Bihar Sand Transportation: बिहार में जुलाई से लाल पट्टी वाले वाहनों से ही होगी बालू-पत्थर की ढुलाई, नया आदेश जारी

Bihar Sand Stone Transportation अधिसूचना के अनुसार एक जुलाई 2024 से बालू और पत्थर सहित खनिज लदे वाहनों पर विशिष्ट पहचान की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है। विभाग ने यह व्यवस्था अवैध खनन और परिवहन की रोकथाम के संबंध में पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा राज्य सरकारों को दिए गए कई निर्देशों के आलोक में किया है।

By Rajat Kumar Edited By: Rajat Mourya Publish:Thu, 16 May 2024 07:42 PM (IST) Updated:Thu, 16 May 2024 07:42 PM (IST)
Bihar Sand Transportation: बिहार में जुलाई से लाल पट्टी वाले वाहनों से ही होगी बालू-पत्थर की ढुलाई, नया आदेश जारी
बिहार में जुलाई से लाल पट्टी वाले वाहनों से ही होगी बालू-पत्थर की ढुलाई, नया आदेश जारी

राज्य ब्यूरो, पटना। अब बालू और पत्थरों की ढुलाई किसी भी वाहन से नहीं हो सकेगी। इसके लिए जीपीएस युक्त वाहन इस्तेमाल करना होगा जिसमें चारों ओर लाल रंग की चौड़ी पट्टी बनी होगी. ताकि दूर से ही ऐसे वाहनों को पहचाना जा सके। अवैध खनन एवं परिवहन पर रोक लगाने एवं इसकी सख्त मॉनिटरिंग को लेकर यह नया आदेश जारी किया गया है। इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।

अधिसूचना के अनुसार, एक जुलाई 2024 से बालू और पत्थर सहित खनिज लदे वाहनों पर विशिष्ट पहचान की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है। विभाग ने यह व्यवस्था अवैध खनन और परिवहन की रोकथाम के संबंध में पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा राज्य सरकारों को दिए गए कई निर्देशों के आलोक में किया है।

राज्य सरकार ने अवैध बालू परिवहन पर रोक लगाने के लिए बालू की ढुलाई में लगे वाहनों में जीपीएस लगाने की अनिवार्यता पहले से ही की हुई है। अब इसमें कई और शर्तें जोड़ी गई हैं।

वाहन मालिकों को रखना होगा इस बात का ध्यान

नई व्यवस्था के अनुसार, अब विभाग द्वारा बालू के ढुलाई के लिए ''खनन साफ्ट में निबंधित जीपीएस लगे वाहनों पर चारों तरफ से लाल रंग की 20 इंच चौड़ी पट्टी वाहन मालिकों को रंगवानी होगी। लाल पट्टी पर चारों तरफ छह इंच के आकार में खनन वाहन का निबंधन संख्या और वाहन संख्या अनिवार्य रूप से अंकित करना होगा।

बालू बंदोबस्तधारी भी विशिष्ट पहचान अंकित किए गए और जीपीएस लगे वाहनों को ही परिवहन चालान निर्गत करेंगे। इस व्यवस्था का उद्देश्य है कि बालू और पत्थर लदे खनिज वाहनों की पहचान आसानी से हो सके। लाल रंग से रंगे होने के कारण प्रशासन द्वारा इसकी आसानी से जांच की जा सकेगी।

आम लोग भी ऐसे वाहनों पर निगाह रख सकेंगे। साथ ही वाहन संख्या डालकर खनन साफ्ट पोर्टल पर यह जान सकेंगे कि उक्त वाहन के लिए बालू का चालान कब तक वैध है। अगर कोई वाहन विशिष्ट पहचान के बिना बालू का परिवहन करते वाहन पाया जाएगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

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