BPSC Head Master Jobs: पटना में सबसे ज्यादा होगी प्रधान अध्यापकों की नियुक्ति, इस आधार पर होगा जिलों का आवंटन

प्रधानाध्यापक के पद पर 40 हजार से अधिक भर्ती होनी है। इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है। राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में होने वाली 40518 प्रधान अध्यापकों की नियुक्ति में सबसे ज्यादा 1984 प्रधान अध्यापक पटना जिला को मिलेंगे। दूसरा स्थान पूर्वी चंपारण का है जहां 1914 प्रधान अध्यापकों की नियुक्ति होनी है। तीसरे स्थान पर मधुबनी है। वहां प्रधान अध्यापकों के 1883 पद हैं।

By Dina Nath Sahani Edited By: Mukul Kumar Publish:Tue, 25 Jun 2024 02:47 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jun 2024 02:47 PM (IST)
BPSC Head Master Jobs: पटना में सबसे ज्यादा होगी प्रधान अध्यापकों की नियुक्ति, इस आधार पर होगा जिलों का आवंटन
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

HighLights

  • दूसरे स्थान पर पूर्वी चंपारण में 1,914 प्रधान अध्यापकों की होगी नियुक्ति
  • तीसरे स्थान पर मधुबनी में 1,883 प्रधान अध्यापकों की होगी नियुक्ति
  • बिहार की राजधानी पटना में होगी सर्वाधिक प्रधान अध्यापकों की नियुक्ति

राज्य ब्यूरो, पटना। BPSC Head Masters Jobs राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में होने वाली 40,518 प्रधान अध्यापकों की नियुक्ति में सबसे ज्यादा 1,984 प्रधान अध्यापक पटना जिला को मिलेंगे।

दूसरा स्थान पूर्वी चंपारण का है, जहां 1,914 प्रधान अध्यापकों की नियुक्ति होनी है। तीसरे स्थान पर मधुबनी है। वहां प्रधान अध्यापकों के 1,883 पद हैं। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने जिलेवार रिपोर्ट बिहार लोक सेवा आयोग को भेज दी है।

शिक्षा विभाग केे मुताबिक, बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इन नियुक्तियों से प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षणिक व प्रशासनिक व्यवस्था में बड़े सुधार लाने में मदद मिलेगी। ऐसे प्रधान शिक्षकों को विद्यालय संचालन हेतु विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

नेतृत्व क्षमता विकास के बारे में शिक्षकों को विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। बता दें कि प्राथमिक विद्यालयों के लिए प्रधान अध्यापक के स्वीकृत कुल 40,518 पद हैं।

इन पदों पर बिहार लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा के आधार पर नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जिलों को पद आवंटित किए गए हैं। सभी जिलों में जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आवंटित पदों को लेकर रोस्टर क्लियरेंस करा लिया गया है।

जिलेवार पदों की संख्या

रोस्टर क्लियरेंस के बाद सबसे ज्यादा 1,984 पद पटना जिले में हैं। दूसरे स्थान पूर्वी चंपारण जिले का है, जहां 1,914 पद हैं। तीसरे स्थान मधुबनी का है, जहां 1,883 पद हैं। चौथे स्थान गया का है, जहां 1,697 पद हैं। पांचवां स्थान पश्चिमी चंपारण का है, जहां 1,639 पद हैं।

छठे स्थान पर मुजफ्फरपुर है, जहां 1,632 पद हैं। सातवें स्थान पर समस्तीपुर है, जहां 1,540 पद हैं। आठवें स्थान पर सारण है, जहां 1,436 पद हैं। नौवें स्थान पर दरभंगा है, जहां 1,424 पद हैं। 10वें स्थान पर पूर्णिया है, जहां 1,354 पद हैं।

नालंदा में 1,352, अररिया में 1,327, रोहतास में के 1,271, बांका में 1,220, सीवान में फि 1,209, भोजपुर में 1,139, कटिहार में 1,115, वैशाली में 1,112, सीतामढ़ी में 1,107, औरंगाबाद में 1,093, गोपालगंज में 1,055, सुपौल में 1,047, नवादा में 963, भागलपुर में 902 पद शामिल हैं।

इसके अलावा, जमुई में 828, किशनगंज में 812, मधेपुरा में 810, सहरसा में 754, बेगूसराय में 738, बक्सर में 651, कैमूर में 612, जहानाबाद में 547, खगड़िया में 544, मुंगेर में 536, लखीसराय में 473, अरवल में 335, शेखपुरा में 247 एवं शिवहर में 216 पद शामिल हैं।

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