इंजन फेल होने में खुल रही रेलवे की पोल

पटना-मुगलसराय रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों के इंजन आए दिन फेल होने की घटनाएं होती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jun 2018 05:38 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jun 2018 05:38 PM (IST)
इंजन फेल होने में खुल रही रेलवे की पोल
इंजन फेल होने में खुल रही रेलवे की पोल

बक्सर। पटना-मुगलसराय रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों के इंजन आए दिन फेल होने की घटनाएं होती हैं। ऐसे में दो से पंद्रह घंटे तक ट्रेनों का परिचालन बाधित हो जाता है। इस रेलखंड के दो बड़े रेलवे स्टेशन आरा व बक्सर में रिजर्व इंजन रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में मुगलसराय अथवा दानापुर से इंजन आने के बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू होता है। हाल के दिनों में इंजन फेल या इंजन में खराबी की वजह से हुई घटनाओं का जिक्र करें, तो स्थिति स्पष्ट हो जाती है। 

रेलवे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की बात करता है। लेकिन, रेस में उसके सारथी ही जवाब दे देते हैं। ऐसे में पटना-मुगलसराय रेलखंड पर ट्रेनों की परिचालन ठप हो जाती है। इसका असर देश के विभिन्न हिस्सों में जाने वाली ट्रेनों पर पड़ता है। बक्सर-हावड़ा-दिल्ली, पटना-नागपुर, पटना-लखनऊ, दानापुर-गोरखपुर, पटना-सासाराम, मुगलसराय-गुवाहाटी, मुगलसराय-भागलपुर रूट को जोड़ता है। ऐसे में ट्रेनों का परिचालन ठप होने से देश की प्रमुख शहरों में जानेवाली ट्रेनों की टाइ¨मग बिगड़ जाती है। केस 1 हालिया घटना का जिक्र करें तो 11 जून को वरुणा से डुमरांव के बीच 12791 डाउन सिकंदराबाद-दानापुर एक्सप्रेस का इंजन फेल कर गया। जिसके चलते ट्रेन करीब डेढ़ घंटे तक फंसी रही। वहीं, बक्सर से दूसरा इंजन भेजा गया तो वह भी फेल कर गया। इसके चक्कर में तकरीबन तीन घंटे यात्री फंसे रहे और दूसरी ट्रेनें भी चार से पांच घंटे तक लेट हो गई। केस 2

अगले ही दिन 12 जून को मंगलवार को एक बार पुन: 14055 अप अप डिब्रुगढ़-नई दिल्ली ब्रह्मपुत्र मेल का इंजन डुमरांव रेलवे स्टेशन पर फेल हो गया। जिसकी जानकारी मिलने के बाद स्टेशन प्रबंधक राजन कुमार द्वारा जमानिया से लाइट इंजन मंगाकर ट्रेन को आगे की ओर रवाना किया गया। 6350 हॉर्सपावर की क्षमता वाली इंजन का हो रहा प्रयोग रेलवे हाल के दिनों में ट्रेनों के समयनुपालन को लेकर ध्यान दे रहा है। इसको लेकर पुराने इंजन को बदला जा रहा है। अब भारतीय रेलवे में सबसे पावरफुल रेल इंजन में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव ङ्खन्द्द-9 शामिल किया गया है। इस इंजन को मालगाड़ी में इस्तेमाल किया जाता है। रेलवे के 6350 हॉर्सपावर क्षमता वाली इस इंजन का मॉडिफाई वर्जन ङ्खन्क्क-7 है। यह इंजन 24 कोच की पैसेंजर ट्रेन को 140 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से खींच सकती है। इंजन में खराबी आने पार 125 किलोमीटर दूर से आते हैं मैकेनिक दानापुर डिवीजन के तहत आनेवाला स्टेशन पटना से करीब सवा सौ किलोमीटर दूर है। वहीं, मुगलसराय से भी करीब सौ किलोमीटर की दूरी है। इसके बाद भी बक्सर में न तो कोई मैकेनिक है और न ही रिजर्व इंजन की कोई व्यवस्था। ऐसे में ट्रेनों इंजन में खराबी आने के बाद दानापुर व मुगलसराय के भरोसे ही रहना पड़ता है। स्थिति यह है कि मेमू रैक में भी खराबी आने पर बक्सर में बनाने की कोई व्यवस्था नहीं है।  कहते हैं स्टेशन प्रबंधक मामले में स्टेशन प्रबंधक राजन कुमार ने बताया कि तकनीकी खराबी के कारण रेल इंजन में गड़बड़ी हो जाती है। हालांकि, जैसे ही उन्हें इस प्रकार की कोई सूचना मिलती है। वे तुरंत मंडल खंड नियंत्रक को सूचना देते हैं। उसके बाद उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है।

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