मुजफ्फरपुर में आपत्ति वाली जमीन की सूची की होगी समीक्षा, जांच के बाद हटाया जाएगा खेसरा
Muzaffarpur News रोक सूची की जमीन रजिस्ट्री के लिए अपर समाहर्ता की अध्यक्षता वाली कमेटी ही लेगी निर्णय। डीएम ने की बैठक जिले में अभी एक लाख दस हजार से अधिक रोक सूची की जमीन। वास्तविक रैयतों को परेशानी को देखते हुए सूची से हटायी जाएगी कुछ जमीन।
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मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में रोक सूची की जमीन की समीक्षा होगी। इसके बाद गैरवाजिब तरीके से सूची में शामिल जमीन को इससे हटाया जाएगा, ताकि वास्तविक रैयतों को परेशानी नहीं झेलनी पड़ी। वहीं इस सूची में जमीन के प्लाट को जोड़ा भी जाएगा जो सरकारी होगी। डीएम प्रणव कुमार की अध्यक्षता में शनिवार शाम को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। विदित हो कि जिले में एक लाख 10 हजार से अधिक जमीन के प्लाट रोक सूची में हैं।
रजिस्ट्री में रैयतों को होती है परेशानी
बताया जा रहा कि इसमें ऐसी जमीन भी है जो रैयती है। कई मौजे का खेसरा एक जैसा होने से भी कई जमीन रोक सूची में शामिल हो गई है। इसकी रजिस्ट्री में रैयतों को परेशानी होती है। जरूरत के समय वे जमीन की खरीद-बिक्री नहीं कर पाते। इसे देखते हुए रोक सूची की फिर से जांच करने की मांग उठी। अब जांच में यह देखा जाएगा कि यह सरकारी है या रैयती। इसके बाद इसे रोक सूची से हटाने की अनुशंसा की जाएगी।
वहीं वर्तमान में जमीन रजिस्ट्री के लिए रोक सूची की जमीन पर अपर समाहर्ता की अध्यक्षता वाली कमेटी लेगी। इसके आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री हो सकेगी। बैठक में अपर समाहर्ता संजीव कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी संजय राय, जिला अवर निबंधक राकेश कुमार, समेंद्र कुमार, डीसीएलआर पूर्व जयकांत यादव, पश्चिमी खगेशचंद्र झा, एसडीसी राजस्व सारंग पाणि पांडेय के अलावा अंचलाधिकारी मौजूद थे।
जमीन माफिया की नजर भी सूची पर
जिले में सरकारी जमीन की अवैध रूप से खरीद-बिक्री करने वालों की नजर भी रोक सूची पर है। उनके स्तर से भी दबाव बनाया जा रहा। एक बार मौका मिला नहीं कि सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी जाएगी। सिकंदरपुर मन की 20 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण इसका उदाहरण है। इसमें से कई टुकड़ों की जमीन की बिक्री तक हो चुकी है। बैठक में कहा गया कि रोक सूची में गहन जांच के बाद ही निर्णय लिया जाएगा, ताकि कोई चूक नहीं हो।