Bihar Politics: मोदी-शाह के लिए सिरदर्द बनेंगे BJP के दो दिग्गज नेता? अचानक पढ़ाने लगे राजनीति की A-B-C-D

इन दिनों अश्विनी चौबे और संजय पासवान बीजेपी के लिए सिरदर्द बन गए हैं। दोनों ही नेता पार्टी लाइन से हटकर बयान दे रहे हैं। अश्विनी चौबे और संजय पासवान ने पहले तो खूब राज किया और अब अपनी ही पार्टी को राजनीति का पाठ पढ़ाने में लग गए हैं। भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों ने कहा है कि चौबे व पासवान दबाव की राजनीति करने में जुट गए हैं।

By Raman Shukla Edited By: Rajat Mourya Publish:Fri, 28 Jun 2024 10:04 PM (IST) Updated:Fri, 28 Jun 2024 10:04 PM (IST)
Bihar Politics: मोदी-शाह के लिए सिरदर्द बनेंगे BJP के दो दिग्गज नेता? अचानक पढ़ाने लगे राजनीति की A-B-C-D
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

HighLights

  • संजय पासवान और अश्विनी चौबे पार्टी लाइन से हटकर बयान दे रहे हैं।
  • बीजेपी के दो दिग्गज नेता शीर्ष नेतृत्व के लिए सिरदर्द बन सकते हैं।
  • प्रदेश पदाधिकारियों ने कहा है कि दोनों नेता दबाव की राजनीति करने में जुट गए हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार भाजपा के दो दिग्गज नेता वर्षों तक विधायक, सांसद एवं विधान पार्षद के अलावा केंद्रीय मंत्री भी रहे। राज करने के बाद अब वे पार्टी को राजनीति सिखाने लगे हैं। यह दोनों नेता बीजेपी की टॉप लीडरशिप यानी पीएम मोदी, अमित शाह की भी टेंशन बढ़ा सकते हैं। विधान परिषद में कार्यकाल पूरा होते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान कह रहे हैं कि भाजपा बिहार में लोकसभा की 12 सीटों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कारण विजयी रही है।

दूसरी तरफ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे अब पार्टी को 2025 का विधानसभा चुनाव नीतीश से अलग होकर अकेले लड़ने की सीख देने लगे हैं। पार्टी में पहुंच-पकड़ वाले पद से किनारे हुए दिग्गजों के बड़बोलेपन के निहितार्थ को राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के नेता के साथ विपक्ष एवं जनता भी समझ रही है।

यह स्थिति तब है जबकि संजय पासवान के बेटे गुरु प्रकाश वर्तमान में भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी हैं। प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने प्रदेश मंत्री का दायित्व दे रखा है। इससे पहले, गुरु प्रकाश भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे।

इधर, दोनों नेताओं के बयान पर भाजपा के नेता से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का कहा है कि चौबे व पासवान दबाव की राजनीति करने में जुट गए हैं। दोनों नेताओं के बयान के दूरगामी संदेश हैं।

भाजपा के नेतृत्व में लड़ा जाए विधानसभा चुनाव : चौबे

पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने 26 जून को प्रेसवार्ता में कहा था कि उनकी इच्छा है कि बिहार विधानसभा चुनाव भाजपा के नेतृत्व में लड़ा जाए। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बनेगी। घटक दलों को भी आगे बढ़ाया जाएगा।

साथ ही कहा था कि मेरी समझ से प्रदेश हो या जिला कहीं भी किसी आयातित व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष का जिम्मा नहीं सौंपना चाहिए, बल्कि भाजपा संगठन के मूल से जुड़े व्यक्ति को ही अध्यक्ष होना चाहिए। पार्टी में विधायक व सांसद भी आयातित हो रहे हैं। उन्हें संगठन की विचारधारा में ढालना होगा।

इसके अर्थ यह भी निकाले जा रहे हैं कि चौबे ने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर भी प्रश्न खड़े किए हैं। अब भाजपा के दोनों नेताओं को राजग के सहयोगी दल के साथ विपक्षी भी चुटकी ले रहे हैं।

तो जीरो पर आउट हो जाती भाजपा : पासवान

भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय पासवान ने 26 जून को स्वामी सहजानंद पर आयोजित समारोह में कहा, मुझे यह कहने में गुरेज नहीं है कि इस बार (लोकसभा चुनाव में) अगर नीतीश कुमार भाजपा के साथ नहीं होते तो बिहार में भाजपा जीरो पर आउट हो जाती।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कहने में थोड़ा अटपटा लगता है लेकिन यह सच्चाई है। इन दिनों बिहार में ताकत का धुव्रीकरण हुआ है। बिहार में एक ताकत तेजस्वी यादव के साथ गई है। वहीं, नीतीश कुमार भी एक ताकत का समूह बन गए हैं।

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