कैसे पड़ा जयपुर के 'हवा महल' का नाम, जानें कैसे बिना नींव के खड़ी है ये इमारत?
पिंक सिटी जयपुर कई वजहों से देश-दुनिया में मशहूर है। यहां कई ऐसे महल और किले हैं जो अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं। Hawa Mahal इन्हीं में से एक है जिसे अपनी अनोखी बनावट और इसके खास नाम के लिए जाना जाता है। यह बेहद खूबसूरत महल शहर के प्रमुख आकर्षण में से एक है। आइए जानते हैं इसकी दिलचस्प कहानी।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत अपनी संस्कृति और परंपराओं के अलावा अपनी धरोहरों के लिए भी जाना जाता है। यहां कई ऐसी इमारतें हैं, जो हमारे देश के समृद्ध और गौरवमयी इतिहास को दर्शाती हैं। राजस्थान देश का ऐसा ही एक राज्य है, जो अपनी रंग-बिरंगी संस्कृति और खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां कई सारे महल और किले मौजूद हैं, जिन्हें देखने दूर-दूर से लोगा यहां आते हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर, जिसे पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है, ऐसा ही एक खूबसूरत शहर है।
यहां कई खूबसूरत महल और किले शहर की शान बढ़ाते हैं, जिनका दीदार करने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। हवा महल इन्हीं खूबसूरत इमारतों में से एक है, जिसकी अनोखी बनावट और इसका नाम लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे हवा महल के इतिहास और इसके अनोखे नाम की कहानी के बारे में-यह भी पढ़ें- भव्य गंगा आरती से लेकर खूबसूरत गलियों तक, इन जगहों के दीदार के बिना अधूरा है बनारस का सफर
क्यों कहलाया हवा महल?
राजस्थान पर्यटन के मुताबिक जयपुर में हवा महल को शहर के प्रमुख आकर्षणों में से एक माना जाता है। यह पांच मंजिला इमारत मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखाई देती है और इसमें असंख्य खिड़कियां और झरोखे बने हुए हैं, जिसकी वजह से महल के अंदर हमेशा हवा चलती रहती है। अपनी इसी खायितस की वजह से इसे हवा महल का नाम दिया गया है। महल में मौजूद इस अद्भुत वेंटिलेशन के कारण इसका नाम हवा महल रखा गया, जिसका शाब्दिक अर्थ "हवाओं का महल" होता है।इसलिए बनाया गया हवा महल?
अब बात करें इस महल के इतिहास की, तो इसे बनवाने का मुख्य उद्देश्य शाही परिवार और दरबार की महिलाओं को दूसरों की नजरों से बचाकर जौहरी बाजार की चहल-पहल को देखने की अनुमति देना था। यह महिलाएं महल में मौजूद छोटी -छोटी खिड़कियों और झरोखों की मदद से बाहर सड़कों पर होने वाली हलचलों को देख पाती थीं, वो भी बिना किसी की नजर में आए।
यह एक पांच मंजिला इमारत है और दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है, जो बिना नींव के बनाई गई है। इसमें एक घुमावदार वास्तुकला है, जो 87 डिग्री के कोण पर झुकती है और एक पिरामिड आकार है, जिसने इसे सदियों तक सीधा खड़ा रहने में मदद की है।