Pappu Yadav : पूर्णिया में चल रहा बड़ा 'खेल', पप्पू यादव ने इस बात से सबको चौंकाया; अब क्या होगा नीतीश का रिएक्शन?

Bihar Politics पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव लगातार अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। अब उन्होंने एक विभाग पर बड़ा आरोप लगा दिया है। पूर्णिया बायसी बारसोई मनिहारी कटिहार और धमदाहा डिवीजन में बड़े पैमाने पर टेंडर घोटाला हुआ। पिछले कुछ दिनों में देखा गया है कि जिस संवेदक को किसी योजना में बताया गया अयोग्य उसी संवेदक को दूसरी योजना का टेंडर मिला।

By Rajeev Kumar Edited By: Mukul Kumar Publish:Wed, 19 Jun 2024 05:49 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2024 06:05 PM (IST)
Pappu Yadav : पूर्णिया में चल रहा बड़ा 'खेल', पप्पू यादव ने इस बात से सबको चौंकाया; अब क्या होगा नीतीश का रिएक्शन?
पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने टेंडर पर उठाया सवाल

HighLights

  • टेंडर में 10 पैसे के मार्जिन पर सासंद पप्पू यादव ने उठाया सवाल, कहा सब मैनेज
  • दस पैसे से लेकर एक रुपये मार्जिन दिखा मनचाहे संवेदकों को मिला टेंडर

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। Bihar Politics News ग्रामीण कार्य प्रमंडल हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर काम कर रहा है। हाल के महीनों में यहां बड़े पैमाने पर टेंडर घोटाला को अंजाम दिया गया है। इस टेंडर घोटाला को अंजाम देकर जहां अधिकारियों ने अपनी जेंबे गर्म की है। वहीं सरकारी राजस्व को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचाई गई है।

यहां के ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्णिया प्रमंडल से लेकर बायसी, धमदाहा, बारसोई, मनिहारी एवं कटिहार प्रमंडल तक में जमकर धांधली का खेल खेला गया है। यहां जांच बाद कई बाबुओं की गर्दन फंसनी तय मानी जा रही है। '

यहां पिछले एक वर्ष के दौरान जितनी योजनाओं का टेंडर निष्पादित किया गया है, उसमें किस कदर की अनियमितता बरती गयी है उसकी कहानी खुद इन योजनाओं का टेंडर प्रकिया दे रही है।

दर्जनों की संख्या में ऐसी योजनाएं हैं जिसमें योजना के लिए सुरक्षित जमा राशि में महज दस पैसे का बिलो दिखा कर टेंडर को स्वीकृत कर दिया गया है। कई योजनाओं में यह बीस से 40 पैसे व एक रुपये तक है। कुछ में यह आंकड़ा एक सौ रुपये तक का है।

इस मामले में सबसे चौकाने वाली बात यह है कि जिन संवेदक को महज दस पैसे मार्जिन मनी के नाम पर योजना का टेंडर दिया गया है और जिन संवेदकों के निविदा का जरूरी कागजात नहीं रहने के कारण उनके दावे को निरस्त किया गया, उसे दूसरी योजना का टेंडर दे दिया गया है।

इसके अलावा जिन योजनाओं के टेंडर को मंजूरी दस से बीस पैसे घटाकर दी गयी है उसमें जिन संवेदकों को निरस्त किया गया है वह खुद ब खुद कहानी बयां कर रहे हैं।

पूर्णिया सासंद भी इस मामले पर उठा चुके हैं सवाल

लोक सभा चुनाव जीतने के बाद जब पूर्णिया सासंद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) योजनाओं की जांच के लिए ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्णिया प्रमंडल कार्यालय पहुंचे थे तो उन्होंने भी इस मामले पर सवाल उठाया था। कहा कि यहां नियमों को ताक पर रखकर कार्य किया गया है।

सांसद ने खुद इस मामले में जांच की मांग भी की थी। सांसद ने यह भी कहा था कि वे इस मामले को संसद में उठायेंगे और जरूरी हुई तो प्रधानमंत्री सड़क योजनाओं के टेंडर प्रक्रिया की पूरी जांच करवाऐंगे।

सांसद पप्पू यादव ने जब कई योजनाओं की फाइल देखी तो इस बात की जानकारी उन्हें मिली की महज दस पैसे से बीस पैसे कम करके योजनाओं का टेंडर स्वीकृत कर दिया गया है।

टेंडर मैनेज करने के नाम पर होती है दस फीसद की वसूली

Bihar News बताया जाता है कि योजनाओं को मैनज करने के नाम पर दस से बारह फीसद कमीशन वसूला जाता है। इस कमीशन की राशि का बंटवारा ऊपर से लेकर नीचे तक होता है। यही वजह है कि किसी भी योजना का टेंडर जो मैनेज किया जाता है वह महज योजना के लिए स्वीकृत राशि से दस से बीस पैसा कम होता है।

इसके अलावा जो योजनाओं का टेंडर मैनेज नहीं होता है, उसमें दस से बीस फीसद, यहां तक कि 25 फीसद योजना के लिए स्वीकृत राशि से कम पर टेंडर किया जाता है।

बताया जाता है कि पूर्णिया प्रमंडल, बारसोई, मनिहारी, कटीिहार, धमदाहा एवं बायसी डिवीडन में खासकर प्रधानमंत्री संड़क योजनाओं के लिए स्वीकृत टेंडर की जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

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