टोपोलैंड जमाबंदी रद्दीकरण के खिलाफ एकजुट हुए भूस्वामी

मुंगेर। प्रशासन द्वारा सदर प्रखंड के लगभग 32 मौजे की टोपोलैंड से संबंधित जमीन की जमाबंदी रद क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Sep 2018 10:05 PM (IST) Updated:Mon, 03 Sep 2018 10:05 PM (IST)
टोपोलैंड जमाबंदी  रद्दीकरण के खिलाफ एकजुट हुए भूस्वामी
टोपोलैंड जमाबंदी रद्दीकरण के खिलाफ एकजुट हुए भूस्वामी

मुंगेर। प्रशासन द्वारा सदर प्रखंड के लगभग 32 मौजे की टोपोलैंड से संबंधित जमीन की जमाबंदी रद करने के लिए भू स्वामियों को नोटिस जारी कर दिया गया है। जमाबंदी रद्दीकरण वाद के विरोध में लालदरवाजा में भूस्वामी ने नारजगी जाहिर करते हुए दुगास्थन में बैठक की और जम कर नारेबाजी की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मधुसूदन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि जिस जमीन का सर्वे नहीं हो पता है , जिसका प्लाट नंबर नहीं मिल पाता वैसी जमीन टोपोलैंड कहलाती है। इस पर पूर्ण स्वामित्व सरकार का होता है। लेकिन नियम को ताक पर रखकर स्थनीय प्रसाशन सदर प्रखंड के जमालकिता मौजा, वासुदेवपुर,अमरपुर, माधोकिता ,हरनाथपुर ,शेरपुर आदि मौजे की सर्वे के बाद खेसरा नंबर वाले जमीन को भी टोपोलैंड घोषित करवाना चाहती है। इसके लिए सीओ ने अपर समाहर्ता के न्यायालय में टोपोलैण्ड जमाबंदी रद्दीकरण वाद लाया है। यह वाद गलत तरीके से लाया गया, तथ्यहीन वाद है। जबकि सीओ ने फरवरी 16 -17 में उक्त मौजे की जमीन का खेसरा नंबर अपने नोटिस में अंकित किया है। वरीय उपसमाहर्ता ने इस नोटिस को अमल में न लाकर दूसरा नोटिस भूस्वामी को जारी कर दिया है। इसके पूर्व रेल सह सड़क पुल योजना अंतर्गत पुल निर्माण के लिए मौजा जमलकिता थाना नंबर 43 में 41.155 एकड़ भूमि अर्जन कर 41 रैयतों को अस्थायी भुगतान भी किया था। उन्होंने कहा कि 1902 में सर्वे सुपरिटेंडेंट के द्वारा सर्वे कर खेसरा नंबर 3 से 13 की जमीन को मन्युसपैलिटी की जमीन बताया है। उन्होंने कहा कि जमालकिता के थाना नंबर 43 ,तौजी नंबर 446,450 भूधारियों की जमीन की डिग्री , इजरायल एवं सर्वे नोइन प्लीडर कमिश्नर के द्वारा 1951-52 में किया गया है। भूस्वामियों ने एक स्वर में कहा कि सरकार नहीं मानती है तो इनके विरुद्ध कोर्ट के अवमानना का मुकदमा करेंगे। जान देंगे जमीन नहीं देंगे। बैठक में हेमंत कुमार, संजय यादव, अजय यादव, फुलेशवर यादव,अमरेश कुमार ,दामोदर यादव ,उमेश कुमार एवं अन्य भूस्वामी मौजूद थे। इस संबंध उपसमाहर्ता विद्यानंद ¨सह ने कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए इस संबंध में कुछ भी बताना संभव नहीं है।

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