कोर्ट स्टेशन पर जानकी का ठहराव, सीपीटीएम निरीक्षण में रहा मुख्य मुद्दा

पूर्णिया। कोर्ट स्टेशन पर जानकी एक्सप्रेस के ठहराव की लगातार उठ रही मांग शायद जल्द ही पूरी होने

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Dec 2018 11:00 PM (IST) Updated:Mon, 03 Dec 2018 11:00 PM (IST)
कोर्ट स्टेशन पर जानकी का ठहराव, सीपीटीएम निरीक्षण में रहा मुख्य मुद्दा
कोर्ट स्टेशन पर जानकी का ठहराव, सीपीटीएम निरीक्षण में रहा मुख्य मुद्दा

पूर्णिया। कोर्ट स्टेशन पर जानकी एक्सप्रेस के ठहराव की लगातार उठ रही मांग शायद जल्द ही पूरी होने वाली है। रेलवे के वरीय अधिकारी भी जानकी एक्सप्रेस के कोर्ट स्टेशन पर ठहराव की जरूरत महसूस करने लगे हैं। सोमवार को कोर्ट स्टेशन पहुंचे हाजीपुर जोन के मुख्य यात्री परिवहन प्रबंधक (सीपीटीएम) बीबी गुप्ता और चीफ रेल स्टॉक इंजीनियर (सीआरएसई कोचिंग) अतुल प्रियदर्शी के निरीक्षण में जानकी एक्सप्रेस का कोर्ट स्टेशन पर ठहराव मुख्य मुद्दा रहा। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्टेशन अधीक्षक और कर्मियों से स्टेशन पर यात्री की संख्या और जानकी के ठहराव से राजस्व संग्रह की जानकारी ली। अधिकारियों ने ट्रेन की संख्या और रूट की जानकारी लेकर मेगा ब्लॉक से पहले छोटी लाइन के दौरान जानकी के ठहराव के बारे में पूछताछ की। अधिकारियों ने जानकी एक्सप्रेस के ठहराव को रेलवे बोर्ड में भेजने की बात कही। पूछताछ में अधिकारियों ने कहा कि किसी भी ट्रेन का ठहराव रेलवे बोर्ड के द्वारा निर्धारित किया जाता है। प्रस्ताव भेजा जाएगा आगे रेलवे बोर्ड इस पर अपना फैसला लेगी।

अधिकारी द्वय शाम साढ़े सात बजे रेलवे के अन्य विभाग के कर्मियों के साथ विशेष सैलून से कोर्ट स्टेशन पहुंचे। कोर्ट स्टेशन पर स्टेशन मास्टर अन्य विभागीय अधिकारी के साथ स्टेशन के सीमा क्षेत्र का भ्रमण किए। रेलवे के भू-भाग और उपलब्ध सुविधा व संसाधन की कमी के बारे में अवगत हुए। स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज नहीं होने के कारण अधिकारियों को भी प्लेटफार्म से रेलवे पटरी से गुजरकर दूसरे प्लेटफार्म पार पहुंचना पड़ा। पटरी पार कर परेशानी से गुजरने के बाद अधिकारियों ने स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज निर्माण पर जोर दिया। इसके बाद निरीक्षण के दौरान स्टेशन परिसर के बाहरी हिस्सा को देखा और पार्किग के लिए बगल के खाली जगह को विकसित करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्टेशन परिसर में प्रवेश और निकासी को लेकर जमीन और अन्य रास्ते की जानकारी ली। अधिकारियों ने स्टेशन प्रवेश करने वाली सड़क पर भ्रमण कर मुख्य सड़क तक जाकर निरीक्षण किया और शहर की आबादी और संसाधन के बारे में पूछताछ की। रेलवे काउंटर पर जाकर आरक्षित टिकट बुकिंग और कर्मी से पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने पाया कि कर्मी की कमी होने के कारण अनारक्षित टिकट काटने वाले कर्मी को ही आरक्षित टिकट के निर्धारित समय में दूसरा काउंटर संभालना पड़ता है।

स्टेशन अधीक्षक कार्यलय पहुंचकर अधिकारियों ने प्रतिदिन आरक्षित और अनारक्षित टिकट बुक होने की पंजी को देखा। मेगा ब्लॉक से पहले छोटी लाइन के दौरान अनारक्षित टिकट बुकिंग की पंजी का अवलोकन किया। इस दौरान पाया कि 2008 में प्रतिदिन औसतन एक हजार यात्री अनारक्षित टिकट बुक कराकर सफर करते थे। वहीं वर्तमान में 700-800 यात्री अनारक्षित टिकट कटाते हैं। उन्होंने स्टेशन के कर्मियों से संबंधित काम के बारे में जानकारी ली। इस दौरान एक कर्मी से आग लगने पर किस प्रकार अग्नि उपकरण को चलाया जाता है उसकी जानकारी ली और प्रयोग कराकर देखा। निरीक्षण के उपरांत अधिकारियों ने कहा कि स्टेशन निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यहां के सुविधा में विस्तार करना है। स्टेशन पर उपलब्ध सुविधा और कमी को रेखांकित करने का काम किया जा रहा है।

प्लेटफॉर्म की सीमेट ढलाई तोड़ने पर भड़के अधिकारी

कोर्ट स्टेशन के जीर्णोद्धार के लिए प्लेटफॉर्म की सीमेट ढलाई जमीन तोड़ने पर निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी भड़क गए। अधिकारी संबंधित अधिकारी को फोन कर जमकर खरी खोटी सुनाई। अधिकारी ने कहा कि मजबूत सीमेट ढलाई को किसके निर्देश पर तोड़ा गया। अधिकारी ने इसे लापरवाही बताया। कहा कि प्लेटफार्म पर पत्थर लगाने के लिए ढलाई तोड़ने की कोई जरूरत नहीं है। ढलाई तोड़ने का काम बंद कर कार्य में परिवर्तन का निर्देश दिया।

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