Bihar News: एक्शन में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सरकारी अस्पतालों में अब 24 घंटे मिलेंगी ऐसी 300 दवाएं

बिहार समेत देश के अधिकांश राज्य भीषण गर्मी और हीटवेव की चपेट में है। ऐसे में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय एक्शन में दिखाई दे रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने विभाग को कई अहम निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अस्पतालों में कम से कम 300 दवाएं हमेशा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने गर्मी और हीटवेव के मरीजों को लेकर भी निर्देश दिए हैं।

By Sunil Raj Edited By: Mohit Tripathi Publish:Thu, 13 Jun 2024 08:11 AM (IST) Updated:Thu, 13 Jun 2024 08:11 AM (IST)
Bihar News: एक्शन में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सरकारी अस्पतालों में अब 24 घंटे मिलेंगी ऐसी 300 दवाएं
एक्शन में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय।

HighLights

  • सरकारी अस्पतालों में हमेशा उपलब्ध रहें तीन सौ तरह की दवाएं : मंगल पांडेय
  • अफसरों और डॉक्टरों को अलर्ट रहने का निर्देश

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सभी श्रेणी के अस्पतालों को निर्देश दिए कि अस्पतालों में कम से कम तीन सौ प्रकार की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें, ताकि मरीजों को समस्या न हो। उन्होंने भीषण गर्मी, लू और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम बीमारी की भी गहन समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।

मंत्री पांडेय बुधवार को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। इस बैठक में विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ-साथ सभी सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षक और प्राचार्य भी उपस्थित थे।

सिविल सर्जनों को निर्देश अलर्ट रहें

मंत्री ने दवाओं की समीक्षा करते हुए कहा दवाओं की आवश्यक सूची में तीन सौ से अधिक दवाएं शामिल हैं। अस्पतालों में नियमों का पालन करते हुए सभी प्रकार की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। दवाओं की उपलब्धता और वितरण की रियल टाइम मॉनीटरिंग के निर्देश भी उन्होंने दिए।

सिविल सर्जनों से कहा गया कि प्रदेश भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। ऐसे हालात में सिविल सर्जन अलर्ट मोड में रहे। मंत्री ने एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम बीमारी पर नियंत्रण के लिए कर प्रकार की तैयारी रखने के निर्देश भी दिए। बैठक में अधिकारियों ने मंत्री को जानकारी दी कि 2001-03 में मातृ-शिशु मृत्युदर 301 थी जो 2020 में घटकर 32 हो गई है।

संस्थागत प्रसव में सुस्त जिलों को चेतावनी

मंत्री ने संस्थागत प्रसव की समीक्षा में पाया कई जिले ऐसे भी है उनकी उपलब्धि 40 प्रतिशत से कम हैं। वे जिले हैं रोहतास, सिवान, पटना और बक्सर। इन जिलों को अपेक्षित सुधार के निर्देश दिए गए।

एक प्रतिशत से भी कम जिले ऐसे भी हैं, जहां सिजेरियन प्रसव कराया जा रहा है। इस पर मंत्री ने खेद प्रकट करते हुए अररिया, खगडिय़ा, अरवल, सारण, समस्तीपुर, कटिहार को इसमें सुधार लाने के निर्देश दिए गए।

लक्ष्य के खिलाफ 62 प्रतिशत बंध्याकरण

मंत्री को बताया गया कि 2023-24 में अपेक्षित लक्ष्य के विरूद्ध 62 प्रतिशत बंध्याकरण किया गया। करीब डेढ़ दर्जन जिलों को इस अभियान में तेजी के निर्देश दिए गए।

टीकाकरण की समीक्षा में पाया गया कि राज्य में इस वर्ष अब तक 84 प्रतिशत टीकाकरण किया गया है। औरंगाबाद, भोजपुर, मुंगेर समेत कुछ जिलों ने शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया है।

टेलीफोन के माध्यम से डॉक्टरी परामर्श

मंत्री ने हेल्थ वेलनेस सेंटर के साथ टेली कंसलटेशन की भी समीक्षा की और निर्देश दिए कि सभी जिलों में टेलीकंसलटेशन हब बने हैं इनके माध्यम से अधिक से अधिक रोगियों को परामर्श दिया जाए।

इन योजनाओं के साथ मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना, ओपीडी निबंधन, मरीजों के वाइटल की जांच कंप्यूटरीकरण, नेशनल क्वालिटी एयोरेंस स्टैन्डर्ड सर्टिफिकेशन की भी समीक्षा की गई।

बैठक में अपर मुख्य सचिव, प्रत्यय अमृत, सचिव संजय कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, सुहर्ष भगत, शशांक शेखर, शैलेश कुमार अमिताभ सिंह, सतीश रंजन समेत दूसरे पदाधिकारी उपस्थिति रहे।

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