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इंदौर के इस मंदिर में गुरूवार को मां यशोदा की पूजा से भर जाती है सूनी गोद

दुनिया का पहला माता यशोदा मंदिर इंदौर में बना हुआ है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां महिलाएं अपनी सूनी गोद भरने की मुराद लेकर आती है।

By Priyanka SinghEdited By: Updated: Thu, 21 Feb 2019 02:04 PM (IST)
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इंदौर के इस मंदिर में गुरूवार को मां यशोदा की पूजा से भर जाती है सूनी गोद
भारत के ज्यादातर जगहों पर श्रीकृष्ण से लेकर श्रीराम, हनुमान जी और भगवान शिव, विष्णु जी के ढेरों मंदिर है जहां श्रद्धालु अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं और उनके पूरे होने के लिए पूजा-पाठ करते हैं। लेकिन इन्हें पाल-पोस कर बड़ा करने वाली इनकी माताओं के मंदिर शायद ही कहीं देखने को मिलते हैं। कुछ ऐसे ही विचार के बाद इंदौर में यशोदा माता का मंदिर बना होगा। जहां महिलाएं खासतौर से अपनी सूनी गोद को भरने की फरियाद लेकर आती हैं।

वृहस्पतिवार को होती है विशेष पूजा

वृहस्पतिवार को यहां रोज़ाना से अलग खास तरह की पूजा होती है। जिसमें चावल, नारियल और अन्य पूजा की सामग्री से मां यशोदा की गोद भरी जाती है। ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि मां यशोदा महिलाओं की सूनी गोद को कृष्ण जैसे पुत्र देकर भर दें। इसके अलावा जन्माष्टमी के दिन या दूसरे दिन भी मां बहुत प्रसन्न होती है और मनचाहे संतान प्राप्ति का मां यशोदा को समर्पित यह विश्व का पहला मंदिर है जहां श्रीकृष्ण को उनकी माता के साथ देखा जा सकता है।

मंदिर की बनावट

मंदिर में मां यशोदा की कान्हा को अपने आंचल में समेटे हुए बहुत ही खूबसूरत मूर्ति है। यशोदा मैया की गोद में कृष्ण का बाल रूप विराजमान हैं। जिनका रोज़ाना साज-श्रृंगार होता है। इनके अलावा मंदिर में नंदबाबा और राधा-कृष्ण की मूर्तियां भी हैं।

कहां स्थित है मंदिर

लगभग 200 साल पुराना यह मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में राजबाड़ा इलाके में स्थित है।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग

अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट से 5-6 किमी की दूरी तय करके आप इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग

अगर आप ट्रेन से आने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इंदौर जंक्शन से 2 किमी की दूरी पर है यह मंदिर।

सड़क मार्ग

वहीं सड़क मार्ग से श्री यशोदा माता मंदिर तक आने के लिए आपको 220 मीटर तक का सफर तय करना होता है।