बिहार के इन फर्जी नियोजित शिक्षकों पर भी चलेगा शिक्षा विभाग का डंडा, FIR दर्ज कर कार्रवाई का दिया गया आदेश

बिहार के शिक्षा विभाग ने 27 और फर्जी शिक्षकों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। पहचान किए गए शिक्षकों में पांच महिला नियोजित शिक्षक भी शामिल हैं। इन शिक्षकों के पात्रता परीक्षा के सर्टिफिकेट फर्जी पाये गए हैं। खास बात ये है कि फर्जी नियोजित शिक्षक के रूप में जिन पांच महिलाओं की शिनाख्त हुई है उनमें दो एक ही नाम की हैं।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mohit Tripathi Publish:Fri, 17 May 2024 02:54 PM (IST) Updated:Fri, 17 May 2024 02:54 PM (IST)
बिहार के इन फर्जी नियोजित शिक्षकों पर भी चलेगा शिक्षा विभाग का डंडा, FIR दर्ज कर कार्रवाई का दिया गया आदेश
बिहार के इन फर्जी नियोजित शिक्षकों पर भी चलेगा शिक्षा विभाग का डंडा। (सांकेतिक फोटो)

HighLights

  • शिक्षा विभाग ने राज्य के 27 और फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई के दिए आदेश
  • चिन्हित शिक्षकों में पांच महिला नियोजित शिक्षक भी शामिल

राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग ने 27 और फर्जी शिक्षकों को चिन्हित करते हुए उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। चिन्हित शिक्षकों में से पांच नियोजित शिक्षक महिलाएं शामिल हैं। इन शिक्षकों के पात्रता परीक्षा (टीईटी) के सर्टिफिकेट फर्जी पाये गये हैं।

खास बात यह है कि फर्जी नियोजित शिक्षक के रूप में जिन पांच महिलाओं की शिनाख्त हुई है, उनमें दो एक ही नाम की हैं। लेकिन, दोनों अलग-अलग जिले की हैं।

किस जिले के कितने शिक्षकों का कटा वेतन

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, फर्जी पाए गए शिक्षकों में किशनगंज के तीन, अररिया के चार, पूर्णिया के तीन, सीतामढ़ी के तीन, कैमूर के तीन, बांका के दो, मधुबनी के एक, मधेपुरा के दो, बेगूसराय के दो, नवादा के एक, बेगूसराय के एक, अरवल के एक तथा समस्तीपुर के एक नियोजित शिक्षक शामिल हैं। वहीं संदेह के दायरे में आयी नियोजित शिक्षिका नवादा जिले की है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा हुई थी। उसमें बैठने वाले नियोजित शिक्षकों में से एक हजार 151 नियोजित शिक्षक टीईटी, सीटीईटी, एसटीईटी के रौल नंबर के अनुसार डुप्लिकेट के रूप में चिन्हित किए गए थे।

उसके बाद शिक्षा विभाग ने ऐसे नियोजित शिक्षकों का भौतिक सत्यापन कराने का फैसला किया। इसके लिए कमेटी बनायी गयी। फिर, भौतिक सत्यापन का शेड्यूल बना।

शिड्यूल के हिसाब से डुप्लिकेट के रूप में चिन्हित ऐसे सभी 1,151 नियोजित शिक्षक भौतिक सत्यापन के लिए शिक्षा विभाग में तलब किया गया। उसमें 420 नियोजित शिक्षक ऐसे निकले, जो जांच कमेटी के समक्ष हाजिर ही नहीं हुए।

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