Lung Cancer: इस गलती से होता है फेफड़े का कैंसर, बनता है 85 प्रतिशत मौत का कारण; बस एक ही है बचाव का उपाय

Lung Cancer Symptoms स्थानीय सदर अस्पताल के गैर संचारी रोग विभाग ओपीडी में स्वास्थ्य कर्मियों ने तंबाकू उत्पाद नहीं लेने की शपथ ली। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डा. श्याम नंदन प्रसाद ने कहा कि किसी भी तरह का तंबाकू उत्पाद हमारे स्वास्थ्य एवं वातावरण के लिए हितकर नहीं है। इसका सेवन लोगों में असाध्य रोगों को जन्म देता है। यह 85 फीसदी मौत का कारण बनता है।

By Chandra Bhushan Singh Shashi Edited By: Sanjeev Kumar Publish:Sun, 02 Jun 2024 12:02 PM (IST) Updated:Sun, 02 Jun 2024 12:02 PM (IST)
Lung Cancer: इस गलती से होता है फेफड़े का कैंसर, बनता है 85 प्रतिशत मौत का कारण;  बस एक ही है बचाव का उपाय
फेफड़े का कैंसर होता है खतरनाक (जागरण)

जागरण संवाददाता, हाजीपुर। Lung Cancer Causes: स्थानीय सदर अस्पताल के गैर संचारी रोग विभाग ओपीडी में स्वास्थ्य कर्मियों ने तंबाकू उत्पाद नहीं लेने की शपथ ली। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डा. श्याम नंदन प्रसाद ने कहा कि किसी भी तरह का तंबाकू उत्पाद हमारे स्वास्थ्य एवं वातावरण के लिए हितकर नहीं है।

इसका सेवन लोगों में असाध्य रोगों को जन्म देता है। इससे निकलने वाला कचरा वातावरण को दूषित करता है। इसके सेवन से ना सिर्फ लोग गंभीर बीमारी से ग्रसित हुए हैं, बल्कि कई लोग काल के गाल में समा गए। तंबाकू सेवन के प्रति रुचि आजकल ना सिर्फ युवाओं में बल्कि स्कूली बच्चों में भी बढ़ती जा रही है। इसे रोकने और मानव जीवन पर इसके कुप्रभाव के बारे में आम अवाम को जागरूक करने की जरूरत है।

अगर कोई इसका शिकार होता है तो फिर बचना मुश्किल 

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. आरके साहू ने कहा कि तंबाकू की लत बहुत खराब होती है। अगर कोई व्यक्ति इसका शिकार हो जाता है तो फिर इससे निकलना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति इससे निकलना चाहे तो इसके लिए उन्हें चिकित्सीय उपचार से ज्यादा मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है। मानसिक स्वास्थ्य जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी दयानंद श्रीवास्तव ने कहा कि तंबाकू सेवन एक धीमा जहर है। यह केवल मुख ही नहीं बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित करता है।

85 प्रतिशत मौत का कारण धूम्रपान

फेफड़े का कैंसर से होने वाली लगभग 85 प्रतिशत मौत का कारण धूम्रपान होता है। खैनी, पुड़िया, जर्दा, पीला पत्ती आदि के सेवन से ओरल कैंसर होने की आशंका सबसे अधिक होती है। तंबाकू से छुटकारा पाने के लिए आत्मविश्वास की जरूरत है। नशामुक्ति केंद्र की मदद या अपनी दिनचर्या को व्यस्त रखकर काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है। मनोवैज्ञानिक सुष्मिता भारती ने कहा 45 लोगों का काउंसलिंग किया गया, जिसमें 30 लोग किसी ना किसी प्रकार से तंबाकू के सेवन करते पाए गए हैं।

बिहार में सबसे अधिक मुंह का कैंसर

होमी भाभा कैंसर संस्थान की डा. खुशबू कुमारी ने कहा कि 40 प्रतिशत कैंसर सिर्फ तंबाकू युक्त पदार्थ के सेवन से होता है। बिहार में सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर होता है, जिसमें 90 प्रतिशत कैंसर तंबाकू आदि के सेवन से होता है। बिहार में तंबाकू खाने वाले हर 1000 में 45 लोगों में बदलाव के लक्षण दिख रहे हैं, यानी अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह लक्षण कैंसर में तब्दील हो सकते हैं।

कार्यक्रम में वित्त सह लाजिस्टिक सलाहकार रुक्मिणी कुमारी, नैदानिक मनोवैज्ञानिक कुमकुम त्रिपाठी, सामुदायिक नर्स केस प्रबंधक रश्मिता साहू, केस निबंधन सहायक हरबंस कुमार, वार्ड सहायक रिंकू कुमारी, फिजियोथेरेपिस्ट वंदना कुमारी, डाटा आपरेटर अमिताभ बच्चन, आदित्य, लैब तकनीशियन संजीव कुमार, जीएनएम राजेंद्र चौधरी, विक्रम सोनकारिया, अनुराग कुमार, होमी भाभा कैंसर संस्थान से डा. आदित्य, वंदना कुमारी, रौशन आरा, शाहीन परवीन, आईसीएमआर सलाहकार बबन कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

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