Nitish Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, सरकार इन लोगों को देगी बेरोजगारी भत्ता; HRA भी बढ़ाया गया

मंत्रिमंडल ने मनरेगा योजना के तहत काम मांगने पर काम न मिलने की अवस्था में बेरोजगार श्रमिक को भरण पोषण के लिए बेरोजगारी भत्ता देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया। इसके लिए बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमावली स्वीकृत की गई है। मनरेगा के तहत काम मांगने पर 15 से 30 दिनों के अंदर काम देना होगा। काम नहीं मिलने पर संबंधित व्यक्ति को सरकार अगले सौ दिनों के लिए महंगाई भत्ता देगी।

By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Publish:Fri, 14 Jun 2024 08:17 PM (IST) Updated:Fri, 14 Jun 2024 08:17 PM (IST)
Nitish Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, सरकार इन लोगों को देगी बेरोजगारी भत्ता; HRA भी बढ़ाया गया
नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, बेरोजगारी भत्ता नियमावली को मिली मंजूरी; HRA भी बढ़ाया गया

HighLights

  • राज्य कर्मियों के मकान किराया भत्ता बढ़ा
  • पटना में रहने वाले कर्मियों को मिलेगा वेतन का 20 प्रतिशत मकान भत्ता
  • मनरेगा में जाब नही तो 100 दिन तक सरकार देगी बेरोजगारी भत्ता

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Cabinet Meeting Decision राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के मकान किराया भत्ता में वृद्धि कर दी है। मकान किराया भत्ता को चार श्रेणी में बांटा गया है। पटना में रहने वाले कर्मचारियों को पहले मकान भत्ता के रूप में मूल वेतन का 16 प्रतिशत मिलता था। इन्हें अब 20 प्रतिशत भत्ता मिलेगा।

इसके अलावा, सरकार ने मनरेगा के तहत काम नहीं मिलने की अवस्था में श्रमिकों को बेरोजगारी भत्ता देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। करीब तीन महीने बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल बैठक में इन प्रस्तावों के साथ कुल 25 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

अलग-अलग होगी मकान किराया भत्ता दर

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि मकान किराया भत्ता का चार श्रेणी में बांटा गया है। पटना के कर्मचारियों को वाई श्रेणी में रखते हुए वेतन का 20 प्रतिशत मकान भत्ता के रूप में दिया जाएगा। इन्हें पहले 16 प्रतिशत भत्ता मिलता था। जेड श्रेणी के शहरों को आठ प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिश्त भत्ता देय होगा।

अवर्गीकृत शहरों में भत्ता दर अब छह प्रतिशत की बजाय साढ़े सात प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में चार के स्थान पर पांच प्रतिशत होगी।

जेड श्रेणी में शामिल किए गए हैं प्रदेश के 32 शहर

जेड श्रेणी में शामिल हैं अररिया, आरा, औरंगाबाद, बगहा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, बिहार शरीफ, बक्सर, छपरा, दरभंगा, डिहरी, गया, गोपालगंज, हाजीपुर, जमालपुर, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, मोकामा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्पफरपुर, नवादा, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सीतामढ़ी, सिवान और सुपौल।

मनरेगा में मांगने पर काम नहीं तो मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

मंत्रिमंडल ने मनरेगा योजना के तहत काम मांगने पर काम न मिलने की अवस्था में बेरोजगार श्रमिक को भरण पोषण के लिए बेरोजगारी भत्ता देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। इसके लिए बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमावली 2024 स्वीकृत की गई है।

मनरेगा के तहत काम मांगने पर 15 से 30 दिनों के अंदर काम देना होगा। काम नहीं मिलने पर संबंधित व्यक्ति को सरकार अगले सौ दिनों के लिए महंगाई भत्ता देगी। भत्ता के रूप में श्रमिक को पहले महीने में निर्धारित मजदूरी का एक चौथाई और इसके अगले महीने से मजदूरी का आधा हिस्सा दिया जाएगा।

अक्षर आंचल योजना संचालन के लिए 7.74 करोड़ स्वीकृत महादलित, दलित और अल्पसंख्यक अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के लिए सरकार ने 7.74 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान स्वीकृत किया है। इस राशि से 20 हजार टोला सेवक और 10 हजार तालीमी मरकज के शिक्षा सेवकों का वेतन भुगतान किया जाएगा। प्रदेश में 20 हजार टोला सेवक और 10 हजार तालीमी मरकज के शिक्षा सेवक हैं।

अब आम लोगों को ऑनलाइन मिलेंगे राजस्व दस्तावेज

मंत्रिमंडल ने आम लोगों की सहूलियत के लिए राजस्व दस्तावेज ऑनलाइन देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा राजस्व दस्तावेज यथा राजस्व प्रशासन से जुड़े सभी पुराने न्यायिक आदेश, नक्शा, भू-अभिलेख न अन्य दस्तावेजों को स्कैन कर डिजिटल पटल पर संरक्षित किए जा रहे हैं। आवेदन करने पर संबंधित नागरिकों को पुराने परंपरागत तरीके के साथ-साथ नये तरीके यानी ऑनलाइन भी यह दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि किसी भी प्रतिलिपि के लिए स्टांप शुल्क अभिलेखों के पृष्ठों के आधार पर निर्धारित होगा। यह यह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा कार्यकारी आदेश के तहत तय होगा। इसका भुगतान भी विभाग द्वारा विकसित आनलाइन किया जा सकेगा।

डॉ. सिद्धार्थ के अनुसार डाटा सेंटर द्वारा निर्धारित शुल्क के साथ पंजीकृत आवेदन प्राप्त होने पर उसे संबंधित अधिकारी के पास भेजा जाएगा। वहां से अधिकारी डिजिटल हस्ताक्षर अंकित प्रति प्राप्त कर आवेदक को दो दिनों में उपलब्ध कराएंगे। साथ ही कंप्यूटर पर संधारित प्रेषण पंजी में आवेदन संख्या, आवेदक का नाम व प्रेषण की तिथि अंकित कर दी जाएगी।

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