Bihar Bridge Collapse: बिहार में एक दिन तीन पुल धड़ाम, अगल-बगल के इलाकों से टूटा संपर्क; दो का प्रभुनाथ सिंह ने कराया था निर्माण

Bihar Bridge Collapse बिहार में एक ही दिन तीन पुल धड़ाम हो गए हैं। पुल गिरने का मामला सिवान से सामने आया है। बताया जा रहा है कि पुल गिरने के बाद अगल-बगल के गांवों से संपर्क टूट गया है। इसमें दो पुलों का निर्माण प्रभुनाथ सिंह ने कराया था। उन्होंने अपने सांसद फंड से पुल को बनवाया था लेकिन आज तक इसपर ध्यान नहीं दिया गया।

By Kirti Kumar Pandey Edited By: Mukul Kumar Publish:Wed, 03 Jul 2024 08:44 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2024 02:04 PM (IST)
Bihar Bridge Collapse: बिहार में एक दिन तीन पुल धड़ाम, अगल-बगल के इलाकों से टूटा संपर्क; दो का प्रभुनाथ सिंह ने कराया था निर्माण
सिवान में एक और पुल धड़ाम, अगल-बगल के गांवों से टूटा संपर्क

HighLights

  • 10 लाख की लागत से कराया गया था इस पुल का निर्माण
  • अब तक किसी के जानमाल की क्षति की सूचना नहीं मिली
  • कुछ ही दिनों पहले महाराजगंज में भी गिरा था एक पुल

जागरण संवाददाता, सिवान। Bihar Bridge Collapse सिवान जिले के महाराजगंज प्रखंड के विभिन्न जगहों पर गंडक नदी के छाड़ी (शाखा) पुल पर बने तीन पुल बुधवार की सुबह पानी की तेज धारा में ध्वस्त हो गए। तीनों पुल ध्वस्त होने से गांव में अफरातफरी मच गई।

इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचकर अधिकारियों को इसकी सूचना दी। सूचना पर एडीएम उपेंद्र कुमार समेत अन्य पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंच स्थिति का जायजा लिया। जानकारी के अनुसार, देवरिया गांव में नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया। इसकी लंबी 30 फीट व चौड़ाई 12 फीट थी। यह पुल तीन पाया वाला था।

2004 में हुआ था पुल का निर्माण

इस पुल का निर्माण 2004 में तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह के मद से कराया गया था। इस पुल के गिरने को लेकर अभी विभाग जांच की तैयारी कर ही रहा था कि थोड़ी देर में इसी प्रखंड के टेघड़ा-तेवथा गांव के बीच गंडक नदी के छाड़ी पर बना पुल भी धाराशायी हो गया।

ये दो पुल भी हुए धारासायी

इस पुल की लंबाई 13 फीट तथा चौड़ाई आठ फीट थी। यह पुल दो पाया वाला था। इस पुल का निर्माण 35 वर्ष पूर्व ग्रामीणों द्वारा चंदा एकत्रित कर कराया गया था। वहीं, थोड़ी देर बाद सिकंदरपुर-नौतन गांव के समीप भी पुल ध्वस्त हो गया।

इस पुल की लंबाई 15 फीट तथा चौड़ाई 10 फीट है। यह पुल तीन पाया वाला है। इस पुल का निर्माण 1998 में तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह के मद से छह लाख की लागत से बना था। इसकी आज तक मरम्मत नहीं हुई थी।

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