UP पुलिस भर्ती से लेकर BPSC शिक्षक बहाली और NEET का एक ही गिरोह ने कराया पेपर लीक, बिहार के इस जिले से जुड़े तार
पेपर लीक कांड में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। इस पर जांच कर रही एसआईटी को पता चला है कि यूपी पुलिस भर्ती बीपीएससी शिक्षक बहाली और नीट का एक ही गिरोह ने पेपर कराया था। इस गिरोह का सूत्रधार नालंदा जिले के नगरनौसा का रहने वाला संजीव सिंह है। नीट यूजी पेपर लीक कांड में फरार अभियुक्तों की कुंडली खंगालने के दौरान इसका खुलासा हुआ है।
HighLights
- नीट यूजी पेपर लीक कांड में फरार अभियुक्तों की कुंडली खंगालने में जुटी एसआइटी को मिली सनसनीखेज जानकारी
- प्रश्न पत्र लीक कराने के पीछे संगठित गिरोह का हाथ
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Paper Leak Case : नीट यूजी पेपर लीक कांड में फरार अभियुक्तों की कुंडली खंगालने में जुटी एसआइटी को सनसनीखेज जानकारी मिली है। संगठित गिरोह ने इसका प्रश्नपत्र लीक किया था, जिसकी संलिप्तता उत्तरप्रदेश पुलिस भर्ती और बीपीएससी शिक्षक बहाली का पेपर लीक कराने में भी रही है। इस गिरोह का सूत्रधार नालंदा जिले के नगरनौसा का रहने वाला संजीव सिंह है।
बाप-बेटा दोनों पेपर लीक कराने में शामिल
शिक्षक बहाली के तृतीय चरण के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने उसके बेटे डा. शिव कुमार को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ सका।
जबकि, उसे अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था। ऐसे में स्पष्ट है कि बाप-बेटे दोनों ही शिक्षक बहाली का पेपर लीक करने में शामिल रहे हैं। 2012 में संजीव और 2017 में पकड़ा गया था
नीट पेपर लीक कांंड में रॉकी भी नामजद अभियुक्त
एसआइटी सूत्रों की मानें तो राॅकी मूलरूप से नालंदा जिले के हिलसा का रहने वाला है। वह संजीव सिंह को मामा कहता है। नीट पेपर लीक कांड में राॅकी भी नामजद अभियुक्त है। उसे पुलिस ने 2017 में बिहार कर्मचारी चयन आयोग की इंटरस्तरीय परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
उसके साथ गोरेलाल पकड़ा गया था। इन दोनों को पुलिस ने गांधी सेतु से दबोचा था। जेल से छूटने के बाद भी राॅकी की नजदीकियां संजीव सिंह से अधिक बढ़ गई।
संजीव को पटना पुलिस ने 2012 में महादलित विकास मिशन की नियुक्ति में धांधली के आरोप में पकड़ा था। वर्ष 2016 नीट का पेपर लीक करने की कोशिश में उत्तराखंड की पुलिस ने भी उसे गिरफ्तार किया था।
पेपर लीक करते रंगे हाथ दबोचा गया था
डा. शिव वर्ष 2017 में पटना पुलिस ने संजीव के बेटे डा. शिव को उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वह बख्तरबंद गाड़ी में सेंध लगा कर नीट का पेपर लीक करने की कोशिश कर रहा था। शिव के साथ डा. शुभम मंडल भी गिरफ्तार हुआ था।
बताया जाता है कि दोनों उस वक्त पीएमसीएच से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे। बैंक से जब कंकड़बाग स्थित एक स्कूल (परीक्षा केंद्र) के लिए प्रश्नपत्र ले जाया जा रहा था तो दोनों कर्मचारी बनकर वाहन में बैठ गए।
इसके बाद मोबाइल से तस्वीरें लेने लगे। इसकी जानकारी तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज को मिल गई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
मार्च में दानापुर से हुई थी शुभम की गिरफ्तारी
यूपी पुलिस भर्ती का पेपर लीक करने के मामले में उत्तरप्रदेश एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने इसी वर्ष मार्च में डा. शुभम मंडल को पटना के दानापुर की आदर्श कालोनी स्थित उसके मंडल हाउस से गिरफ्तार किया था।
वह प्रश्नपत्र लीक करने के लिए पांच और आठ फरवरी को पटना से फ्लाइट लेकर अहमदाबाद गया था। वहां वह नरोडा चिलोड में दशमेश होटल में रुका था।
इस मामले में नोएडा के गौतमबुद्धनगर निवासी रवि अत्री एवं राजीव नयन, प्रयागराज निवासी अंकित मिश्रा और हरियाणा निवासी दिल्ली पुलिस के हवलदार विक्रम पहल को दबोचने के बाद उसका नाम सामने आया था। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश की जेल में बंद है।
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