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थेक्कड़ी की खूबसूरती को करीब से देखने और जानने के लिए अकेले घूमने का बनाएं प्लान

केरल में घूमने-फिरने के ऑप्शन की बेशक कोई कमी नहीं लेकिन यहां फैली खूबसूरती को करीब से देखने और जानने के लिए ग्रूप में नहीं बल्कि अकेले आने का प्लान बनाएं।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Wed, 21 Nov 2018 11:46 AM (IST)
थेक्कड़ी की खूबसूरती को करीब से देखने और जानने के लिए अकेले घूमने का बनाएं प्लान
केरल के इडुक्की जिले की पहाड़ियों पर बसी है एक बहुत ही खूबसूरत जगह थेक्कड़ी। जहां अकेले आना इसलिए अच्छा होगा क्योंकि यहां एक्सप्लोर करने के लिए इतनी चीज़ें हैं जिसके लिए वक्त चाहिए जो शायद ग्रूप के साथ आकर पॉसिबल न हो। कल-कल बहती नदी, ऊंचे झरने, आसमान से बात करते हुए पेडों से घिरे जंगल और मसालों के खुशबूदार बगान आपको आकर्षित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। थेक्कड़ी और किन वजहों से है खास, जानते हैं इनके बारे में...

थेक्कड़ी में आसपास घूमने वाली जगहें

पेरियार नेशनल पार्क

थेक्कड़ी की खास आकर्षणों में है पेरियार नेशनल पार्क है, जहां पर आप हाथी की सवारी के अलावा पेरियार झील में बोटिंग करते हुए या किनारे पर घूमते हुए जंगली पशु-पक्षियों को देख सकते हैं। हाथियों के झुंड, गौर और हिरण देखना यहां बहुत ही आम है। जंगलों में शेर जैसी पूंछ वाले बंदर भी पाए जाते हैं। बर्ड वॉचिंग के अलावा ट्रैकिंग के लिए भी ये जगह एकदम परफेक्ट है।

इडुक्की आर्क डैम

इडुक्की आर्क डैम एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट है जो पेरियार नदी पर बना हुआ है। यहां अंडरग्राउंड पावर जनरेटर, 20 छोटे-बड़े डैम, पांच नदियां और कुछ अंडरग्राउंड टनल्स हैं। ये आर्क डैम कुरुवनमाला और कुरुथिमाला पहाड़ियों के बीच बनाया गया है, जो सैलानियों के आकर्षण का खास केंद्र है। 550 फीट ऊंचा और 650 फीट चौड़ा ये बांध चेरूथोनी बराज के पास स्थित है। यहां आकर आप पास में स्थित इडुक्की वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी भी जा सकते हैं।

मसालों के बाग

थेक्कड़ी में इलायची, लौंग, दालचीनी, काली मिर्च, वेनिला, सुपारी आदि मसालों के बेहद आकर्षक बाग हैं। जहां आप मसालों से जुड़ी हर एक जानकारी ले सकते हैं। थेक्कड़ी से महज चार किलोमीटर दूर पहाड़ी कस्बा कुमली मसालों के थोक व्यापार का केंद्र है। यहां से आप उचित दाम पर मसाले खरीद सकते हैं। यहां एक आदिवासी विकास केंद्र है, जहां आपको आदिवासियों की जीवन शैली देखने का मौका मिलेगा।

मंगला देवी मंदिर

थेक्कड़ी में ही घने जंगलों से घिरा मंगला देवी मंदिर है। यह समुद्र तल से लगभग 1337 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। इसे राजा वड़ाकुम्मकुर ने केरल शैली में बनवाया है। घने जंगलों के बीच इस मंदिर की सैर बहुत ही यादगार होती है। लेकिन हां, बिना वन विभाग की अनुमति लिए यहां जाना पॉसिबल नहीं। साथ ही, यहां बने अन्नामाला मंदिर का आर्किटेक्चर भी उस वक्त की निर्माण कला का एक बेहतर नमूना पेश करता है।

रामाकालमेडु

रामाकालमेडु एक ऐसा हिल स्टेशन है जो केरल और तमिलनाडु राज्यों के बॉर्डर पर स्थित है। यहां देखने के लिए बहुत सारी खूबसूरत चीजें जैसे पेरियार टाइगर फॉरेस्ट, मुन्नार, कुट्टीकन्नम, परूनथुंमपारा मौजूद हैं। इस जगह का नाम तीन शब्दों राम, कल और मेडु से मिलकर बना है जिसका मतलब राम, पहाड़ और भूमि है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम सीता की खोज में इस जगह पर आए थे और उन्होंने अपने पैर यहां के सबसे ऊंचे पहाड़ पर रखे थे। इसी से इस पहाड़ का नाम रामकाल है।

यहां सूर्योदय और पश्चिमी पहाड़ों के पीछे उसके ढलने का नजारा देखना वाकई अनोखा अनुभव होता है। चारों ओर पहाड़ों की हरियाली और घने जंगल वातावरण को सुहाना बनाते हैं।

राजा का महल

पेरियार झील के बीच में एक छोटे से टापू पर त्रिवेंद्रम के राजा का निवास था, जो अब केरल पर्यटन विकास निगम का होटल बना दिया गया है। यहां आकर आपको ऐसा लगेगा जैसे किसी दूसरी दुनिया में आ गए हैं। चारों तरफ पानी और आसपास घूमने वन्यजीव को देखना वाकई शानदार एक्सपीरिएंस होता है।

कैसे पहुंचें? 

थेक्कड़ी से सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन कोट्टयम है जो यहां से 114 किलोमीटर दूर है। अगर आप फ्लाइट से आने की सोच रहे हैं तो मदुरै एयरपोर्ट उतरें जो लगभग 140 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा, केरल के ज्यादातर शहरों से थेक्कड़ी के लिए बसों की सुविधा अवेलेबल है।