आपातकाल विशेष: 25 महीने तक सहरसा और भागलपुर जेल में रहे थे आनंद मोहन, साथ में थे नीतीश कुमार

जेपी आंदोलन के दौरान कोसी प्रमंडल में आनंद मोहन एक संघर्षशील युवा के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। जेल से निकलने के बाद वे राजनीति में तेजी के कदम बढ़ाते गए। कोसी के प्रखर स्वतंत्रता सेनानी परमेश्वर कुंवर के निर्देशन में वे आगे बढ़े और अपने राजनीतिक कौशल और संगठन क्षमता के बल पर भूतपूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के चहेते बन गए।

By Kundan Kumar Edited By: Rajat Mourya Publish:Mon, 24 Jun 2024 06:50 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jun 2024 06:50 PM (IST)
आपातकाल विशेष: 25 महीने तक सहरसा और भागलपुर जेल में रहे थे आनंद मोहन, साथ में थे नीतीश कुमार
बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आनंद मोहन। (फाइल फोटो)

जागरण टीम, सहरसा। Anand Mohan Emergency 1975 जेपी की समग्र क्रांति में महती भूमिका निभाने वाले पूर्व सांसद आनंद मोहन कोसी क्षेत्र में सबसे अधिक 25 महीने तक सहरसा व भागलपुर की जेल में रहे। प्रखर आंदोलनकारी के रूप में इनपर अन्य आरोपों के साथ-साथ आपातकाल के दौरान त्रिवेणीगंज थाने में लूटपाट का आरोप लगाया गया था।

मीसा लगाकर इन्हें सहरसा जेल से भागलपुर भेज दिया गया। इस क्रम में वे दो बार जेल में रहे। लगातार 19 महीने की दूसरी जेल यात्रा के दौरान वे जॉर्ज फर्नांडिस, वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार सरकार के मंत्री और विधानसभा के भूतपूर्व स्पीकर त्रिपुरारी प्रसाद सिंह, डिप्टी स्पीकर सूरजभान आदि नेताओं के साथ जेल में रहे।

जॉर्ज फर्नांडिस ने लोकसभा में किया हंगामा, फिर जेल से बाहर आए मोहन

इस क्रम में उन्हें देश के कई बड़े नेताओं के संपर्क में जाने का मौका मिला। आपातकाल के बाद हुए चुनाव में जॉर्ज फर्नांडिस भागलपुर जेल से ही चुनाव जीत गए। इस बीच आनंद मोहन, लक्ष्मण झा और आदिवासी नेता लोपो हो जेल में ही रह गए। जॉर्ज फर्नांडिस व अन्य नेताओं ने लोकसभा में इस मामले को लेकर हंगामा किया, तब इनलोगों को जेल से मुक्ति मिली।

आनंद मोहन की राजनीति

जेपी आंदोलन के दौरान कोसी प्रमंडल में आनंद मोहन एक संघर्षशील युवा के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। जेल से निकलने के बाद वे राजनीति में तेजी के कदम बढ़ाते गए। कोसी के प्रखर स्वतंत्रता सेनानी परमेश्वर कुंवर के निर्देशन में वे आगे बढ़े और अपने राजनीतिक कौशल और संगठन क्षमता के बल पर भूतपूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के चहेते बन गए।

इस क्रम में उनका विधानसभा और लोकसभा जाने का क्रम जारी रहा। पत्नी लवली आनंद भी कई बार विधायक व सांसद बनीं। वर्तमान में पत्नी लवली आनंद सांसद के रूप में व पुत्र चेतन आनंद विधायक बनकर पूर्व सांसद आनंद मोहन की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

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