'बिहार की राजनीति में बोझ बन गए नीतीश'- सुशील मोदी, बोले- नहीं बचा जनाधार, भाजपा अब अपने बल पर बनाएगी सरकार

सुशील मोदी ने भाजपा कार्यसमिति के निर्णय का स्वागत किया है। इसके तहत भविष्य में अब नीतीश कुमार और जदयू के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दो-टूक निर्णय से आत्मविश्वास बढ़ा है। भाजपा अब अपने बूते सरकार बनाएगी।

By Raman ShuklaEdited By:
Updated: Mon, 30 Jan 2023 03:35 AM (IST)
'बिहार की राजनीति में बोझ बन गए नीतीश'- सुशील मोदी, बोले- नहीं बचा जनाधार, भाजपा अब अपने बल पर बनाएगी सरकार
'बिहार की राजनीति में बोझ बन गए नीतीश'- सुशील मोदी, बोले- नहीं बचा जनाधार, भाजपा अपने बल पर बनाएगी सरकार

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता सुशील मोदी ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू से अब भविष्य में कोई समझौता नहीं होने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और जदयू स किसी भी परिस्थिति में कोई समझौता नहीं करने के भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय से पार्टी में अपने बूते सरकार बनाने का आत्मविश्वास मजबूत होगा।

मोदी ने कहा कि पिछले साल नौ अगस्त को नीतीश कुमार के राजद के साथ जाने के बाद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व और कार्यकर्ता बिहार में नीतीश-मुक्त राजनीति पर एकमत हो चुके हैं, जबकि जदयू के कुछ बड़े नेता नीतीश कुमार की वापसी को लेकर भ्रम फैला रहे थे।

उन्होंने कहा कि दरभंगा में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति ने नीतीश कुमार को लेकर सारे भ्रम दूर कर दिए। मोदी ने कहा कि भाजपा और जनादेश को बार-बार धोखा देने वाले नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में बोझ बन गए हैं। उनके पास न जनाधार है, न वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता। उनकी हैसियत अब विधानसभा की 10-15 सीट जीतने की भी नहीं रह गई है।

सुशील मोदी ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश की पार्टी 43 सीट भी इसलिए जीत पाई कि भाजपा ने सारी ताकत झोंक दी थी और स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार आकर नीतीश कुमार की पार्टी के लिए प्रचार किया था। उन्होंने कहा कि यदि पीएम मोदी ने नीतीश कुमार के लिए वोट न मांगे होते, तो अपने बल पर उनकी पार्टी लोकसभा की 15 नहीं, सिर्फ दो सीट जीत पाती।

भाजपा का साथ छोड़ना जदयू का निर्णय था: संजय

जदयू विधान पार्षद व पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय सिंह ने रविवार को कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी को यह मालूम होना चाहिए कि भाजपा का साथ छोड़ना जदयू का निर्णय था। भाजपा क्या निर्णय लेगी कि उसे जदयू के साथ आना है या नहीं आना है। मुख्यमंत्री ने स्वयं नौ अगस्त को यह निर्णय लिया था कि भाजपा के साथ नहीं रहना है। नीतीश कुमार कभी नहीं जाने वाले। अब भाजपा मुक्त भारत की मुहिम शुरू हो चुकी है।

संजय ने कहा कि भाजपा ने गत विधानसभा चुनाव में पूरा जोर लगाया कि जदयू को शून्य पर सिमटा दिया जाए। केंद्र की मशीनरी तक को लगा दिया नीतीश कुमार के खिलाफ। परंतु नीतीश कुमार को लोग इतना पसंद करते हैं कि उन्हें फिर से बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया। संजय ने कहा कि मौकापरस्ती तो कोई सुशील मोदी से सीखे। मु्ख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी उन लोगों से समझौता नहीं करने वाले हैं।