NEET Paper Leak 2024: नीट पेपर लीक कांड में एक और अधिकारी की भूमिका संदिग्ध, 5 वर्षों से संजीव और सिकंदर की थी पहचान

Bihar News नीट यूजी पेपर लीक कांड में एक और अधिकारी का नाम सामने आ रहा है जिनकी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि दानापुर नगर परिषद के गिरफ्तार जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु और गिरोह का फरार सरगना संजीव सिंह पांच वर्षों से परिचित हैं। दोनों पुलिस समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों के संपर्क में थे।

By Prashant Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Publish:Sat, 11 May 2024 02:22 PM (IST) Updated:Sat, 11 May 2024 02:22 PM (IST)
NEET Paper Leak 2024: नीट पेपर लीक कांड में एक और अधिकारी की भूमिका संदिग्ध, 5 वर्षों से संजीव और सिकंदर की थी पहचान
नीट पेपर लीक में बड़ा खुलासा (जागरण)

HighLights

  • केंद्रीय एजेंसी से नहीं मिला होता कार का नंबर तो पुलिस अधिकारी मित्र का हवाला देकर बच निकलता जूनियर इंजीनियर
  • पांच वर्षों से संजीव और सिकंदर की थी पहचान, कई अधिकारियों के संपर्क में थे दोनों, मोबाइल से खुल रहे राज

जागरण संवाददाता, पटना। Neet Paper Leak 2024: नीट यूजी पेपर लीक कांड में एक और अधिकारी का नाम सामने आ रहा है, जिनकी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि दानापुर नगर परिषद के गिरफ्तार जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु और गिरोह का फरार सरगना संजीव सिंह पांच वर्षों से परिचित हैं। दोनों पुलिस समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों के संपर्क में थे।

मास्टरमाइंड बताया जा रहा सिकंदर 

इन्हीं में से एक अधिकारी ऐसे भी हैं, जिन्हें गिरोह के काले कारनामों की जानकारी थी। बीपीएससी शिक्षक भर्ती में बेटे डा. शिव कुमार की गिरफ्तारी और कांड में उसका नाम आने के बाद भी संजीव इंटरनेट कालिंग के माध्यम से एक अधिकारी के साथ बातचीत कर रहा था। सूत्रों की मानें तो उस अधिकारी ने पहले कुछ अभ्यर्थी भी सिकंदर को मुहैया कराए थे।

कोड में करते थे बात

Bihar News: एसआइटी सिकंदर, नीतीश और अमित आनंद के मोबाइल में लोड कालिंग एवं मैसेजिंग एप का सूक्ष्म अवलोकन कर रही है, जिससे कई राज फाश होने की संभावना है। आप फलां बाबू से मेरे बारे में पूछ लें... नेहरू पथ राजवंशी नगर में कार की घेराबंदी होते ही सिकंदर पुलिसकर्मियों पर धौंस जमाने लगा। जब उससे थाना चलने को कहा गया तो उसने एक पुलिस मित्र का नाम लेते हुए कहा कि आप फलां बाबू को जानते हैं। अब यहां तैनात हैं। पूछ लीजिए मेरे बारे में, हम ऐसे-वैसे आदमी नहीं है।

पुलिस ने ऐसे धर दबोचा

इतने कहते हुए वह अधिकारी को वाट्सएप काल भी लगाने लगा था। इस बीच पुलिस ने जब उसकी कार का नंबर मिलाया तो वही था, जिसकी जानकारी केंद्रीय एजेंसी से मिली थी। इसके बाद पुलिस ने उसकी एक न सुनी और शास्त्री नगर थाने लाकर वाहन की तलाशी लेने के साथ पूछताछ शुरू की गई। सूत्र बताते हैं कि उसके मोबाइल में कई अधिकारियों और रसूखदारों के नंबर सुरक्षित मिले।

अक्सर सभी से वाट्सएप पर बातें करता था

वह अक्सर सभी से वाट्सएप पर बातें करता था। पुलिस की सुस्ती का अभियुक्त उठा रहे लाभ पांच मई को पुलिस ने जिस तत्परता से कार्रवाई करते हुए 13 आरोपितों की गिरफ्तारी हुई थी, दिन बीतने के साथ रफ्तार सुस्त पड़ गई। कांड के फरार आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई शिथिल है, जिसका अभियुक्त पूरा लाभ उठा रहे हैं। कोर्ट सूत्रों की मानें तो एसआइटी की ओर से अब तक जेल भेजे आरोपितों को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने अर्जी नहीं दी, लेकिन जमानत याचिकाएं लगने लगी हैं।

एक अभियुक्त की जमानत याचिका पर शुक्रवार को एसीजेएम-नौ की अदालत में सुनवाई भी हुई थी। एसआइटी के एक अधिकारी की मानें तो पुलिस अधिकारियों एवं जवानों की ड्यूटी चुनाव कार्य और अतिविशिष्ट व्यक्ति के आगमन कार्यक्रम में लगी है। बल की कमी होने से कार्रवाई शिथिल जरूर पड़ी है, लेकिन तकनीकी सेल की टीम दूसरी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है।

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