Bihar News: सुशील मोदी ने सरकार को घेरा, कहा- शराबबंदी कानून दलित-पिछड़ा विरोधी और अमीरों पर मेहरबान

Liquor Ban in Bihar सुशील मोदी ने कहा कि शराबबंदी कानून बड़े लोगों को राहत देने वाला हो गया है। अमीर लोग शराब की होम डिलीवरी करा लेते हैं। इसकी जगह परमिट पर शराब का गुजरात मॉडल क्यों नहीं अपनाया जा सकता?

By Sunil RajEdited By: Publish:Sat, 03 Jun 2023 10:36 PM (IST) Updated:Sat, 03 Jun 2023 10:36 PM (IST)
Bihar News: सुशील मोदी ने सरकार को घेरा, कहा- शराबबंदी कानून दलित-पिछड़ा विरोधी और अमीरों पर मेहरबान
शराबबंदी कानून दलित-पिछड़ा विरोधी, अमीरों पर मेहरबान: सुशील मोदी

HighLights

  • कानून में बदलाव को बताया अमीरों का पक्षधर।
  • कहा- शराब का गुजरात मॉडल क्यों नहीं अपनाया जा सकता?

राज्य ब्यूरो, पटना: पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वो हमेशा शराबबंदी के पक्ष में रहे हैं, लेकिन छह साल में कानून में बार-बार बदलाव करते हुए इसे दलित-आदिवासी-पिछड़ा विरोधी बना दिया गया है।

कानून को बताया अमीरों का पक्षधर

सुशील मोदी ने कहा-

गरीब आदमी के पास तो गाड़ी नहीं होती और अमीर की गाड़ी में शराब मिलने पर अब वह वाहन बीमा राशि का 50 के बजाय मात्र 10 फीसद जुर्माना देकर छूट सकता है। कानून में यह बदलाव क्या अमीरों के पक्ष में नहीं है?

उन्होंने कहा कि, जब गरीब आदमी शराब पीते पकड़ा जाता है, तो जुर्माने की रकम नहीं देने के कारण जेल जाता है, जबकि अमीर लोग आराम से तीन हजार रुपये भर कर छूट जाते हैं। अमीर लोग शराब की होम डिलीवरी करा लेते हैं।

भाजपा के दबाव में सरकार ने जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को नियमानुसार चार लाख रुपये देने का फैसला तो किया, लेकिन नियमावली ऐसी बनाई कि अनुग्रह राशि मिलना कठिन हो गया।

सुशील बोले- गुजरात मॉडल क्यों नहीं अपनाते?

मोदी ने कहा कि जहरीली शराब पीने से 500 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। सरकार बताए कि अभी तक कितने लोगों को चार लाख रूपये का मुआवजा मिला। सरकार बताए कि जहरीली शराब के 50 से ज्यादा मामले में अभी तक एक व्यक्ति को भी सजा क्यों नहीं मिल पाई?

शराबबंदी कानून बड़े लोगों को राहत देने वाला हो गया है। इसकी जगह परमिट पर शराब का गुजरात मॉडल क्यों नहीं अपनाया जा सकता?

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