Patna News : पहली शादी के बाद मांगा 10 लाख, नहीं मिले तो रचाया दूसरा विवाह; अब कोर्ट के आदेश से उड़े होश

Bihar Crime News दहेज लोभियों को पटना हाई कोर्ट ने जबरदस्त सबक सिखाई है। कानूनी रूप से विवाहित पहली पत्नी को छोड़ने के लिए पति पर एक लाख रुपये का मुकदमा खर्च लगाया। पति ने पैसे के लालच में पहली पत्नी को छोड़ दिया था। बाद में दहेज लेकर दूसरी महिला के साथ विवाह कर लिया। इसके बाद मामला कोर्ट तक पहुंचा जिसपर फैसला सुनाया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Mukul Kumar Publish:Tue, 14 May 2024 12:07 PM (IST) Updated:Tue, 14 May 2024 12:07 PM (IST)
Patna News : पहली शादी के बाद मांगा 10 लाख, नहीं मिले तो रचाया दूसरा विवाह; अब कोर्ट के आदेश से उड़े होश
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

HighLights

  • दहेज-लोभ में दूसरी शादी करने वाला पहली पत्नी को देगा मुकदमा खर्च
  • पहली पत्नी को छोड़ने के लिए पति पर एक लाख रुपये का मुकदमा खर्च लगाया

राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने दो दशक पहले सार्वजनिक क्षेत्र के एक संगठन में साथ काम करते हुए प्रेम विवाह करने वाले एक जोड़े की वैवाहिक स्थिति को बरकरार रखते हुए, अपनी कानूनी रूप से विवाहित पहली पत्नी को छोड़ने के लिए पति पर एक लाख रुपये का मुकदमा खर्च लगाया।

न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने भागलपुर के तिलकामांझी निवासी नीरज कुमार सिंह की अपील को खारिज करते हुए भागलपुर के परिवार न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा, जिसने अपीलकर्ता (पति) को पहली पत्नी टेसू कुमारी के साथ अपने वैवाहिक संबंध को बहाल करने का निर्देश दिया था, जिसे उसने शादी के दो वर्ष बाद ही छोड़ दिया था।

खंडपीठ ने कहा कि नीरज ने बिना किसी उचित कारण के टेसू को छोड़ दिया और इसलिए वह इस निर्णय की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमे की लागत की राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है।

क्या है मामला

एलआईसी की भागलपुर स्थित एक शाखा में अपीलकर्ता ने 9 नवंबर, 2003 को बगैर पारिवारिक सहमति से भागलपुर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार प्रतिवादी टेसू कुमारी के साथ विवाह किया।

अपीलार्थी एवं प्रतिवादी लगभग दो वर्षों तक शांतिपूर्वक वैवाहिक जीवन व्यतीत करता रहा, लेकिन जब यह तथ्य अपीलार्थी के माता-पिता को ज्ञात हुआ, उन्होंने अपीलार्थी पर समान जाति की दूसरी महिला के साथ अच्छा दहेज लेकर विवाह करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।

धन के लालच में पहली पत्नी से बनाई दूरी

धन के लालच में और अपनी मां के उकसावे में आकर अपीलार्थी ने प्रतिवादी से 10 लाख रुपये की मांग की और मांग पूरी न होने पर अपीलार्थी ने प्रतिवादी से दूरी बनानी शुरू कर दी और बाद में दहेज लेकर दूसरी महिला के साथ विवाह कर लिया।

अपीलार्थी की दूसरी शादी के बारे में पता चलने पर प्रतिवादी अपीलार्थी के पैतृक निवास पर गई, लेकिन अपीलार्थी के परिवार के सदस्यों ने प्रतिवादी के साथ दुर्व्यवहार किया और उसे धमकाया।

लगातार दहेज की मांग के कारण प्रतिवादी ने अपीलार्थी और उसकी मां के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत अपराध के लिए एफआईआर दर्ज कराई। प्रतिवादी ने वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए परिवार न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की।

तथ्यों के मद्देनजर परिवार न्यायालय ने शादी को वैध ठहराते हुए पहली पत्नी के साथ वैवाहिक अधिकारों की बहाली का आदेश दिया था। अपीलकर्ता पति ने परिवार न्यायालय के इसी निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

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