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अंग्रेजों ने गर्मी से बचने के लिए बनवाए थे 'मॉल रोड', आज बन चुके हैं पहाड़ी शहरों की पहचान

शिमला मनाली मसूरी या देखा जाए तो लगभग हर हिल स्टेशन पर Mall Road नाम के बाजार जरूर होते हैं जहां से आप कपड़ों से लेकर तमाम छोटी-बड़ी चीजों की शॉपिंग कर सकते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हिल स्टेशन (Hill stations) पर मौजूद इन मार्केट्स को आखिर मॉल रोड ही क्यों कहा जाता है? अगर नहीं तो आइए आज आपको इससे जुड़ी दिलचस्प कहानी बताते हैं।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Mon, 09 Sep 2024 01:17 PM (IST)
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कैसे Hill Stations ही पहचान बन गए मॉल रोड? (Image Source: X)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पहाड़ी शहरों (Hill stations) में घूमने जाएं और आपको मॉल रोड (Mall Road) न दिखें, ऐसा हो ही नहीं सकता है। इन बाजारों में लोग सिर्फ खरीदारी और खाने-पीने का ही नहीं, बल्कि घूमने फिरने का भी मजा लेते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो मॉल रोड हिल स्टेशन की शान (Tourist Attractions) बन गए और आज ज्यादातर सैलानी यहां शॉपिंग किए बगैर अपने सफर को पूरा ही नहीं मानते हैं? क्या वजह है कि पहाड़ी इलाकों में ये बाजार इतने मशहूर हो गए हैं और क्यों हर जगह इन्हें मॉल रोड के नाम से ही जाना जाता है? आइए जानते हैं इनके लोकप्रिय होने की वजह।

कैसे हुई मॉल रोड की शुरुआत?

मॉल शब्द का इस्तेमाल मूल रूप से एक ऐसी सड़क या मार्ग के लिए किया जाता था, जिनका निर्माण ब्रिटिश शासन (British Raj) में सैर करने के लिए हुआ था। 18वीं शताब्दी में, ब्रिटिश अधिकारी और उनके परिवार भारत के पहाड़ी स्टेशनों पर गर्मियों में आराम करने के लिए आते थे। इन स्टेशनों को 'हिल स्टेशन' कहा जाता था और इन्हें ब्रिटिश शासन का केंद्र भी माना जाता था।

क्यों बनाए गए मॉल रोड?

मॉल रोड का निर्माण ब्रिटिश अधिकारियों के लिए एक सामाजिक केंद्र के रूप में हुआ था। ये सड़कें आमतौर पर शहर के केंद्र में स्थित होती थीं और इनके आसपास होटल, रेस्तरां, दुकानें और अन्य सुविधाएं होती थीं। ब्रिटिश अधिकारी और उनके परिवार यहां शाम को टहलने और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए आते थे।

कैसे बढ़ा मॉल रोड का रुतबा?

भारत की आजादी के बाद, मॉल रोड का महत्व और बढ़ गया। ये सड़कें स्थानीय लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गईं, जहां स्थानीय हस्तशिल्प, खाद्य पदार्थ और अन्य उत्पाद बेचे जाते थे। इसके साथ ही पर्यटकों के लिए भी ये सड़कें आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। आज मॉल रोड भारत के पहाड़ी शहरों की पहचान बन चुके हैं। ये सड़कें न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती हैं, बल्कि पर्यटकों को अपनी ओर खींचती भी हैं।

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भारत के मशहूर मॉल रोड

  • मसूरी मॉल रोड: उत्तराखंड में स्थित मसूरी मॉल रोड भारत के सबसे मशहूर मॉल रोड में से एक है। यह सड़क दून घाटी के खूबसूरत दृश्यों के साथ एक शानदार हैंगआउट स्पॉट है।
  • शिमला मॉल रोड: हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित मॉल रोड भी एक फेमस टूरिस्ट स्पॉट है। यहां आपको ब्रिटिश काल की कई ऐतिहासिक इमारतें देखने को मिल जाएंगी।
  • नैनीताल मॉल रोड: उत्तराखंड का नैनीताल मॉल रोड नैनी झील के किनारे मौजूद है। यह सड़क भी खरीदारी, खाने-पीने और घूमने-फिरने के लिए एक बढ़िया जगह है।
  •  दार्जिलिंग मॉल रोड: पश्चिम बंगाल में स्थित दार्जिलिंग मॉल रोड की बात करें, तो यहां आपको बेहद खूबसूरत चाय के बागान देखने को मिलेंगे यानी शांत वातावरण के साथ आप शॉपिंग और टूरिज्म का मजा ले सकेंगे।

मॉल रोड का पहाड़ी कनेक्शन

मॉल रोड का भारत के पहाड़ी शहरों से बेहद गहरा जुड़ाव है। ये सड़कें न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए एक सामाजिक केंद्र हैं, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का बड़ा केंद्र हैं। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा तो मिलता ही है, साथ ही स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने में काफी मदद मिलती है।

मॉल रोड भारत के पहाड़ी शहरों की संस्कृति और इतिहास का एक अभिन्न हिस्सा हैं। ये सड़कें न सिर्फ हमें ब्रिटिश काल की याद दिलाती हैं, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में भी मददगार होती हैं।

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