पूर्व मध्य रेल ने इंटरनेट मीडिया मोबाइल एप कू को अपनाया

सहरसा। पूर्व मध्य रेल ने यात्री सुविधा बढ़ाते हुए अब यात्रियों को रेलवे की हर जानकारी मोबाइल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Feb 2021 06:59 PM (IST) Updated:Tue, 16 Feb 2021 06:59 PM (IST)
पूर्व मध्य रेल ने इंटरनेट मीडिया मोबाइल एप कू को अपनाया
पूर्व मध्य रेल ने इंटरनेट मीडिया मोबाइल एप कू को अपनाया

सहरसा। पूर्व मध्य रेल ने यात्री सुविधा बढ़ाते हुए अब यात्रियों को रेलवे की हर जानकारी मोबाइल एप कू पर देने का बीड़ा उठाया है। रेलवे से जुडी सभी सूचनाएं अब सर्वप्रथम कू पर उपलब्ध रहेगी। अब हर जानकारी पूर्व मध्य रेल अब इंटरनेट मीडिया पर एप कू अपडेट किया जाएगा। जिससे आसानी से यात्री रेल खंड से संबंधित हर जानकारी घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे। इस मोबाइल एप को कोई भी अपने एड्रांयड मोबाइल से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। पूर्व मध्य रेल द्वारा यात्री सेवा, रेल विकास सहित रेलवे से जुड़ी विविध महत्वपूर्ण सूचनाएं पूर्व मध्य रेल के टवीटर हैंडल, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर नियमित तौर पर उपलब्ध करायी जाती है। इसी कड़ी में यह सभी सूचनाएं अब सर्वप्रथम नव विकसित भारतीय मोबाइल एप कू पर उपलब्ध करायी जा रही है। पूर्व मध्य रेल द्वारा इंटरनेट मीडिया एप कू हैंडल पर पोस्ट की गयी सूचनाएं तत्काल प्राप्त करने के लिए पूर्व मध्य रेल की अधिकारिक कू एकाउंट हैंडल को फॉलो किया जा सकता है। जिसके बाद पूर्व मध्य रेल द्वारा कू पर पोस्ट की जानेवाली सूचनाएं कू एप उपयोगकर्ताओं को स्वत: प्राप्त हो जाएगी। जिससे यात्रियों को काफी लाभ मिलेगा।

------------------

कू एप है देसी ट्विटर

कू एप का मकसद भारतीय भाषाओं के लोगों के लिए एक मंच देना है। कू एप को देसी ट्विटर माना जा रहा है और इसमें फीचर्स भी ट्विटर जैसे ही है। इसे एंड्रायड प्लेटफार्म पर फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। कू एप को डाउनलोड करने के लिए गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर कू सर्च करें। डाउनलोड करने के बाद कू को अपने मोबाइल नंबर या ई मेल के जरिए साइन अप किया जा सकता है। यह एप काफी हद तक टवीटर की तरह है। जिसमें एक- दूसरे को फॉलो कर सकते हैं।

------------------------

आडियो- वीडियो पोस्ट करने का है विकल्प

इस मोबाइल एप कू में उपयोगकर्ता के लिए ऑडियो, फोटो तथा वीडियो पोस्ट करने का भी विकल्प उपलब्ध है। ट्विटर की तरह हेशटैग है और कोई भी यूजर किसी को टैग कर सकता है। पिछले साल ही इस देसी एप को विकसित किया गया है और यह डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर भारत इन्नोवेट चैलेंज का विजेता रहा है।

राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

chat bot
आपका साथी