सम्राट ने केंद्र सरकार से बिहार के लिए क्‍या-क्‍या मांग लिया? यहां देखें डिमांड्स; राज्‍य में अगले साल होना है विधानसभा चुनाव

बिहार के उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की विकास दर दो अंकों में है। इसे बनाए रखने के लिए विशेष सहायता की आवश्‍यकता है। साथ ही बिहार के लिए कई मांगों से केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण को अवगत कराया। मालूम हो कि अगले वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव है। वहीं सम्राट ने केंद्र के सामने ये मांगे रख दी हैं।

By Raman Shukla Edited By: Prateek Jain Publish:Sat, 22 Jun 2024 10:49 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jun 2024 10:49 PM (IST)
सम्राट ने केंद्र सरकार से बिहार के लिए क्‍या-क्‍या मांग लिया? यहां देखें डिमांड्स; राज्‍य में अगले साल होना है विधानसभा चुनाव
नई दिल्ली में आयोजित जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक में शामिल हुए सम्राट चौधरी।

HighLights

  • सम्राट बोले- राज्य के विकास के लिए विशेष सहायता जरूरी
  • चौसा पावर प्लांट के लिए आठ सौ करोड़ की मांग रखी
  • सम्राट बोले- बिजली क्षेत्र में वन नेशन वन टैरिफ लागू करे केंद्र

राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव हैं। इसके पहले बिहार के डिप्‍टी सीएम सह वित्‍त मंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्र के सामने प्रदेश के लिए कई मांगे रखी हैं। साथ ही कई मांगों के पीछे कारण भी बताए।

बिहार ने केंद्र सरकार से बिजली के क्षेत्र में वन नेशन वन टैरिफ लागू करने की मांग की। बिहार बाहरी बिजली पर निर्भर है। इसके लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है।

बिजली के लिए बिहार को देनी पड़ रही ज्‍यादा कीमत

केंद्रीय प्रक्षेत्र से बिजली लेने पर बिहार को 4.81 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ता है। जबकि निजी क्षेत्र की बिजली दर 3.60 रुपये प्रति यूनिट है। शनिवार को नई दिल्ली में उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्री-बजट बैठक में यह मांग की।

उप मुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि 2022-23 में बिहार का विकास दर देश में सर्वाधिक थी। यह तब 10.64 प्रतिशत था। वित्तीय अनुशासन, बेहतरीन प्रबंधन के कारण कम संसाधन होते हुए भी बिहार ने यह दर हासिल की है।

बिहार को यह विकास की दर बनाए रखने के लिए अधिक आर्थिक सहायता की जरूरत है। वहीं, बिहार ने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) के तहत वर्तमान ऋण लेने की सीमा को तीन प्रतिशत से अधिक करने की मांग की।

एयरपोर्ट डेवलपमेंट के लिए इसी साल मांगी बजट राश‍ि

राज्य सरकार ने हाल ही में नौ एयरपोर्ट- डेहरी, सहरसा, फारबिसगंज, मुंगेर, बेगूसराय, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, रक्सौल एवं गोपालगंज में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष के बजट में ही राशि उपलब्ध कराने की भी मांग की गयी।

वहीं, राज्य सरकार ने केंद्र से पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेश वे, आमत-दरभंगा फोर लेन रोड के लिए राशि देने की मांग की। राज्य सरकार ने कहा बिहार में तकरीबन 20,418 किमी ग्रामीण सड़क है।

31 मार्च 2015 से पहले इसका रखरखाव केंद्र द्वारा किया जाता था, लेकिन पांच साल के बाद से इसका रखरखाव राज्य सरकार को करना पड़ रहा है। बिहार ने केंद्र से आग्रह किया कि रखरखाव की राशि 60: 40 के अनुपात में दें।

पीएम आवास और मेट्रो का काम भी होना है

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, शहरी के तहत राज्य में 10 लाख आवास बनाने की तैयारी में है। इस पर लगभग 20 हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है, इसके लिए सहायता उपलब्ध कराई जाए। हाल ही में कैबिनेट में गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा एवं भागलपुर में मैट्रो निर्माण की अनुमति दी है।

इस पर लगभग 15,750 करोड़ रुपये खर्च होगा। राज्य सरकार ने इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष के केंद्रीय बजट में ही राशि के प्रावधान किए जाने की मांग की।

वहीं, राज्य सरकार ने सात नये सरकारी मेडिकल कालेज के निर्माण के लिए राशि मांगा। ये मेडिकल कालेज मुंगेर, मोतिहारी, गोपालगंज, सुपौल, बेगूसराय, महुआ एवं आरा में स्थापित किया जाना है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में नियोजित शिक्षकों के वेतन पर राज्य सरकार को 17,686 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ेगा, लेकिन केंद्र सरकार ने इसके लिए महज 3063 करोड़ की मंजूरी दी है। राज्य सरकार ने इसके लिए 60:40 के अनुपात में राशि देने की मांग की।

स्पोर्ट्स क्लब के लिए रखी ये डिमांड

राज्य सरकार ने हाल ही में कैबिनेट में निर्णय लिया है कि पंचायत एवं नगर पंचायत में स्पोर्ट्स क्लब बनाने का निर्णय लिया है। इन पर करीब 410 करोड़ रुपये खर्च होगा। इसके लिए बजट में राशि का प्रावधान किया जाए।

बैठक में राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत विकसित राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, असम की तुलना में कम राशि मिलने का मुद्दा उठाया।

एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (अपरेडा) का कार्यालय स्थापित किए जाने की भी मांग की। वहीं, कोसी-मेंची लिंक प्रोजेक्ट के लिए भी राशि उपलब्ध कराने एवं मनरेगा के तहत पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने की मांग की।

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