Bhojpur News: बिहिया में ट्रैक के किनारे मकान बनाने वालों की उड़ी नींद, रेलवे के एक कदम से होगा लाखों का नुकसान

Bhojpur News भोजपुर के बिहिया स्टेशन और ट्रैक के नजदीक जिन लोगों ने घर बनाए हैं उनकी टेंशन बढ़ने वाली है। दरअसल रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने की चर्चा तेज हो गई है। अब अगर रेलवे अतिक्रमण हटाती है तो लोगों का भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। कई सरकारी स्कूलों पर भी संकट मंडरा रहा है। दुकानें और सड़क नाली का अस्तित्व भी खतरे में है।

By Kaushal Kumar Mishra Edited By: Sanjeev Kumar Publish:Fri, 28 Jun 2024 04:41 PM (IST) Updated:Fri, 28 Jun 2024 04:41 PM (IST)
Bhojpur News: बिहिया में ट्रैक के किनारे मकान बनाने वालों की उड़ी नींद, रेलवे के एक कदम से होगा लाखों का नुकसान
भोजपुर के बिहिया स्टेशन के ट्रैक के पास बनाए गए कई मकान (जागरण)

HighLights

  • बिहिया में स्टेशन और लाइन से सट कर बनते गए मकान, रेलवे ने कभी नहीं ली सुध

संवाद सूत्र, बिहिया (भोजपुर)। Bhojpur News: डीडीयू से झाझा तक दो अतिरिक्त ट्रैक बनाए जाने के दौरान रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाए जाने की चर्चा के बीच बिहिया स्टेशन के ट्रैक के नजदीक वर्षो से मकान बनाकर रहने वाले लोगों की नींद उड़ गई है।

किसका घर बचेगा किसका टूटेगा इस पर चर्चा तेज हो गई है। यदि रेलवे अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाता है तो इसके जद में बड़े बड़े भवन से लेकर नगर पंचायत बिहिया में ट्रैक से सटे प्लस टू कस्तूरबा बालिका उच्च विद्यालय, उर्दू प्राथमिक विद्यालय से लेकर वार्ड नंबर 13 में रेल चहारदीवारी से सटे लाखों रुपए की लागत से हाल हीं में बना वेंडर जोन के तहत बनी दुकानें और सड़क, नाली का अस्तित्व पर संकट संभावित माना जा रहा है।

हालांकि, अतिक्रमण हटाने की तस्वीर सामने आने पर लोग न्यायालय जाने की बात करते देखे जा रहे है। नगर प्रशासन का दावा है कि अंचलाधिकारी बिहिया से एनओसी लेकर वेंडर जोन की दुकानें बनी थी।अब सवाल उठता है जब जमीन रेलवे की है तो सीओ ने किस हैसियत से एनओसी दे दी।

बताया जाता है कि वेंडर जोन बनने के दौरान कई बार रेलवे के अधिकारी पहुंचे थे और निर्माण पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, वेंडर जोन में बनी दुकानों में आज तक कोई वेंडर नहीं गया। दुकानें खाली है और उसमें सामने के घरों के लोग कबाड़ रखने हेतु इस्तमाल कर रहे है।

जानकारी के अनुसार लगभग दो साल पहले ट्रैक के दोनों ओर चहारदीवारी निर्माण के दौरान रेलवे प्रशासन ने आरओबी से पूरब एक किलोमीटर तक अंचल कार्यालय बिहिया के माध्यम से रेलवे की जमीन की मापी कराई थी। इसके लिए रेलवे ने बजाप्ता 6000 रुपये का एनआर कटाया था।

जयहिंद सरकार के नाम से दर्ज खाता संख्या 919 में प्लॉट न 1030 रेलवे ट्रैक,प्लॉट न 2028 रेलवे ट्रैक,प्लॉट नंबर 2035 रेलवे के उतर चांट,प्लॉट नंबर 2030 रेलवे का दक्षिण चांट तथा प्लॉट नंबर 2015 रेलवे के दक्षिण चांट की जमीन की मांपी हुई थी।मापी के दौरान रेलवे ट्रैक से उतर 37,30,42 फिट तक तथा रेलवे के दक्षिण 37,41,41,42 से 45 फिट तक जमीन रेलवे की निकली थी, जो अतिक्रमण के गिरफ्त में है।

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