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बौनों का गांव: आज भी अनसुलझी पहेली बना हुआ है China का यह गांव, 3 फीट से भी कम है आधी आबादी की हाइट

कद-काठी हमारी पहचान का एक जरूरी हिस्सा होता है। एक ओर लंबे लोगों को सेहतमंद और ताकतवर माना जाता है जबकि छोटे कद के लोगों (Short People) को अक्सर उपहास का सामना करना पड़ता है लेकिन क्या होगा अगर पूरा का पूरा गांव ही छोटे कद के लोगों से भरा हो? जी हां हम बात कर रहे हैं चीन के एक रहस्यमयी गांव (China Dwarf Village) की।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Tue, 15 Oct 2024 01:02 PM (IST)
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China Dwarf Village: वैज्ञानिकों के लिए आज भी पहेली बना हुआ है चीन में स्थित बौनों का गांव (Image: jagran.com)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज हम आपको चीन के एक ऐसे गांव (China Dwarf Village) के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां ज्यादातर लोग औसत कद से काफी ज्यादा छोटे हैं। इस रहस्यमयी गांव (Unusual Village) में बौनेपन के पीछे का कारण आज तक वैज्ञानिकों के लिए भी एक बड़ी पहेली बना हुआ है, ऐसे में अगर आप भी इससे जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे।

अक्सर छोटे कद के लोगों को समाज में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग उन्हें चिढ़ाते हैं, तो कई लोग ऐसे लोगों को कमजोर भी समझते हैं, लेकिन चीन के इस गांव (China's Village of Short People) में आधी से ज्यादा आबादी की हाइट ही 3 फीट से कम है। आइए इस आर्टिकल में आपको इससे जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स के बारे में बताते हैं।

चीन का रहस्यमयी यांग्सी गांव

चीन के शिचुआन प्रांत के एक सुदूर इलाके में यांग्सी नाम का एक गांव है, जो अपनी अनोखी खासियत के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। इस गांव की लगभग आधी आबादी बौने लोगों की है। जी हां, आपने सही सुना! यहां के 80 में से लगभग 36 लोग महज 2 फीट 1 इंच से 3 फीट 10 इंच के ही होते हैं। इसीलिए इसे 'बौनों का गांव' कहा जाता है।

वैज्ञानिक पिछले 67 सालों से इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर क्यों इस गांव में इतने सारे लोग बौने हैं? पहले यहां के लोग बिल्कुल सामान्य थे, लेकिन कई दशक पहले इस इलाके में एक रहस्यमयी बीमारी फैली थी, जिसके बाद से यहां पैदा होने वाले बच्चों की लंबाई बढ़ना बंद हो जाती है।

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वैज्ञानिकों के लिए अनसुलझा सवाल

यांग्सी गांव में बौने लोगों का दिखना 1911 से ही शुरू हुआ था। हालांकि, इस समस्या पर आधिकारिक तौर पर ध्यान तब दिया गया जब 1951 में प्रशासन को लोगों के अंगों के छोटे होने की शिकायतें मिलीं। 1985 की जनगणना में इस गांव में लगभग 119 ऐसे मामले सामने आए थे।

इस रहस्यमयी बीमारी का कारण जानने के लिए वैज्ञानिकों ने कई दशकों तक शोध किया है। उन्होंने गांव के पानी, मिट्टी और यहां तक कि खाद्य पदार्थों की भी जांच की, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाया। आज तक यह एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है कि आखिर क्यों इस गांव के लोगों की लंबाई बढ़ना बंद हो जाती है।

टूरिस्ट्स के जानें पर पाबंदी

चीन की सरकार ने यांग्सी गांव के अस्तित्व से कभी इनकार नहीं किया है, लेकिन इस गांव को बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग रखा गया है। किसी भी विदेशी को यहां आने की अनुमति नहीं है। स्थानीय लोग इस गांव को एक बुरी शक्ति का प्रकोप मानते हैं।

वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझाने के लिए कई अध्ययन किए हैं। उन्होंने पाया कि गांव की मिट्टी में पारा की मात्रा काफी अधिक है। यह संभव है कि मिट्टी में मौजूद जहरीले तत्वों के कारण यहां के लोगों की लंबाई नहीं बढ़ पा रही हो। कुछ लोगों का मानना है कि जापान द्वारा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान छोड़े गए जहरीले गैस का प्रभाव भी इस गांव पर पड़ा हो।

हालांकि, आज तक इस रहस्य का कोई सटीक जवाब नहीं मिल पाया है। यांग्सी गांव एक रहस्य बना हुआ है जो दुनिया भर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करता रहता है।

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