'रोहिणी आचार्य से लेकर संजय जायसवाल तक...' लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे ये धुरंधर डॉक्टर

बिहार की सियासत में डॉक्टरों की भागीदारी नई बात नहीं है। राज्य के नामचीन डॉक्टर रहे सीपी ठाकुर पटना से सांसद और केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। 17वीं लोकसभा में भी बिहार के तीन डॉक्टर सांसद हैं। इसमें भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और गोपालगंज के सांसद आलोक सुमन के अलावा किशनगंज के सांसद जावेद के नाम शामिल हैं।

By Raman Shukla Edited By: Mohit Tripathi Publish:Wed, 08 May 2024 08:10 PM (IST) Updated:Wed, 08 May 2024 08:10 PM (IST)
'रोहिणी आचार्य से लेकर संजय जायसवाल तक...' लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे ये धुरंधर डॉक्टर
भाजपा, जदयू, राजद व वीआइपी के एमबीबीएस आजमा रहे किस्मत। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की राजनीति में डॉक्टरों की भागीदारी कोई नई बात नहीं है। राज्य के नामचीन डॉक्टर रहे डॉ. सीपी ठाकुर राजधानी पटना के सांसद और केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। वर्तमान 17वीं लोकसभा में भी बिहार के तीन चिकित्सक सांसद हैं।

इसमें भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ. संजय जायसवाल एवं गोपालगंज के सांसद डॉ. आलोक सुमन के अलावा किशनगंज के सांसद डॉ. जावेद के नाम सम्मिलित हैं।

वहीं, कई डॉक्टर पिछली बार लोकसभा पहुंचने से वंचित रह गए थे। अबकी बार फिर भाग्य आजमा रहे हैं। इसमें राजद से राज्यसभा की सदस्य डॉ. मीसा भारती एवं भाजपा से डॉ. राजभूषण चौधरी मुजफ्फरपुर से फिर ताल ठोक रहे हैं।

इसके अलावा, नए उम्मीदवार में सारण से डॉ. रोहिणी आचार्या के अलावा वीआइपी से डॉ. राजेश कुशवाहा हैं। अहम यह है कि पहले व दूसरे चरण में भी जमुई से अरुण भारती एवं किशनगंज से डॉ. जावेद भी 18वीं लोकसभा के लिए भाग्य आजमा रहे।

चौका की चौखट पर जायसवाल

तीन चुनाव से लगातार पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट से जीतने वाले भाजपा नेता डॉ. संजय जायसवाल चुनावी मैदान में चौका मारने की चौखट पर खड़े हैं।

जायसवाल ने 2009, 2014 और 2019 में हुए चुनावों में अपने प्रतिद्वंदियों पर भारी जीत हासिल की थी। 2024 में लगातार चौथी बार वो इस सीट पर अपना कब्जा जमाने के लिए मैदान में हैं।

चौधरी की अजय से मुकाबला

मुजफ्फरपुर से भाजपा की टिकट पर किस्मत आजमा रहे डॉ. राजभूषण चौधरी का मुकाबला नए नवेले कांग्रेसी बने अजय निषाद से है। दोनों मल्लाह समुदाय के उम्मीदवार हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में वे महागठबंधन की ओर से वीआइपी की टिकट पर भाजपा के अजय निषाद के विरुद्ध ताल ठोक रहे थे। अब बदले हुए समीकरण के तहत

चौधरी ने वीआइपी की डूबती नाव को छोड़ भाजपा का दामन थाम कमल के सिपाही बन गए हैं। अब देखना यह है कि मोदी लहर में लक्ष्य हासिल करने में सफल होते हैं या नहीं।

गोपालगंज से डॉ. आलोक कुमार सुमन

गोपालगंज के जदयू सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भरोसा जताया है और दूसरी बार आलोक सुरक्षित गोपालगंज लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। पेशे से चिकित्सक सुमन लोकसभा में सर्वाधिक उपस्थिति वाले एक सफल सांसद के रूप में जाने जाते हैं। 17वीं लोकसभा में उनकी उपस्थिति 97 प्रतिशत रही है। प्रसिद्ध चिकित्सक में नाम शुमार है।

मीसा भारती व रोहिणी भी हैं एमबीबीएस

राजद की टिकट पर लोकसभा चुनाव 2024 में किस्मत आज रही है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद सुप्रीमो की बेटी डॉ. मीसा भारती और डॉ. रोहिणी आचार्या दोनों एमबीबीएस डिग्रीधारी हैं।

इसमें राज्यसभा सदस्य डॉ. मीसा भारती लगातार दो हार के बाद भी पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव के सामने पाटलिपुत्र निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ रहीं हैं।

वहीं, डॉ. रोहिणी आचार्य पहली बार सारण लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में है। रोहिणी का मुकाबला भाजपा के राजीव से है।

रिकार्ड तोड़ने की चुनौती से जूझ रहे राजेश

पूर्वी चंपारण से लोकसभा सीट से आइएनडीआइए की ओर से वीआइपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे डॉ. राजेश कुशवाहा प्रसिद्ध चिकित्सक हैं। वे वर्ष 2015 के राजद के टिकट से केसरिया विधानसभा का चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे।

उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अपनी उम्मीदवारी पेश की थी, लेकिन मोतिहारी सीट के आरएलएसपी के खाते में चले जाने के बाद उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था। 2020 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट कट गया। अब लोकसभा चुनाव 2024 में वीआइपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है।

राजेश की बिहार भाजपा के दिग्गज एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह से मुकाबला है। अहम यह है कि राजेश के सामने पूर्वी चंपारण सीट जीत कर रिकार्ड तोड़ने की चुनौती से जूझ रहे हैं। अब देखना यह है कि 18वीं लोकसभा में बिहार से पहुंचने वाले डॉक्टर की संख्या बढ़ती या नहीं।

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