Bihar Police Bharti: परीक्षा से 4 दिन पहले लीक हुआ था सिपाही भर्ती का प्रश्न-पत्र, संजीव मुखिया मास्टरमाइंड

बिहार पुलिस सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। महीनों की जांच के बाद ईओयू ने बताया है कि सिपाही भर्ती का प्रश्न-पक्ष परीक्षा से चार दिन पहले ही लीक हो गया था। बता दें कि 1 अक्टूबर 2023 को यह परीक्षा ली गई थी। 21 हजार से अधिक पदों के लिए एग्जाम हुआ था लेकिन पेपर लीक के बाद इस रद्द कर दिया गया।

By Rajat Kumar Edited By: Rajat Mourya Publish:Thu, 27 Jun 2024 10:13 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jun 2024 10:13 PM (IST)
Bihar Police Bharti: परीक्षा से 4 दिन पहले लीक हुआ था सिपाही भर्ती का प्रश्न-पत्र, संजीव मुखिया मास्टरमाइंड
परीक्षा से 4 दिन पहले लीक हुआ था सिपाही भर्ती का प्रश्न-पत्र

HighLights

  • 1 अक्टूबर, 2023 को ली गई थी बिहार पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा
  • 21 हजार से अधिक पदों के लिए ली गई थी परीक्षा, बाद में हुई रद्द
  • 18 लाख अभ्यर्थियों ने सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए भरा था फॉर्म

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Police Paper Leak पिछले साल एक अक्टूबर को ली गई बिहार पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न-पत्र परीक्षा से चार दिन पूर्व ही लीक हो गया था। हाल ही में नीट और शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक करने के आरोपित नालंदा का संजीव मुखिया ही सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक का भी मुख्य आरोपित है।

इस मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पूरे मामले का उद्भेदन कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। वहीं बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के द्वारा आयोजित तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में पूर्व से गिरफ्तार संजीव मुखिया के बेटे समेत सात आरोपितों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है।

संजीव मुखिया की गिरफ्तारी पर रोक होने से उसे नहीं पकड़ा जा सका है। ईओयू के अनुसार, परीक्षा का आयोजन करने वाली केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने प्रश्न-पत्र की प्रिंटिंग, पैकेजिंग एवं जिला कोषागार तक प्रश्न-पत्र एवं अन्य गोपनीय सामग्री पहुंचाने की जिम्मेवारी कोलकाता की कैलटेक्स मल्टीवेंचर प्राइवेंट लिमिटेड को दी गई थी।

जांच में पता चला कि यह एक छद्म (शेल) कंपनी है। इस कंपनी का बस एक कमरे का कार्यालय है, जहां कोई कर्मी तक नहीं था। कंपनी की अपनी कोई प्रिंटिंग प्रेस, वेयर हाउस या लाजिस्टिक व्यवस्था भी नहीं है। इस कंपनी ने सिपाही भर्ती परीक्षा से जुड़े सारे काम आपराधिक षड्यंत्र के तहत ब्लेसिंग सेक्योर्ड प्रेस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए आउटसोर्सिंग कर कराए।

यह कोलकाता के गिरफ्तार अभियुक्त कौशिक कर की कंपनी है। वह इसके पूर्व भी उत्तरप्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में ली गई परीक्षाओं के पेपर लीक का आरोपित रहा है और जेल भी जा चुका है।

बिना लॉक और सुरक्षा के खुली गाड़ी में भेजे गए प्रश्न-पत्र

ईओयू के अनुसार, केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती), पटना से परीक्षा के प्रश्न-पत्र एवं गोपनीय सामग्रियों को प्रेस से जिला कोषागार तक भेजने में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अनुपालन नहीं किया गया। खुली गाडि़यों में बिना सील लाक और सुरक्षाकर्मी के प्रेस से डीपी वर्ल्ड एक्सप्रेस लाजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के कोलकाता स्थित वेयर हाउस में भेजा गया।

फिर प्रश्न-पत्र एवं गोपनीय सामग्रियों को जिला कोषागार न पहुंचाकर, पटना स्थित डीपी वर्ल्ड एक्सप्रेस लाजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के पटना स्थित वेयर हाउस में अनलोड किया गया। फिर वहां से जिला कोषागारों में गोपनीय सामग्रियों को भेजने के लिए जेनिथ लॉजिस्टिक को आउटसोर्स किया गया।

पटना में छह घंटे से ज्यादा गाड़ी रोककर उड़ाए प्रश्न-पत्र

जांच में पता चला कि प्रश्न-पत्रों को ले जाने वाली गाड़ियां जिला कोषागरों में जाने के क्रम में कई जगह रुकते हुए पहुंची। इस दौरान जीपीएस की मानीटरिंग भी नहीं की गई। मोतिहारी जिला ले जाने वाली गाड़ी पटना के डीपी वर्ल्ड लाजिस्टिक एंड एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के वेयरहाउस में लोड होने के बाद छह घंटे से ज्यादा समय तक पटना में ही रुकी रही जहां संजीव मुखिया के संगठित पेपर लीक गिरोह के सदस्यों ने प्रश्न-पत्र गायब किए।

इसके लिए जेनिथ लॉजिस्टिक एंड एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के मुंशियों रमेश कुमार और राहुल पासवान को नौकरी एवं पैसे का प्रलोभन देकर बक्सों और लिफाफे खोलकर परीक्षा से चार दिन पहले प्रश्न-पत्र प्राप्त कर लिया गया। प्रश्न-पत्रों की फोटो खींचने के बाद इसे साल्व किया गया और अभ्यर्थियों से पैसे लेकर इनकी उत्तर-कुंजी उपलब्ध कराई गई।

इस संबंध में कंपनी के पटना स्थित वेयर हाउस में लगे सीसीटीवी फुटेज, गाडि़यों में लगे जीपीएस और ड्राइवरों के मोबाइल नंबर का सीडीआर विश्लेषण कर साक्ष्य इकट्ठा किए गए हैं।

दो अक्टूबर को रद्द कर दी गई थी परीक्षा

केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के द्वारा 21 हजार 391 सिपाही के पदों के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इसके लिए करीब 18 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा फार्म भरे थे। एक अक्टूबर को दो पालियों में परीक्षा ली गई थी मगर परीक्षा से पहले ही प्रश्न-पत्र की उत्तर कुंजी (एंसर-की) वाट्सएप, फेसबुक जैसे इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई। इसके बाद दो अक्टूबर को न केवल एक तारीख को ली गई परीक्षा को रद कर दिया गया बल्कि सात और 15अक्टूबर को होने वाली परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया था।

इनकी 26 जून को हुई गिरफ्तारी

कौशिक कुमार कर, नवाबगंज, नार्थ 24 परगना, पश्चिम बंगाल। सौरभ बंदोपाध्याय, सेक्टर आई, जानकीपुरम, लखनऊ। सुमन बिस्वास, न्यू बैरकपुर, कोलकाता। संजय दास, वाईलेन गुरुलिया, नार्थ 24 परगना, पश्चिम बंगाल। (सभी निदेशक काल्टेक्स मल्टीवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता)

यह पांच जून को हुए गिरफ्तार

नालंदा के दीपनगर के अश्विनी रंजन उर्फ सोनी, नालंदा के नगरनौसा के विक्की कुमार, रोहतास के नटवार के अनिकेत उर्फ बादशाह। (सभी संजीव मुखिया गिरोह के सदस्य)

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