बिहार के सभी अस्पतालों में 24 घंटे मिलेगी आपातकालीन सेवा, CM डिजिटल हेल्थ योजना के जरिए खर्च होंगे 300 करोड़

बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना प्रभावी है। इस योजना का उद्देश्य बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं और जांच इत्यादि को डिजिटल मोड पर ले जाना है। इस योजना के तहत अबतक सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 2024-25 में योजना के संचालन के लिए विभाग ने 17.55 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। पूरी योजना पर करीब 300 करोड़ खर्च होने हैं।

By Sunil Raj Edited By: Mohit Tripathi Publish:Wed, 26 Jun 2024 08:45 AM (IST) Updated:Wed, 26 Jun 2024 08:45 AM (IST)
बिहार के सभी अस्पतालों में 24 घंटे मिलेगी आपातकालीन सेवा, CM डिजिटल हेल्थ योजना के जरिए खर्च होंगे 300 करोड़
पूरी योजना पर खर्च होंगे करीब 300 करोड़ रुपये। (सांकेतिक फोटो)

HighLights

  • सीएम डिजिटल हेल्थ योजना के लिए जारी किए गए 17 करोड़
  • पांच वर्षों में इस योजना पर खर्च होंगे तीन सौ करोड़

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के आम लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा सहज तरीके से उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना प्रदेश में प्रभावी है। जिसके तहत बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा और जांच वगैरह को डिजिटल मोड पर ले जाना है।

सरकार का मानना है कि स्वास्थ्य व्यवस्था और आमजनों का हेल्थ रिकार्ड डिजिटल माध्यम में उपलब्ध होने पर भविष्य में स्वास्थ्य नीति के निर्माण में काफी सहूलियत होगी।

पांच वर्षों के लिए लागू की गई योजना के वित्तीय वर्ष 2024-25 में सफल संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 17.55 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।

300 करोड़ रुपये होंगे खर्च

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022-23 से राज्य में मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना प्रभावी हुई है। योजना का कार्यकाल 2026-27 तक है। पूरी योजना पर करीब तीन सौ करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

100 करोड़ हो चुके हैं खर्च

इस वर्ष योजना के रखरखाव और परिचालन के लिए 17.55 करोड़ रुपये की आवश्यकता को देखते हुए राशि स्वीकृत कर दी गई है। योजना के शुरुआती काल से अब तक इस पर सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

सभी अस्पतालों में मिलेगी 24 घंटे आपातकालीन सेवा

प्रत्येक जिले में योजना पूरी तरह से प्रभावी होने के बाद सभी अस्पतालों में सातों दिन 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सा सुविधा और विशेषज्ञ डाक्टरों का परामर्श मिलने लगेगा।  प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य की मॉनीटरिंग हो सकेगी।

पूरी तरह से डिजिटल योजना प्रभावी होने के बाद रोगियों को इलाज के लिए अपने साथ इलाज के दस्तावेज लेकर नहीं आने होंगे। महज एक क्लिक पर डाक्टर उनकी पूरी स्वास्थ्य कुंडली देख सकेंगे।

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