फर्जी टिकट मामले में वांछित दूसरा बुकिंग भी क्लर्क गिरफ्तार

By Edited By: Publish:Thu, 08 May 2014 10:56 PM (IST) Updated:Thu, 08 May 2014 10:56 PM (IST)
फर्जी टिकट मामले में वांछित दूसरा बुकिंग भी क्लर्क गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, छपरा : आरपीएफ ने फर्जी टिकट मामले में वांछित दूसरे बुकिंग क्लर्क अनिल कुमार को दिघवा दुबौली स्टेशन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वह देवरिया जिले का रहने वाला बताया जाता है। जानकारी के मुताबिक पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन पर फर्जी टिकट बेचने के आरोप में आरपीएफ ने बुकिंग क्लर्क प्रवीण कुमार प्रसाद को दो दिन पूर्व गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान प्रवीण ने बुकिंग क्लर्क सिद्धार्थ मिश्रा व अनिल कुमार का नाम बताया था। उसके बाद आरपीएफ प्रभारी डीके शर्मा ने बुधवार को दिघवा दुबौली स्टेशन से बुकिंग क्लर्क अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया। अनिल कुमार उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला अंतर्गत सलेमपुर थाना क्षेत्र के रामपुर बुजुर्ग गांव का रहने वाला है। पूछताछ के दौरान अनिल ने भी सिद्धार्थ मिश्रा को फर्जी टिकट का मास्टरमाइंड बताया है। उसने फर्जी टिकट मामले में कई राज खोले हैं। इस संबंध में आरपीएफ के उपनिरीक्षक ओपी मीणा ने बताया कि फर्जी टिकट मामले में गिरफ्तार प्रवीण कुमार प्रसाद ने सिद्धार्थ मिश्रा व अनिल कुमार का नाम बताया था। उसने बताया था कि यही लोग उसे फर्जी टिकट बेचने के लिए देते थे। जब विजिलेंस ने दस मार्च को छपरा जंक्शन पर छापामारी कर प्रवीण को पकड़ा था, उसके बाद सीनियर डीसीएम ने सिद्धार्थ मिश्रा का स्थानांतरण देवरिया तथा अनिल कुमार का दिघवा दुबौली कर दिया था। पूछताछ के दौरान अनिल ने बताया कि सिद्धार्थ मिश्रा ही उसे फर्जी टिकट बेचने के लिए मजबूर किया था। जिस तरह से वह कहता था उसी तरह पूर्व वाणिज्य अधीक्षक व डीसीआई करते थे। वही इन लोगों से लेन देन करता था। उपनिरीक्षक मीणा ने बताया कि सिद्धार्थ मिश्रा को गिरफ्तार करने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा। इस मामले में जिसका-जिसका नाम आ रहा है उससे भी पूछताछ की जाएगी। उधर, डीसीआई शम्भू कुमार ने बतया कि डयूटी लगाने का कार्य वाणिज्य अधीक्षक करते हैं। इसमें डीसीआई केवल मानिटरिंग का कार्य करते हैं। लेन- देन का आरोप निराधार है।

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