Holi 2024 Date: इस साल कब है होली, 24 या 25? एक क्लिक में दूर करें अपना सारा कन्फ्यूजन; शुभ मुहूर्त भी जानिए

Holi 2024 Date होली को लेकर हर साल की तरह इस बार काफी कन्फ्यूजन है। वाराणसी से मुद्रित पंचांग अनुसार पूर्णिमा तिथि 24 (रविवार) की प्रातः 9 बजकर 24 मिनट से आरंभ होकर 25 को दिन में 11 बजकर 31 मिनट तक है। भद्रा की बात करें तो यह भी पूर्णिमा तिथि के आगमन से रात्रि 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

By Girdhari Agrwal Edited By: Rajat Mourya Publish:Thu, 14 Mar 2024 05:29 PM (IST) Updated:Thu, 14 Mar 2024 05:29 PM (IST)
Holi 2024 Date: इस साल कब है होली, 24 या 25? एक क्लिक में दूर करें अपना सारा कन्फ्यूजन; शुभ मुहूर्त भी जानिए
इस साल कब है होली, 24 या 25? एक क्लिक में दूर करें अपना सारा कन्फ्यूजन; शुभ मुहूर्त भी जानिए

गिरधारी अग्रवाल, बक्सर। Holi 2024 Date बुराई पर अच्छाई की जीत और मेल-मिलाप का प्रमुख त्योहार होलिकोत्सव में 10 दिन शेष रह गए हैं। इस त्योहार में होलिका दहन वैधानिक रूप से ज्योतिष गणना के बताए गए नियमों के अनुसार करने की रीति है। ऐसे में इस बार होलिका दहन किए जाने और उसके बाद रंगोत्सव मनाए जाने को लेकर लोगों के मन में द्वंद की स्थिति बरकरार है।

वाराणसी से मुद्रित पंचांग अनुसार पूर्णिमा तिथि 24 (रविवार) की प्रातः 9:24 से आरंभ होकर 25 को दिन में 11:31 बजे तक है। भद्रा की बात करें तो यह भी पूर्णिमा तिथि के आगमन से रात्रि 10:27 बजे तक रहेगा।

इसके आलोक में आचार्य कृष्णचंद्र शास्त्री उर्फ पौराणिक महाराज, ज्योतिषाचार्य पं. नरोत्तम द्विवेदी, प्रसिद्ध कर्मकांडी आचार्य अमरेंद्र कुमार शास्त्री उर्फ साहेब पंडित, डुमरांव निवासी वैदिक पं. संजय ओझा, कर्मकांडी शैलेंद्र कुमार मिश्र, पातालेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी रामेश्वर नाथ पंडित आदि ने बताया कि धर्म शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि 'रात्रौ भद्रा वसाने तू होलिका दीप्यते तदा'।

यानि कि होलिका दहन तीन शास्त्रीय नियमों के अनुसार किया जाना चाहिए। इसमें फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि हो तथा प्रदोष रात्रि का समय हो एवं भद्रा बीत चुकी हो। अतः उपयुक्त तीनों नियमों का पालन करते हुए इस साल 24 मार्च (रविवार) की रात्रि 10:27 बजे के बाद और रात्रि 12 बजे से पहले होलिका दहन का मुहूर्त शास्त्रीय नियमों के अनुसार उत्तम है।

उदयातिथि की प्रतिपदा में रंगों की होली खेलने का रिवाज

आचार्यों ने कहा कि चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि में रंगोत्सव (रंगो की होली) मानने की परंपरा रही है। सो काशी को छोड़कर, उदया तिथि में प्रतिपदा का मान मंगलवार को होने से सर्वत्र रंगों की होली 26 तारीख को ही मनाई जाएगी।

उधर, वृंदावन में मौजूद श्री सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम के महंत श्री राजाराम शरण दास ने बताया कि वहां के विद्वतजन के अनुसार इस बार वृंदावन में होली 25 को मनाई जाने वाली है। बरसाने की होली 18 मार्च को खेली जाएगी।

गोबर के उपले की होलिका श्रेष्ठ

दैनिक जागरण अपने पाठकों से अपील करता है की होली त्योहार में कोई भी ऐसा काम न करें जिससे किसी को कष्ट हो। जोर-जबरदस्ती किसी को रंग न लगाएं और होलिका दहन के लिए गोबर के उपले की होलिका श्रेष्ठ होती है।सड़क पर सीधे होलिका दहन करना अनुचित है। कच्ची जमीन या ईंट बिछाकर होलिका दहन करना चाहिए। इससे सड़क होलिका की गर्मी से खराब नहीं होगी।

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