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नेपाल के प्राचीन शहर जनकपुर में हुआ था राम-सीता का विवाह, जानें और क्या-क्या है खास

इस मंदिर को नेपाल का सबसे पुराना और प्राचीन मंदिर कहा जाता है. यह मंदिर 4 वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था.

By Pratima JaiswalEdited By: Updated: Wed, 09 May 2018 07:01 PM (IST)
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नेपाल के प्राचीन शहर जनकपुर में हुआ था राम-सीता का विवाह, जानें और क्या-क्या है खास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 और 12 मई तक नेपाल के दौरे पर रहेंगे. दो दिवसीय नेपाल दौरे की शुरुआत यहां के ऐतिहासिक शहर जनकपुर से होगी. इसके बाद पीएम मोदी राजधानी काठमांडू में रवाना हो जाएंगे. कहा जा रहा है कि मोदी जानकी मंदिर में पूजा भी करेंगे, जिसकी वजह से जनकपुरी में जोरों-शोरों से तैयारियां चल रही है. रामायण के अनुसार जनकपुरी मिथिला शासक का केंद्र माना जाता था. समय के साथ जनकपुरी में काफी बदलाव आया है. पर्यटन के लिहाज से जनकपुरी और आसपास के पर्यटक स्थल बेहतरीन डेस्टिनेशन्स में से एक माने जाते हैं. आइए, जानते हैं जनकपुरी और आसपास के खूबसूरत टूरिस्ट स्पोर्ट्स के बारे में. 

जनकपुरी में हुआ था राम-सीता का विवाह 

पौराणिक कहानियों के अनुसार जनकपुरी में राम-सीता का विवाह हुआ था. जहां बाद में जानकी मंदिर बना दिया गया. जनकपुर आज भारत और नेपाल के अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों में फैले हिंदुओं के लिए अहम तीर्थस्थलल में बदल चुका है.

नेपाल में ये जगह भी हैं खास 

पशुपतिनाथ

यह मंदिर यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल है. यह मंदिर बागपति नदी के किनारे स्थित है. हिन्दू लोगों के 8 मुख्य मंदिरों में से एक है यह मंदिर. यह भगवान शिव का मंदिर है और यह न सिर्फ धार्मिक स्थल है बल्कि यह एक पर्यटक स्थल के रूप में भी जाना जाता है. 

लुंबिनी

लुंबिनी असल में गौतम बुद्ध की जन्म स्थली है. यह स्थान बौद्ध धर्म का प्रमुख स्थल है. भारत-नेपाल सीमा रुमिनोदेई गांव को ही लुंबिनी कहा जाता है. यह स्थान सम्राट अशोक के स्मारक स्तंभ के लिए भी जाना जाता है. यहां पर गौतम बुद्ध की मां माया देवी के नाम पर मायादेवी मंदिर भी है, जिसमें उनकी मूर्ति भी है.

देवघाट धाम

 

यह काली गंडकी तथा त्रिशुली नदियों के संगम स्थल पर स्थित है. मकर संक्रांति के दिन बहुत से लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं और इन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. 

मुक्तिनाथ

यह स्थान हिन्दू धर्म के वैष्णव संप्रदाय का प्रमुख स्थान माना जाता है. यहां पर मुक्तिनाथ शालिग्राम भगवान की पूजा की जाती है. इस क्षेत्र के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां पर आकर मुक्ति को प्राप्त किया जा सकता है. यहां पर आकर यात्रा करना मुश्किल होता है क्योंकि इस क्षेत्र में हिमालय की बड़ी और दुर्गम श्रृंखलाएं हैं.

चांगुनारायण मंदिर

इस मंदिर को नेपाल का सबसे पुराना और प्राचीन मंदिर कहा जाता है. यह मंदिर 4 वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था. 1702 ई. में इस मंदिर का दोबारा से निर्माण किया गया. यह मंदिर शिवपुरी की पहाड़ियों पर बना है. इस मंदिर में आपको विष्णु भगवान के अलावा शेषनाग की प्रतिमा देखने को मिलती है.