Monsoon in Bihar बिहार में मानसून देरी से क्यों आया? सामने आई ये वजह; बीते 10 साल में रहा यह हाल

Monsoon in Bihar राजधानी पटना समेत प्रदेश में भीषण गर्मी व लू से राहत देने वाला मानसून बुधवार की देर रात पटना सहित प्रदेश के अधिसंख्य भागों में मानसून की वर्षा ने भीषण गर्मी से राहत दी है। वहीं अब धीरे-धीरे बिहार के हर जिले में जमकर बारिश होगी। मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष बंगाल की खाड़ी इस्लामपुर में 31 मई से मानसून रुका था।

By prabhat ranjan Edited By: Sanjeev Kumar Publish:Fri, 21 Jun 2024 02:12 PM (IST) Updated:Fri, 21 Jun 2024 02:14 PM (IST)
Monsoon in Bihar बिहार में मानसून देरी से क्यों आया? सामने आई ये वजह; बीते 10 साल में रहा यह हाल
बिहार में मानसून आने में देरी क्यों (जागरण)

HighLights

  • 2019, 2020, 2021 में सामान्य से अधिक हुई थी वर्षा
  • बिहार में मानक तिथि से सात दिन देर से पहुंचा मानसून।

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: राजधानी पटना समेत प्रदेश में भीषण गर्मी व लू से राहत देने वाला मानसून बुधवार की देर रात पटना सहित प्रदेश के अधिसंख्य भागों में मानसून की वर्षा ने भीषण गर्मी से राहत दी है। वहीं अब धीरे-धीरे बिहार के हर जिले में जमकर बारिश होगी।

बिहार आने में मानसून को क्यों देरी हुई?

मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष बंगाल की खाड़ी इस्लामपुर में 31 मई से मानसून रुका था। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया था कि मानसून 20-22 जून के आसपास दस्तक देगा। बात सही साबित हुई।

बीते 10 वर्षों में क्या रहा मानसून का हाल?

बीते 10 वर्षों के दौरान प्रदेश में मानसून के आने और मानसून सीजन में हुई वर्षा का आंकड़ा अलग-अलग रहा। 10 वर्षों के दौरान मानसून तीन बार अपने मानक तिथि 13 जून को प्रदेश में दस्तक दिया था। 2019-21 के दौरान प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा हुई थी। वहीं 2023 में समय से मानसून आने के बाद कमजोर पड़ गया था। इसके कारण प्रदेश में महज 760 मिमी समान्य से 23 फीसद कम वर्षा दर्ज की गई थी।

ला-नीना के प्रभाव से अच्छी बारिश के आसार

Bihar News: मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक एसएन थूल के अनुसार इस वर्ष सारी परिस्थितियां अनुकूल रही तो सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है। ला-नीना के प्रभाव से अच्छी वर्षा के आसार हैं। वहीं, पर्याप्त वर्षा को लेकर बंगाल की खाड़ी दबाव का होना, हवा का प्रभाव, ट्रफ एरिया का विकसित होना समेत अन्य भौगोलिक कारक होते हैं। इन चीजों में कमी आने पर वर्षा के अनुपात में कमी आती है।

भारतीय मौसम विज्ञान के अनुसार देश में एक जून से 30 सितंबर मानसून सीजन माना जाता है। 10 वर्षों में मानसून के दौरान वर्षा की स्थिति पर प्रभात रंजन की रिपोर्ट। 

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