुत्ता नहीं, जहरीला सांप पालते हैं इस गांव के लोग (Image Source: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे देश में ऐसे कई अनोखे गांव हैं जहां की संस्कृति और रीति-रिवाज भारत के बाकी हिस्सों से बिल्कुल अलग हैं। इन्हीं में से एक है महाराष्ट्र का शेतफल गांव (Shetpal Village In India), जो अपने आप में एक रहस्य की तरह है। यहां घरों में लोग कुत्ता या बिल्ली नहीं, बल्कि कोबरा सांप को पालते हैं और उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं।

सांपों का गांव

शेतफल गांव (Cobra's Village) महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में स्थित है। इस गांव में आपको लगभग हर घर में सांप मिल जाएंगे। ये सांप सिर्फ घरों में ही नहीं, बल्कि खेतों में, पेड़ों पर और यहां तक कि बेडरूम के अंदर भी पाए जाते हैं। गांव वाले इन सांपों से बिल्कुल नहीं डरते, बल्कि उनके साथ खेलते हैं और उन्हें दूध भी पिलाते हैं।

सांपों के साथ खास रिश्ता

शेतफल गांव (Snakes Village Of India) के लोगों का मानना है कि सांप भगवान शिव का प्रतीक हैं, इसलिए वे सांपों की पूजा करते हैं और उन्हें अपना परिवार मानते हैं। गांव में कई मंदिर भी हैं जहां सांपों की पूजा होती है।

गांव के लोग बताते हैं कि उनके पूर्वजों ने सांपों को पालना शुरू किया था। तब से यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही है। गांव वाले सांपों को पकड़ना और उन्हें पालना अच्छे से जानते हैं। सांपों को कैसे संभालना है, यह बात लोग बचपन में ही सीख जाते हैं।

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सांपों के काटने का डर नहीं

यह जानकर हैरानी होती है कि इतने सारे सांपों के बीच रहते हुए भी गांव के लोगों को सांप काटने का डर नहीं लगता। वे कहते हैं कि सांप कभी उनको नहीं काटते। उनका मानना है कि सांप भी इंसानों की तरह ही जीव हैं और वे भी प्यार और सम्मान चाहते हैं।

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

शेतफल गांव अब पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है। लोग दूर-दूर से इस गांव को देखने आते हैं। गांव वाले पर्यटकों को सांपों के बारे में बताते हैं और उन्हें सांपों को संभालने का तरीका भी सिखाते हैं।

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चुनौतियां और संरक्षण

हालांकि, शेतफल गांव में सांपों को पालना आसान नहीं है। गांव वालों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सांपों को पालने के लिए खास तरह के भोजन की जरूरत होती है। इसके अलावा, सांपों को बीमारियों से बचाना भी एक बड़ी चुनौती है।

सरकार भी इस गांव के संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है। सरकार ने इस गांव को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। साथ ही, सरकार गांव वालों को सांपों के संरक्षण के लिए प्रशिक्षण भी दे रही है।

प्रकृति के साथ अद्भुत तालमेल

शेतफल गांव भारत की संस्कृति का एक अनोखा उदाहरण है। यह गांव हमें सिखाता है कि हम प्रकृति के साथ कैसे तालमेल बिठा सकते हैं। यह गांव हमें यह भी सिखाता है कि हमें सभी जीवों के प्रति सम्मान और प्रेम रखना चाहिए।

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