सेना अधिकारी का शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला था, कार और मोबाइल मिले 100 किलोमीटर दूर
सेना के अधिकारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने से गया ओटीए के अधिकारियों के साथ ही गया पुलिस और सासाराम रेल पुलिस भी हैरान है। मामले में कुछ उलझाने वाले पहलुओं ने पुलिस का काम बढ़ा दिया है।
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गया/सासाराम, जागरण टीम। गया स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (Gaya Officer's training academy) में लेफ्टिनेंट जगतार सिंह (Lieutenant Jagtar Singh) की मौत पूरी तरह से संदेह के घेरे में है। गया पुलिस (Gaya Police) के साथ ही रेल पुलिस (Sasaram Rail Police) और सेना (Indian Army) इस मामले की अपने-अपने स्तर से छानबीन में जुटी है। सेना के इस अधिकारी का शव सासाराम में रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला था। उनकी कार गया जंक्शन (Gaya Junction) के पास एक आवासीय कॉलोनी से बरामद की गई है। पुलिस को इस बात का पता नहीं चल पा रहा है कि सेना का यह अधिकारी सासाराम कैसे और क्यों पहुंचा। फिलहाल सासाराम रेल पुलिस ने जीआरपी थाने में एक यूडी केस दर्ज करने के बाद अधिकारी का शव उनके परिवार को सौंप दिया है।
शनिवार की रात गया ओटीए लाया गया अधिकारी का शव
शव को पूरे सम्मान के साथ शनिवार की रात में गया ओटीए (Gaya OTA) लाया गया। दिवंगत अधिकारी को रविवार को अंतिम सलामी दी गई। सेना अधिकारी दिवंगत लेफ्टिनेंट जगतार सिंह, पिता हरिचंद 503, श्यामनगर अंबाला कैंट, जिला अंबाला के रहने वाले थे। उनका एक परिचय पत्र सासाराम जीआरपी को मिला था, जिस पर आइसी 81477 एम, रैंक एलटी भारतीय शस्त्र सेना अंकित है।
यूडी केस दर्ज, डीएसपी कर रहे मामले की जांच
रेल एसपी सुजीत कुमार ने बताया कि सासाराम रेलवे ट्रैक पर गौरक्षणी रेल ओवर ब्रिज के पास तीन दिन पहले गया के एक सेना अधिकारी का शव मिला था। इसकी पहचान सेना के अधिकारी के रूप में उनके परिचय पत्र से हुई थी। स्वजनों के आवेदन पर सासाराम जीआरपी में यूडी केस दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि सेना के अधिकारी गया से सासाराम कैसे पहुंचे, इसकी जांच की जा रही है। इस मामले में डीएसपी (रेल) को निर्देश दिया गया है। डीएसपी (रेल), ओटीए के अधिकारियों से पूछताछ करने के लिए जाएंगे। अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्होंने बताया कि इस मामले में स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा।
पूरा मामला संदेह के घेरे में
वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने बताया कि लेफ्टिनेंट का निजी वाहन कोतवाली थाना क्षेत्र के राज कॉलोनी के रोड-04 में तीन दिनों से लगा हुआ था। इसकी जानकारी पुलिस को शनिवार को मिली। उस वाहन पर आर्मी लिखा हुआ है। उस वाहन का नंबर एचआर01एपी-6826 है। उसकी जांच पड़ताल की गई है। उन्होंने बताया कि उक्त मोहल्ला में आर्मी के अधिकारी का वाहन मिलने की जांच शुरू की गई है। ओटीए का कैंपस गया-डोभी मार्ग पर स्थित है। ओटीए से नई गोदाम मोहल्ला की दूरी करीब 10 किलोमीटर है। फिर वहां से उक्त अधिकारी खुद वाहन चलाकर राज कॉलोनी मोहल्ला कैसे पहुंचे, इसकी छानबीन हो रही है। वहां पर लगे सीसीटीवी में अधिकारी की तस्वीर दर्ज हुई है। गाड़ी से उतरकर रेलवे लाइन की तरफ जाने का दृश्य सीसीटीवी में कैद है। आर्मी अधिकारी की गाड़ी फिलहाल उसी मोहल्ला में रखी हुई है। स्वजन चाबी लेकर आएंगे, तब गाड़ी ले जाएंगे।
कार और मोबाइल गया से बरामद होने को लेकर सवाल
सेना शिक्षा कोर से जुड़े लेफ्टिनेंट किस काम के लिए और कैसे सासाराम पहुंचे थे, यह रहस्य अभी तक कायम है। सेना के अधिकारियों से लेकर घटना की जांच कर रही पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में फिलहाल जुटी हुई है। सासाराम के जीआरपी थानाध्यक्ष लल्लू सिंह ने बताया कि उनकी कार गया शहर के माल गोदाम रोड से बरामद हुई है। सेना के अधिकारी का मोबाइल भी गया से ही बरामद हुआ है। इससे पूरे मामले को लेकर संदेह काफी गहरा रहा है।
गया में फिलहाल अकेले ही रहते थे सेना अधिकारी
रेल थानाध्यक्ष की मानें तो कर्नल जगतार सिंह गया में पदस्थापित थे। वहां वह फिलहाल अकेले ही रह रहे थे। उनकी पत्नी और बच्चे अंबाला में रहते है। सूत्रों की माने तो सेना के अधिकारी भी इस घटना को अपने स्तर से जांच करने की कवायद में जुट गए हैं। बताते चलें कि हरियाणा के अंबाला निवासी सेना के अधिकारी जगतार सिंह का शव शनिवार को सदर अस्पताल सासाराम में पोस्टमाॅर्टम के बाद उनके बड़े भाई व एयरफोर्स के विंग कमांडर बलविंदर राज ने प्राप्त किया था। जीआरपी थानाध्यक्ष के अनुसार सासाराम शव लेने पहुंचे बड़े भाई ने कोई लिखित आवेदन नहीं दिया है। बताया जाता है कि शव को सेना के अधिकारी रविवार को गया से हवाई जहाज से मोहाली एयरपोर्ट लेकर पहुंचे, इसके बाद सड़क मार्ग से शव को अंबाला ले गए। जानकारी के अनुसार लेफ्टिनेंट जगतार सिंह के पिता हरिचंद सिंह भी सेना में सूबेदार के पद से सेवानिवृत हुए थे।