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जानें, यूनान के नीले और सफेद रंग के घरों से जुड़े रोचक तथ्य

इस देश में महान दार्शनिक प्लूटो और उनके शिष्य अरस्तु का जन्म हुआ है। अरस्तु विश्व विजेता सिकंदर के गुरु थें। इस देश की सभ्यता और संस्कृति अनुपम है।

By Umanath SinghEdited By: Updated: Wed, 15 Jul 2020 01:40 PM (IST)
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जानें, यूनान के नीले और सफेद रंग के घरों से जुड़े रोचक तथ्य
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। यूनान प्राचीन इतिहास के लिए जाना जाता है, जिसे पश्चिम सभ्यता का गुरु भी कहा जाता है। इस देश में महान दार्शनिक प्लूटो और उनके शिष्य अरस्तु का जन्म हुआ है। अरस्तु विश्व विजेता सिकंदर के गुरु थें। इस देश की सभ्यता और संस्कृति अनुपम है। इसके साथ ही वास्तु कला भी देखने लायक है। इस वास्तु कला का एक अनुपम उदाहरण सफ़ेद और नीले रंग से बने घर हैं।

यूनान में हर एक मकान सफ़ेद और नीले रंग से पेंट किए जाते हैं, जिनसे मकानों की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। हालांकि, यूनान में घर को सफ़ेद और नीले रंग से पेंट करने की कई वजह है। अगर आपको नहीं पता है तो आइए, जानते हैं कि यूनान में क्यों हर घर सफ़ेद और नीले रंग से पेंट किए जाते हैं-

जैसा कि हम सब जानते हैं कि यूनान का राष्ट्रीय ध्वज सफेद और नीले रंगों से मिलकर बना है। हालांकि, इन रंगों से वास्तु कला का कोई लेना देना नहीं है। घरों के निर्माण में सफ़ेद और नीले रंगों के इस्तेमाल की यह वजह नहीं है। इसकी मुख्य वजह ज्वालामुखी चट्टानों से घर का निर्माण करना है।

ऐसा माना जाता है कि यूनान में लकड़ियों की उलब्धता अधिक नहीं है। ऐसे में घर का निर्माण ज्वालामुखी चट्टानों से की जाती है। ये चट्टानें अंदर से बहुत गर्म और काले होते हैं। जब सूरज का तापमान बढ़ता है तो ज्वालामुखी पत्थरों से निर्मित घर में गर्मी बढ़ जाती है। इसलिए घर सफ़ेद और नीले रंग से पेंट किए जाते हैं।

विज्ञान के अनुसार, सफ़ेद रंग सूर्य की रौशनी का परावर्तक होता है।  यह सूर्य की रौशनी को अवशोषित नहीं करता है, बल्कि उसे परावर्तित कर देता है। जबकि नीला रंग जीवन को प्रदर्शित करता है। इसलिए यूनान में घरों को सफ़ेद और नीले रंग से पेंट किया जाता है।