Bihar Politics: RSS को लेकर ये क्या कह गए शिवानंद तिवारी? हो सकता है सियासी बवाल; 400 सीट को लेकर भी दिया बयान
Bihar News आपातकाल के 49 साल पूरे होने पर सबसे अधिक जिस राज्य की सियासत तेज हुई वह बिहार है। बिहार में नेताओं के बीच सियासी जंग शुरू हो गई है। इसी क्रम में लालू यादव के दोस्त और आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आपातकाल के दौरान और बाद RSS की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। इसके बाद सियासत तेज हो गई है।
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HighLights
- आरजेडी नेता और लालू यादव के दोस्त शिवानंद तिवारी ने आपातकाल को लेकर बड़ा बयान दिया है।
- उन्होंने कहा कि 1975 में यदि आपातकाल लगा था तो अभी देश में क्या चल रहा है।
- शिवानंद तिवारी उस दौरान आरएसएस की क्या भूमिका थी, इसे भी ओझल नहीं किया जा सकता।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लालू यादव (Lalu Yadav) के करीबी दोस्त शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने कहा है कि आपातकाल निश्चय ही भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा था। लेकिन, आज जो देश में चल रहा है, वह क्या है। उन्होंने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि आपातकाल हटने के बाद इंदिरा गांधी को 1977 का चुनाव तक हारना पड़ा था। लेकिन, उस दौरान आरएसएस की क्या भूमिका थी, इसे भी ओझल नहीं किया जा सकता।
शिवानंद तिवारी ने बताया-इमरजेंसी के बाद RSS ने क्या किया
आपातकाल हटने के बाद जन समर्थन प्राप्त करने के लिए इंदिरा गांधी ने 20 सूत्री कार्यक्रम घोषित किए। उस दौर के संघ प्रमुख बाला साहेब देवरस ने इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि वे 20 सूत्री कार्यक्रम से पूर्णतया सहमत हैं। अगर सरकार संघ पर से प्रतिबंध हटा लेती है और हमारे स्वयंसेवकों को रिहा कर देती है तो हम पूरे मन और निष्ठा से 20 सूत्री कार्यक्रम के समर्थन में अभियान चलाएंगे।
जो आपातकाल की निंदा कर रहे, उनकी पोल खुल जाएगी: शिवानंद तिवारी
उन्होंने कहा कि आपातकाल में जेल से रिहाई के लिए कितने लोगों ने माफीनामा लिखा, इसकी भी जांच की जाए तो जो लोग आज आपातकाल की निंदा कर रहे हैं उनकी कलई खुल जाएगी। शिवानंद ने कहा कि आज क्या हो रहा है। अपने विरोधियों को डराने के लिए सरकार ईडी, सीबीआइ और आयकर वालों को नोटिस भेज रही है।
400 सीटों की मांग संविधान बदलने के लिए किया जा रहा था: शिवानंद तिवारी
प्रधानमंत्री सहित अन्य नफरत फैला रहे हैं। चार सौ सीटों की मांग इसलिए हो रही थी, ताकि संविधान बदल कर देश को हिंदू राष्ट्र बनाया जा सके। लेकिन, देश के गरीब-गुरबा लाखों लोग बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया।
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