Lok Sabha Election: नीतीश कुमार की JDU का गढ़ है ये लोकसभा सीट, फिर भी 2014 में पलट गया था 'गेम'; समझें समीकरण

मोदी लहर के सामने जदयू प्रत्याशी उद्योगपति अनिल शर्मा को हार का सामना करना पड़ा था। पहली बार अपनी परंपरागत सीट पर जदयू एक लाख से कुछ अधिक वोट के अंदर सिमट गई थी। मुख्य मुकाबला एनडीए समर्थित रालोसपा के उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार और राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव के बीच रहा जिसमें डॉक्टर अरुण कुमार ने मोदी लहर में जीत का पतका फहरा दिया था।

By dheeraj kumar Edited By: Rajat Mourya Publish:Thu, 22 Feb 2024 02:41 PM (IST) Updated:Thu, 22 Feb 2024 02:41 PM (IST)
Lok Sabha Election: नीतीश कुमार की JDU का गढ़ है ये लोकसभा सीट, फिर भी 2014 में पलट गया था 'गेम'; समझें समीकरण
नीतीश कुमार की JDU का गढ़ है ये लोकसभा सीट, फिर भी 2014 में पलट गया था 'गेम'

HighLights

  • 2014 में पहली बार मुख्य मुकाबले से बाहर रही जदयू
  • पहली बार अपनी परंपरागत सीट पर एक लाख से कुछ अधिक वोट के अंदर सिमट गई थी पार्टी
  • बाकी टर्म में जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में विजेता तथा उपविजेता की भूमिका में रही है जद

जागरण संवाददाता, जहानाबाद। राजद सुप्रीमो लालू यादव से अलग होने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी अपनी स्थापना काल से ही जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में विजेता तथा उपविजेता की भूमिका में रही है। मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार मुख्य मुकाबले से बाहर रहे थे। उस समय देश में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की लहर चल रही थी, जिसमें विरोधी खेमा धराशायी होता गया।

2014 के चुनाव में पहली बार जदयू भाजपा से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ी थी। मोदी लहर के सामने जदयू प्रत्याशी उद्योगपति अनिल शर्मा को हार का सामना करना पड़ा था। पहली बार अपनी परंपरागत सीट पर जदयू एक लाख से कुछ अधिक वोट के अंदर सिमट गई थी। मुख्य मुकाबला एनडीए समर्थित रालोसपा के उम्मीदवार डॉ. अरुण कुमार और राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव के बीच रहा, जिसमें डॉक्टर अरुण कुमार ने मोदी लहर में जीत का पतका फहरा दिया था।

अरुण कुमार जदयू के संस्थापक सदस्य भी रहे हैं। इसी पार्टी की टिकट पर एक बार पहले भी चुनाव जीतने में सफल हुए थे। बाद में उपेंद्र कुशवाहा के साथ अरुण कुमार जदयू से अलग होकर खुद की पार्टी बनाकर एनडीए में शामिल हो गए थे। इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में जदयू के डॉ जगदीश शर्मा चुनाव जीते थे। 2019 में भी जदयू की जीत इस सीट पर हुई ।

इस तरह पार्टी के स्थापना काल के बाद एकमात्र 2014 का चुनाव ही ऐसा रहा जब जदयू यहां मुख्य मुकाबले से बाहर तीसरे स्थान पर सिमट गई थी।

2019 के नतीजे

चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी- जदयू- 335584

सुरेंद्र यादव- राजद- 333833

जीत और हार का अंतर- 1751

2014 के नतीजे

डॉ. अरुण कुमार- रालोसपा- 322647

डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव- राजद- 280307

अनिल कुमार शर्मा- जदयू -100851

जीत और हार का अंतर - 42340

2009 के नतीजे

डॉ. जगदीश शर्मा- जदयू- 234769

डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव -राजद- 213442

डॉ. अरुण कुमार -कांग्रेस- 48487

जीत और हार का अंतर - 21327

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