Patna Metro Project : बेली रोड में क्यों अटका मेट्रो का काम? सामने आई बड़ी वजह; पढ़ें क्या है डेडलाइन

बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो की शुरुआत जल्द होने वाली है। राजधानीवासियों को इस लम्हे का अरसे से इंतजार है। तेज गति से काम चल रहा है। हालांकि इस बीच पटना मेट्रो के काम में बड़ी बाधा सामने आई है। बेली रोड में पटना मेट्रो का काम अटका गया है। दरअसल बेली रोड में भूमिगत स्टेशन बनाए जाने है। इसके लिए एजेंसी का चयन अबतक नहीं हो पाया है।

By Rajat Kumar Edited By: Shashank Shekhar Publish:Tue, 02 Jul 2024 03:12 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2024 03:12 PM (IST)
Patna Metro Project : बेली रोड में क्यों अटका मेट्रो का काम? सामने आई बड़ी वजह; पढ़ें क्या है डेडलाइन
पटना मेट्रो का काम बेली रोड में ठप। फाइल फोटो

HighLights

  • पटना जंक्शन से दानापुर के रूट में बनाए जाएंगे छह भूमिगत मेट्रो स्टेशन
  • निर्माण पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना
  • छह भूमिगत मेट्रो स्टेशन के लिए सड़क के नीचे होगी दोहरी सुरंग की खोदाई

राज्य ब्यूरो, पटना। Patna Metro Project एक तरफ मोइनुलहक स्टेडियम से गांधी मैदान तक पटना मेट्रो सुरंग की खोदाई का काम तेजी से जारी है तो दूसरी ओर पटना की लाइफलाइन बेली रोड पर पटना मेट्रो की भूमिगत सुरंग का काम अटका हुआ है। इसके लिए अभी तक एजेंसी का चयन नहीं हो पाया है।

दरअसल, पटना जंक्शन से दानापुर के रूट में बेली रोड पर छह भूमिगत मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं। इनमें रूकनपुरा, राजाबाजार, चिडि़याघर मेट्रो स्टेशन को एक पैकेज में जबकि विकास भवन, विद्युत भवन और पटना जंक्शन भूमिगत स्टेशन को दूसरे पैकेज में रखा गया है। दोनों के लिए अलग-अलग एजेंसी का चयन होना है। इनके निर्माण पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।

पटना मेट्रो निर्माण को लेकर जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी (जाइका) ने भारत सरकार को 5158 करोड़ रुपये ऋण देने का समझौता मार्च 2023 में ही किया है। इसमें बेली रोड के छह स्टेशनों पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

इसके अलावा शेष करीब दो हजार करोड़ की राशि मेट्रो ट्रेन के डिब्बों की खरीदारी, सिग्नल सिस्टम लगाने, पटरी बिछाने, बिजली ओवरहेड सिस्टम लगाने सहित अन्य कार्यों में खर्च किये जाने पर सहमति बनी है।

कम से कम साढ़े तीन साल का लगेगा समय 

बेली रोड पर बनने वाले छह भूमिगत मेट्रो स्टेशन के लिए सड़क के नीचे दोहरी सुरंग की खोदाई की जाएगी। सभी छह अंडरग्राउंड प्लेटफार्म 140 मीटर लंबे होंगे। इसके लिए छह टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) की आवश्यकता का आकलन किया गया है।

टेंडर दस्तावेजों के अनुसार, निर्माण कार्य शुरू होने पर इसे 42 महीने यानि साढ़े तीन साल में निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में अगर एजेंसी चयन कर अगले माह भी काम शुरू होता है तो इस रूट पर काम पूरा होने में वर्ष 2028 तक का समय लगेगा। चयनित कंपनी वास्तु फिनिशिंग, जलापूर्ति, शौचालय, ड्रेनेज, फायर अलर्ट आदि का भी काम करेगी।

एलिवेटेड रूट पर तेजी से चल रहा काम 

पटना मेट्रो के कोरिडोर-एक के तहत दानापुर से खेमनीचक तक मेट्रो रेल दौड़ेगी। इसमें एलिवेटेड रूट पर काम तेजी से चल रहा है। पश्चिम में दानापुर से पाटलिपुत्र स्टेशन तक पूरब में मीठापुर से खेमनीचक तक एलिवेटेड रूट पर काम जारी है। इस रूट में दो इंटरचेंज स्टेशन भी है, जहां से दूसरे कोरिडोर (पटना स्टेशन-न्यू आइएसबीटी) के लिए मेट्रो रेल बदली जा सकेगी।

पटना मेट्रो का प्रायोरिटी कोरिडोर मलाही पकड़ी से न्यूआइएसबीटी तक है, जो एलिवेटेड रूट है। इस रूट पर आधे से अधिक काम पूरा हो चुका है। यहां सबसे पहले वर्ष 2027 तक मेट्रो रेल चलने की संभावना जताई जा रही है।

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