Lalu Yadav Village : नीतीश कुमार के राज में कैसा है लालू यादव के गांव का हाल?

Lalu Yadav Village नीतीश कुमार डेढ़ दशक से भी अधिक समय से बिहार की सत्ता पर काबिज है। तेजस्वी यादव भले ही दो बार नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे लेकिन अबतक राजद को सत्ता के शीर्ष पर नहीं पहुंचा सके हैं। सत्ता हाथ में नहीं होने पर ऐसा माना जाता है कि उक्त नेता के क्षेत्र की उपेक्षा होगी लेकिन गोपालगंज के फुलवारिया गांव के साथ ऐसा नहीं है।

By manish kumar Edited By: Mohit Tripathi Publish:Wed, 15 May 2024 07:21 PM (IST) Updated:Wed, 15 May 2024 07:21 PM (IST)
Lalu Yadav Village : नीतीश कुमार के राज में कैसा है लालू यादव के गांव का हाल?
सभी मूलभूत सुविधाओं से लैस है लालू यादव का गांव। (फाइल फोटो)

HighLights

  • गोपालंगज जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर है फुलवरिया गांव
  • सामान्य गांवों की तुलना इस गांव में सभी आवश्यक सुविधाएं सशक्त

विवेक कुमार तिवारी, फुलवरिया (गोपालगंज)। गोपालंगज जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर स्थित है गांव है फुलवरिया। सामान्य गांवों की तुलना इस गांव में सभी आवश्यक सुविधाएं सशक्त हैं, अभाव केवल सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन का है।

मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सड़क के साथ-साथ अन्य वाह्य सुविधाएं भी गांव में ही मौजूद हैं। जिले का इकलौता गांव, जिसने राज्य को दो-दो मुख्यमंत्री के साथ ही उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तक दिए।

लालू यादव का पैतृक गांव है फुलवरिया

बात हो रही है राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पैतृक गांव फुलवरिया की। यहां जन्मे लालू प्रसाद यादव बिहार में मुख्यमंत्री के साथ साथ केंद्रीय मंत्री तक रह चुके हैं। उनके बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी बिहार की मुख्यमंत्री रहीं।

लालू-राबड़ी बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। तेजस्वी अभी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं।

सामान्य गांवों में आम ग्रामीणों को जो सुविधाएं 10 से 15 किलोमीटर दूर जाकर लेनी होती है, वह इस गांव में ही मौजूद हैं।

इस गांव के लोगों को प्रखंड, अंचल, थाना, रजिस्ट्री कचहरी, रेलवे स्टेशन आदि के लिए कहीं जाना नहीं पड़ता। गांव में ही तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन बेहतर प्रबंधन का अभाव है।

अस्पताल, रेलवे स्टेशन, रजिस्ट्री कचहरी की सुविधा गांव में

फुलवरिया एक ऐसा गांव है, जहां गांव में ही प्रखंड सह अंचल कार्यालय के साथ-साथ स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के लिए अस्पताल की व्यवस्था है।

अस्पताल लालू प्रसाद यादव की मां मरछिया देवी के नाम से ही निर्मित है। ठीक कुछ ही दूरी पर बैंक की भी सुविधा उपलब्ध है। बगल में प्रधान डाकघर है।

प्रखंड कार्यालय परिसर से सटा हुआ रजिस्ट्री कचहरी व कृषि कार्यालय है। बिजली की सप्लाई के लिए गांव में ही विद्युत उप केंद्र भी बनाया गया है।

मात्र एक जोड़ी ट्रेन का होता है परिचालन

दूरस्थ स्थानों तक जाने के लिए गांव में ही फुलवरिया रेलवे स्टेशन है, जो लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री के कार्यकाल में निर्मित कराया गया था।

आज इसी फुलवरिया स्टेशन से होकर पंचदेवरी हाल्ट-सोनपुर पैसेंजर ट्रेन का संचालन होता है। मात्र एक जोड़ी ट्रेन चलने का मलाल ग्रामीणों को है।

पानी टंकी के साथ नल के जल की व्यवस्था

फुलवरिया गांव से सटे दक्षिणी पश्चिमी भाग में एक बड़ा सा पानी टंकी है। इससे गांव में पेयजल की आपूर्ति होती है।

इसके अलावा, हाल ही में नल-जल योजना के तहत गांव में टोंटी भी लगाई गई है। इससे गांव के ग्रामीण घरों में शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध होता है। कुछ वार्डों में पूर्व के दिनों में खराबी मिली थी। इसे स्थानीय जनप्रतिनिधि के सहयोग से मरम्मत कर दी गई।

सुविधाओं से संतुष्ट दिखते फुलवरिया के ग्रामीण

गांव के ही कुछ लोगों से दैनिक जागरण की टीम ने बात की। लालू प्रसाद यादव के पैतृक घर के पड़ोस में ही रह रहे राजेंद्र यादव, जानकी देवी, रमाकांत यादव और पारस यादव ने कहा कि लालू प्रसाद के प्रयास से गांव में सुविधाएं धरातल पर दिख रही हैं। बस नए जमाने में युवाओं ने उसका बेहतर प्रबंध नहीं किया। इसके चलते थोड़ी सी परेशानी जरूर होती है।

फिलहाल गांव के गली मोहल्लों से निकलने वाली सभी सड़कें चुस्त-दुरुस्त है। मुख्य पथ से भी गांव को जोड़ने वाले संपर्क पथ की स्थिति भी बेहतर हैं।

गांव में पूर्व से निर्मित रेफरल अस्पताल के बाद अब नए सामुदायिक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी खुल गया है। इससे स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर हो जाएगी।

ग्रामीणों को लालू की बहुओं को देखने की ललक

गांव की कुछ वृद्ध पुरानी महिलाएं जानकी देवी, कांति देवी, उमा देवी के साथ-साथ कुछ वृद्ध अंबिका प्रसाद यादव, कांता प्रसाद आदि ने कहा कि लालू के परिवार के सब लोग आते हैं और जाते हैं।

लालू प्रसाद यादव की बहुएं कभी अपनी ससुराल फुलवरिया नहीं आई हैं। एक बार बीते वर्ष अगस्त महीने में आने की चर्चाएं भी थीं, लेकिन सिर्फ तेजस्वी प्रसाद यादव ही गांव आए। गांव के लोग उनकी बहू को देखने के लिए मन में ललक समेटे हुए हैं।

लोगों ने बताया कि चुनाव बाद बहुभोज का कार्यक्रम आगामी कुछ दिनों में फुलवरिया में होने की चर्चा है। इसमें शायद लालू प्रसाद यादव की छोटी बहू राजश्री का आना तय माना जा रहा है।

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