लिंक फेल रहने से पार्सल में बढ़ी परेशानी, यात्री भुगत रहे खामियाजा

कोलकाता में क्रिस के सर्वर जल जाने का सबसे ज्यादा प्रभाव पूर्व मध्य रेल के पांचों मंडलों पर देखने को मिल रहा है। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से भले ही हैदराबाद से अस्थाई रूप से लिंक दिया जा रहा है लेकिन इससे केवल आरक्षित व अनारक्षित टिकट की ही बुकिंग हो पा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Mar 2021 02:20 AM (IST) Updated:Thu, 11 Mar 2021 02:20 AM (IST)
लिंक फेल रहने से पार्सल में बढ़ी परेशानी, यात्री भुगत रहे खामियाजा
लिंक फेल रहने से पार्सल में बढ़ी परेशानी, यात्री भुगत रहे खामियाजा

पटना । कोलकाता में क्रिस के सर्वर जल जाने का सबसे ज्यादा प्रभाव पूर्व मध्य रेल के पांचों मंडलों पर देखने को मिल रहा है। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से भले ही हैदराबाद से अस्थाई रूप से लिंक दिया जा रहा है, लेकिन इससे केवल आरक्षित व अनारक्षित टिकट की ही बुकिंग हो पा रही है। ट्रेनों की चार्टिग भी होने लगी है।

पार्सल से सामानों की बुकिंग अथवा डिलिवरी नहीं हो पा रही है। पार्सल में लिंक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसका सबसे अधिक खामियाजा यात्रियों को तो भुगतना ही पड़ रहा है रेलवे को भी काफी राजस्व की क्षति उठानी पड़ रही है।

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सामान की संख्या व वजन

का नहीं हो रहा मिलान

रेलवे की ओर से पार्सल की बुकिंग की मैन्युअल व्यवस्था कर दी गई है जिससे बुकिंग की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई है। सबसे अधिक परेशानी पार्सल कर्मियों को यह हो रहा है कि बाहर से आने वाली बिल्टियों की पूरी जानकारी उन्हें उपलब्ध नहीं हो पा रही है। पार्सल के सामान का वजन व संख्या नहीं मिल पा रहा है। इससे वारफेज मिलने में परेशानी हो रही है।

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ट्रैकिंग सिस्टम ध्वस्त, सामाना

का भरना पड़ रहा जुर्माना

पहले कंप्यूटराइज्ड बुकिंग होने पर यात्री अपने सामान को ऑनलाइन ट्रैक कर देखते रहते थे कि उनका सामान कहां पहुंचा है। लिंक फेल होने से ट्रैकिंग सिस्टम ध्वस्त हो गया है। यात्रियों का सामान दो दिनों पहले ही पहुंच गया है और वे दो दिनों बाद सामान लेने पहुंच रहे हैं। इसके कारण उन्हें एक-एक सामान पर डेढ़ से दो हजार तक वारफेज के रूप में जुर्माना देना पड़ रहा है।

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लीजधारकों की बढ़ी मनमानी

लीजधारकों की मनमानी भी बढ़ गई है। पहले बिल्टी के आधार पर पता चल जाता था कि कितना वजन ब्रेक वान में लाया जा रहा है। एक-एक ब्रेकवान में तीन से चार टन तक अधिक माल लाया जा रहा है। कहीं कोई जांच नहीं हो पा रहा है। अभी यह व्यवस्था अगले सप्ताह तक चलते रहने की संभावना है।

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