मालभाड़ा तो बढ़ा पर सुविधाएं फिसड्डी
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जागरण संवाददाता,सिवान : रेलवे के यात्री भाड़ा के साथ माल भाड़ा में बढ़ोतरी होने के बाद अब यात्रियों व माल मंगाने वाले व्यापारियों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर बहस छिड़ी है। सवाल उठाये जा रहे हैं कि रेलवे न यात्रियों को पर्याप्त सुविधा दे रही है न ही माल मंगाने वाले व्यापारियों को। सिवान जंक्शन के संदर्भ में यह आरोप सच भी दिखते हैं। यहां से चढ़ने उतरने वाले यात्री भी बेहाल रहते हैं तो मालगोदाम की हालत भी खस्ताहाल है।
सिवान जंक्शन का मालगोदाम बदहाल है। प्रतिमाह पूर्वोत्तर रेलवे को करोड़ों का लाभ देने वाले माल गोदाम के गुड्स साइडिंग को न शेड है न यहां पर लाइटिंग की व्यवस्था। करोड़ों रुपये की सम्पत्ति अंधेरे में लगभग एक किलोमीटर के क्षेत्र में खुले आकाश के नीचे पड़ी रहती है।
बारिश में बर्बाद होते रहते हैं माल
मालगोदाम के गुड साइडिंग पर लगभग एक किलोमीटर के लंबे-चौड़े क्षेत्र में रेक से माल उतारकर रखा रहता है। बारिश होने पर ये सामान खुले आकाश के नीचे रहने से भीगने व गलने लगते हैं, लेकिन रेलवे इन मालों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं करता है। जबकि प्रतिमाह करोड़ों रुपये का लाभ सिवान जंक्शन के मालगोदाम से रेलवे को प्राप्त होता है। उल्लेखनीय है एक रेक को लोड कराने में व्यापारियों को रेलवे को न्यूनतम 15 से 16 लाख रुपये किराये के रूप में देने पड़ते हैं।
व्यापारियों का फटता है कलेजा
यहां सर्वाधिक परेशान एफसीआई के माल, सीमेंट अथवा फर्टिलाइजर मंगाने वाले व्यापारी होते हैं। व्यापारियों का कहना है कि कई बार रेल महाप्रबंधक को यहां की समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बारिश में जब माल भीगकर खराब होने लगता है तो कलेजा फटने लगता है।
रेल मालगोदाम पर क्या हैं समस्या
फर्श कच्चा है, फर्श के गड्ढों में बरसात में भरा रहता है पानी ।
-रेक से उतारकर खुले आसमान के नीचे रखे जाते हैं अनाज, सीमेंट व खाद ।
-रात के अंधेरे में नहीं जलता है लाइट
-चहारदीवारी नहीं है, माल उतरने के बाद अनाज की चोरी में जुट जाते हैं चोर।
-सुरक्षा के नहीं है इंतजाम, व्यापारियों को ही करनी पड़ती है सुरक्षा व्यवस्था।